Maharashtra Politics News: काफी दिनों से बागी मूड में दिख रहे थे अजित पवार,चाचा को दिया बड़ा झटका

Maharashtra News: अजित पवार के साथ नौ अन्य एनसीपी विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली। मजे की बात यह है कि इस मौके पर एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल भी मौजूद थे जिन्हें शरद पवार का काफी करीबी माना जाता रहा है।

Update:2023-07-02 17:03 IST
Deputy CM Ajit Pawar (Pic: Social Media)

Maharashtra Politics News: महाराष्ट्र की सियासत में आज बड़ा उलटफेर हो गया। राज्य में बड़ी ताकत मानी जाने वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में अजित पवार की अगुवाई में बड़ी टूट हो गई। अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार को बड़ा झटका देते हुए शिंदे सरकार में डिप्टी सीएम पद की शपथ ले ली है। महाराष्ट्र में सियासी घटनाक्रम इतनी तेजी से बदला कि एक घंटे के भीतर अजित पवार नेता विपक्ष की भूमिका छोड़कर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम बन गए।

अजित पवार के साथ नौ अन्य एनसीपी विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली। मजे की बात यह है कि इस मौके पर एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल भी मौजूद थे जिन्हें शरद पवार का काफी करीबी माना जाता रहा है। भतीजे अजित पवार की ओर से दिए गए इस झटके के बाद शरद पवार की आगे की सियासी राह काफी मुश्किल मानी जा रही है।

भाजपा से हाथ मिलाने को तैयार नहीं थे शरद पवार

महाराष्ट्र के सियासी हलकों में अजित पवार की नाराजगी की खबरें काफी दिनों से तैर रही थीं। काफी दिनों से अजित पवार भाजपा गठबंधन से हाथ मिलाने की वकालत कर रहे थे मगर शरद पवार इसके लिए तैयार नहीं थे। हालांकि यह भी सच्चाई है कि अजित पवार ने कभी खुलकर इस बाबत कोई बयान नहीं दिया मगर अंदरखाने में विधायकों को तोड़ने में जरूर जुटे रहे। अजित पवार के अलावा कुछ और एनसीपी विधायक भी इसी विचारधारा के थे कि एनसीपी को महाविकास अघाड़ी गठबंधन से बाहर निकलकर भाजपा गठबंधन से हाथ मिला लेना चाहिए।

पटना बैठक के बाद बढ़ गई नाराजगी

शरद पवार ने पिछले दिनों पटना में विपक्षी एकजुटता के लिए हुई बड़ी बैठक में भी हिस्सा लिया था। इस बैठक में उन्होंने कांग्रेस के साथ मिलकर एनडीए के खिलाफ मजबूत मोर्चा बनाने का फैसला किया था। अजित पवार समेत एनसीपी के कई विधायकों को शरद पवार का राहुल गांधी के साथ मिलकर भाजपा के खिलाफ मोर्चा बनाने का यह कदम रास नहीं आया। पटना बैठक के बाद एनसीपी विधायकों में और नाराजगी फैल गई है जिसका नतीजा आज बड़ी बगावत के रूप में सामने आया है।

एनसीपी में फेरबदल से भी नाराज थे अजित पवार

शरद पवार की ओर से हाल में एनसीपी में बड़ा बदलाव किया गया था। शरद पवार ने अपनी बेटी सुप्रिया सुले और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया था। इसके बाद से ही लगातार इस तरह की खबरें आ रही थी कि शरद पवार के इस कदम से अजित पवार नाराज हैं। हालांकि सुप्रिया सुले ने इस तरह की खबरों का खंडन करते हुए कहा था कि अजित पवार राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं और वे कतई नाराज नहीं हैं।

अजित पवार ने पिछले दिनों विधानसभा में विपक्ष के नेता पद से इस्तीफा देने की पेशकश की थी। उनकी इस पेशकश को भी बड़ा सियासी दांव माना जा रहा था। सियासी जानकारों का मानना है कि अजित पवार ने नाराजगी में यह पेशकश की थी। हालांकि इस मुद्दे पर शरद पवार की ओर से कोई टिप्पणी नहीं की गई। एनसीपी में भीतर ही भीतर पल रही नाराजगी का बुलबुला आज फूट गया और पार्टी में बड़ी बगावत के रूप में सामने आया।

काफी तेजी से बदला सियासी माहौल

महाराष्ट्र का सियासी परिदृश्य आज काफी तेजी से बदला। सुबह अजित पवार ने अपने समर्थक विधायकों की बैठक बुलाई थी। इस बैठक के बाद वे अपने समर्थक विधायकों के साथ राजभवन रवाना हो गए। यह सबकुछ इतनी तेजी से हुआ कि संकटमोचक की भूमिका निभाने वाले नेताओं को नाराज विधायकों को संभालने का कोई मौका भी नहीं मिला। मजे की बात यह है कि शरद पवार मुंबई में मौजूद भी नहीं थे। वे इस बैठक के समय पुणे में थे और बैठक के तुरंत बाद सुप्रिया सुले शरद पवार से मुलाकात करने के लिए पुणे रवाना हो गईं।

एनसीपी में हुई इस बगावत के बाद महाविकास अघाड़ी गठबंधन को लेकर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं। गठबंधन में शामिल शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) पहले ही बगावत का शिकार हो चुका है और अब एनसीपी में भी बड़ी बगावत हो गई है। कांग्रेस नेता भी इस गठबंधन को लेकर सहज स्थिति में नजर नहीं आ रहे हैं। ऐसे में महाराष्ट्र में होने वाले अगले लोकसभा चुनाव के दौरान इस गठबंधन के लिए काफी मुश्किलें खड़ी होती नजर आ रही हैं।

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