मास्क-सेनिटाइजर बेचने वाले हो जाएं सावधान: सरकार ने लिया ये बड़ा फैसला

मास्क और सेनिटाइजर की मांग बढ़ने की वजह से लोग इससे मुनाफा कमाने के चक्कर में मन मुताबिक़ दामों पर बेच रहे हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा।

Update: 2020-03-14 04:35 GMT

दिल्ली: भारत में कोरोना वायरस के मरीजों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। ऐसे में वायरस से बचने के लिए मास्क और सेनिटाइजर की मांग बढ़ने की वजह से बाजारों में उनकी उपलब्धता कम हो गयी है। वहीं लोग इससे मुनाफा कमाने के चक्कर में मास्क और सेनिटाइजर को मन मुताबिक़ दामों पर या ब्लैक में बेच रहे हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा। सरकार ने इन दोनों चीजों को आवश्यक वस्तु अधिनियम में शामिल करने का फैसला लिया है।

मास्क और सेनिटाइजर की मांग बढ़ी:

दरअसल,कोरोना वायरस के कारण मास्क जिसमें 2 प्लाई और 3 प्लाई सर्जिकल मास्क, एन95 मास्क के साथ ही हैंड सेनिटाइजर या तो बाजार में मौजूद नहीं है या बहुत ज्यादा कीमतों पर इनकी बिक्री की जा रही है। ऐसे में लोगो को इनकी खरीद में काफी परेशानी हो रही है। हालाँकि जरूरत होने की वजह से मजबूरन अधिक दामों पर खरीदना पड़ता है।

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सरकार ने दोनों को वस्तु अधिनियम में किया शामिल

हालाँकि लोगों की इस समस्या को समझते हुए सरकार ने उपभोक्ता के हित में फैसला लिया है। केंद्रीय उपभोक्ता मामले मंत्रालय ने बताया है कि कोरोना वायरस के मद्देनजर सरकार ने फैसला लिया है कि इन दोनों को वस्तु अधिनियम में शामिल किया जाए।

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बता दें कि सरकार ने आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की अनुसूची में संशोधन किया है। इसके तहत मास्क और सेनिटाइजर को 30 जून 2020 तक आवश्यक वस्तु के रूप में घोषित करने का फैसला लिया गया है। इसके लिए सरकार ने एडवाइजरी भी जारी कर दी है।

इतना ही नहीं केंद्र सरकार की ओर से राज्य सरकारों को ये शक्ति दी गयी है कि वह आवश्यक वस्तु अधिनियम का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर सकते हैं। इसके तहत आवश्यक वस्तु अधिनियम का उल्लंघन करने वालों को सात साल तक की कैद की सजा भी हो सकती है। वहीं जुर्माना भरने का भी प्रावधान है।

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