पुडुचेरी के बाद अब महाराष्ट्र बनेगा अखाड़ा, ऑपरेशन लोटस से सतर्क हुई शिवसेना

शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र सामना में भाजपा और केंद्र की मोदी सरकार को घेरते हुए कहा कि पुडुचेरी में कांग्रेस सरकार को गिराने के बाद अब इनके निशाने पर महाराष्ट्र सरकार होगी।

Update: 2021-02-25 03:58 GMT

नई दिल्ली: पुडुचेरी में नारायणसामी की कांग्रेस सरकार गिरने के बाद महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार पर भी सवाल उठने लगे हैं। शिवसेना ने खुद ही यह सवाल उठाते हुए आरोप लगाया है कि भाजपा की ओर से अब मार्च-अप्रैल में महाराष्ट्र में ऑपरेशन लोटस की शुरुआत की जाएगी। महाराष्ट्र में हाल के दिनों में भाजपा और शिवसेना के बीच जुबानी जंग काफी तेज हो गई है और दोनों दल एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने में जुटे हुए हैं।

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विमान प्रकरण के बाद महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से भी उद्धव सरकार के रिश्ते काफी तनावपूर्ण हो चुके हैं। शिवसेना ने मोदी सरकार पर पुडुचेरी में सरकार गिराने का आरोप लगाते हुए महाराष्ट्र को लेकर सतर्कता बरतनी भी शुरू कर दी है ताकि यहां भी सरकार गिराने का खेल न खेला जा सके।

uddhav thackeray (PC : social media)

कभी नहीं पूरा होगा भाजपा का सपना

शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र सामना में भाजपा और केंद्र की मोदी सरकार को घेरते हुए कहा कि पुडुचेरी में कांग्रेस सरकार को गिराने के बाद अब इनके निशाने पर महाराष्ट्र सरकार होगी। मोदी सरकार और भाजपा की ओर से मार्च-अप्रैल या इसके बाद महाराष्ट्र में ऑपरेशन लोटस की शुरुआत की जाएगी।

वैसे भाजपा को यह समझ लेना चाहिए कि राज्य में उद्धव सरकार को गिराने का उसका सपना कभी पूरा होने वाला नहीं है। उद्वव सरकार पूरी मजबूती के साथ काम कर रही है और भाजपा की साजिशों से उसे नहीं हिलाया जा सकता।

काफी दिनों से चल रही हैं कोशिशें

शिवसेना का कहना है कि भाजपा काफी दिनों से महाराष्ट्र सरकार को निशाना बनाने की कोशिश में जुटी हुई है। मध्यप्रदेश में कमलनाथ की सरकार गिराने के बाद भी अगला निशाना महाराष्ट्र पर अभियान की घोषणा की गई थी मगर भाजपा की कोशिशें परवान नहीं चढ़ सकीं।

उसके बाद बिहार के चुनाव नतीजे आने पर महाराष्ट्र में बदलाव की बात कही गई मगर यह सपना भी नहीं पूरा हो सका। पार्टी ने साफ तौर पर कहा है कि जैसे कहा जाता है कि दिल्ली दूर है, वैसे ही भाजपा को भी समझ लेना चाहिए कि उसके लिए महाराष्ट्र बहुत ही दूर है।

तोड़फोड़ की राजनीति बंद करें भाजपा

पार्टी ने कहा कि विधायकों को तोड़ने के लिए सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स रेड का सहारा भी लिया जा रहा है। कांग्रेस ने भी इस बाबत आरोप लगाए हैं। पुडुचेरी सरकार को गिराने के बाद महाराष्ट्र में भी यह हथकंडा बनाया जा सकता है।

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के साथ तनातनी में उलझी शिवसेना ने सामना के संपादकीय में यह भी लिखा है कि भाजपा को महाराष्ट्र में तोड़फोड़ की राजनीति नहीं करनी चाहिए। पुडुचेरी में सरकार गिराने के लिए जो साजिश रची गई वह पहले ही महाराष्ट्र में अमल में लाई जा चुकी हैं।

shiv-sena (PC : social media)

राज्यपालों का इस्तेमाल कर रही भाजपा

पार्टी के मुताबिक भाजपा के राज में राज्यपाल पद का इस्तेमाल कढ़ी पत्ते की तरह किया जाता है। पुडुचेरी में भी किरण बेदी का जमकर इस्तेमाल किया गया है और बाद में उपयोग करके उन्हें हटा दिया गया। महाराष्ट्र में भी यही सबकुछ करने की कोशिश की जा रही है मगर यहां भाजपा की दाल नहीं गलने वाली है।

सोरेन सरकार को भी अस्थिर करने का प्रयास

पार्टी ने झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार को भी अस्थिर करने का आरोप लगाया है। पार्टी का कहना है कि सोरेन को सत्ता से बेदखल करने के लिए भी केंद्रीय जांच एजेंसी को उनके पीछे लगा दिया गया है।

शिवसेना का कहना है कि कभी दक्षिण भारत में कांग्रेस सबसे मजबूत स्थिति में थी मगर आज पुडुचेरी जैसा छोटा राज्य भी कांग्रेस के हाथ से निकल गया है। पार्टी ने नीति और विचारधारा को किनारे रखकर सरकारों को गिराने की राजनीति को लोकतंत्र के लिए चिंताजनक बताया है।

भाजपा और शिवसेना में इस कारण ठनी

दरअसल शिवसेना का यह बयान अचानक नहीं आया है। महाराष्ट्र में शिवसेना ने भाजपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था मगर चुनाव नतीजे आने के बाद सीएम पद को लेकर दोनों सियासी दलों में मतभेद पैदा हो गए। देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ तो ली मगर बहुमत न होने के कारण उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। बाद में शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार का गठन कर लिया।

bjp-flag (PC : social media)

राज्यपाल से शिवसेना के रिश्ते तनावपूर्ण

राज्य के सियासी घटनाक्रम के कारण भाजपा को अपमान का घूंट पीना पड़ा था और तभी से शिवसेना उद्धव सरकार के भविष्य को लेकर काफी सतर्क है। शिवसेना को पता है की थोड़ी सी ढिलाई पर भी भाजपा की ओर से बड़ा सियासी खेल किया जा सकता है।

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यही कारण है कि शिवसेना ने भाजपा के खिलाफ हमलावर रुख अपना रखा है। महाराष्ट्र के राज्यपाल के साथ शिवसेना के पहले ही 36 के रिश्ते हैं। राज्यपाल को विमान न मुहैया कराने के प्रकरण ने आग में घी डालने का काम किया है। इस कारण शिवसेना राज्य में बड़े सियासी खेल की आशंका से पहले ही सतर्क हो गई है और उसने मोदी सरकार और भाजपा को घेरना शुरू कर दिया है।

रिपोर्ट- अंशुमान तिवारी

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