Mahashivratri 2025: 26 फरवरी को महाशिवरात्रि, श्रवण नक्षत्र का संयोग

Mahashivratri 2025: इस वर्ष महाशिवरात्रि 26 फरवरी को है। चतुर्दशी तिथि 26 फ़रवरी को सुबह 11:8 पर शुरू होगी और 27 फ़रवरी को सुबह 8:54 पर समाप्त होगी।;

Written By :  S S Nagpal
Update:2025-02-20 17:40 IST

Mahashivratri 2025: हर वर्ष फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष महाशिवरात्रि 26 फरवरी को है। चतुर्दशी तिथि 26 फ़रवरी को सुबह 11:8 पर शुरू होगी और 27 फ़रवरी को सुबह 8:54 पर समाप्त होगी। अर्ध रात्रि चतुर्दशी तिथि 26 फरवरी को होने से महाशिवरात्रि 26 फरवरी को मनाई जाएगी। भगवान शिव की पूजा शीघ्र फल प्रदान करने वाली मानी गई है।

महाशिवरात्रि की पूजा में रात के समय की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है। इस वर्ष श्रवण नक्षत्र का संयोग बन रहा है। ये योग सुबह से लेकर शाम 5:08 बजे तक रहेगा इसके उपरांत धनिष्ठा नक्षत्र रहेगा,चन्द्रमा मकर राशि में रहेंगे, परिध योग रहेगा। इस दिन बुध, शनि और सूर्य तीनों कुंभ राशि में विराजमान होंगे जिससे त्रिग्रही योग का निर्माण होगा। सूर्य बुध का बुधादित्य योग होगा।

चार प्रहार की पूजा प्रारम्भ समय- प्रथम प्रहर सायंकाल 06ः06 से, द्वितीय प्रहर रात्रि 09ः12 से , तृतीय प्रहर मध्यरात्रि 12ः19 से, चतुर्थ प्रहर प्रातः 03ः26 से (फरवरी 27) प्रारम्भ होगा।

निशिथ काल पूजा समय- रात 11ः54 से रात 12ः44 तक रहेगा।

क्या है मान्यता

मान्यता है कि इस दिन शिव जी और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इसीलिए महाशिवरात्रि पर्व शिव भक्तों द्वारा धूमधाम से मनाया जाता है। महाशिवरात्रि के दिन शिवजी के भक्त श्रद्धा और विश्वास के साथ व्रत रखते हैं और विधि-विधान से शिव-गौरी की पूजा करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ पृथ्वी पर मौजूद सभी शिवलिंग में विराजमान होते हैं। महाशिवरात्रि पर शिव अराधना से प्रत्येक क्षेत्र में विजय, रोग मुक्ति, अकाल मृत्यु से मुक्ति, गृहस्थ जीवन सुखमय, धन की प्राप्ति, विवाह बाधा निवारण, संतान सुख, शत्रु नाश, मोक्ष प्राप्ति और सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं।

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