जानकारी बढ़ा लीजिए: रामनाथ कोविंद ही नहीं मीरा कुमार का भी है, यूपी से गहरा रिश्ता

Update:2017-06-24 14:53 IST

नई दिल्ली : राजग द्वारा घोषित राष्ट्रपति प्रत्याशी रामनाथ कोविंद के बारे में हम आपको काफी जानकारी दे चुके हैं। आज हम आपको बताते हैं, विपक्ष की प्रत्याशी मीरा कुमार के बारे में। हममें से बहुतों को सिर्फ इतना ही पता होगा, कि वो दिग्गज नेता बाबू जगजीवन राम की बेटी हैं। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष हैं, लेकिन ये नहीं पता होगा की उन्होंने यूपी से ही अपनी राजनीति आरंभ की थी। तो इस तरह से दोनों में से कोई भी राष्ट्रपति बने चर्चा में यूपी ही रहने वाला है।

मीरा देश के दिग्गज दलित नेता एवं पूर्व उपप्रधानमंत्री जगजीवन राम की बेटी हैं। उन्होंने 8वीं, 11वीं, 12वीं, 14वीं और 15वीं लोकसभा में जीत हासिल की। मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली पहली सप्रंग सरकार में मीरा कुमार 2004 से 2009 तक सामाजिक क़ानून एवं सशक्तीकरण मंत्री रही हैं। इसके बाद जब एक बार फिर सप्रंग सरकार बनी तो उन्हें लोकसभा अध्यक्ष बनाया गया।

मीरा कुमार का जन्म भोजपुर बिहार में हुआ, देहरादून, जयपुर और दिल्ली से उन्होंने अपनी शिक्षा पूरी की। इंद्रप्रस्थ कॉलेज और मिरांडा हाउस से अंग्रेजी साहित्य से एमए और फिर एलएलबी किया।1970 में मीरा का चयन भारतीय विदेश सेवा में हुआ। आईएफएस मीरा ने 1976-77 के बीच मैड्रिड, 1977-79 तक लंदन में काम किया। 1980-85 तक उन्होंने नई दिल्ली में विदेशी मामलों के मंत्रालय में काम किया। 10 साल नौकरी करने के बाद उनका इससे मन हट गया और उन्होंने राजनीति में आने का मन बना लिया।

उस समय राजनैतिक तौर पर यूपी की जमीन काफी उपजाऊ थी। कांग्रेस ने मीरा कुमार को 1985 में बिजनौर लोकसभा क्षेत्र से उपचुनाव में उतारा। यहाँ उन्होंने मायावती(बसपा सुप्रीमो) और रामविलास पासवान (लोजपा सुप्रीमो) को हराया और पहली बार संसद पहुंच गई। इसके बाद हुए आम चुनाव में वो बिजनौर से हार गई।

उन्होंने दिल्ली की करोलबाग सीट से तीन चुनाव जीते। 1999 के आम चुनाव में उन्हें करोलबाग सीट से हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद उन्होंने अपने पिता की सीट सासाराम से साल 2004 और 2009 का लोकसभा चुनाव जीता। 2014 में उन्हें यहाँ भी हार का सामना करना पड़ा।

मीरा कुमार के पति मंजुल कुमार सुप्रीम कोर्ट में वकील हैं। मीरा के एक बेटा व दो बेटियां हैं।

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