अब नहीं होगी आधार की जरूरत, ऐसे दें जिंदा होने का सबूत, सरकार ने दी राहत

यह कदम बुजुर्ग पेंशन धारकों की शिकायतों को दूर करने के लिए उठाया गया है। बुजुर्ग पेंशन धारकों का कहना है जिनके पास आधार कार्ड नहीं है उनको पेंशन प्राप्त करने में दिक्कत आती है।

Update:2021-03-22 17:41 IST
अब नहीं होगी आधार की जरूरत, ऐसे दें जिंदा होने का सबूत, सरकार ने दी राहत

रामकृष्ण वाजपेयी

नई दिल्ली: बुजुर्गों के लिए एक अच्छी खबर आई है कि पेंशनधारकों को अपने जिंदा होने का प्रमाण देने के लिए अब आधार कार्ड दिखाना अनिवार्य नहीं होगा। केंद्र सरकार ने नए नियमों में इस बाध्यता से छूट दे दी है। मैसेजिंग सॉल्यूशन ‘संदेश’ और सरकारी दफ्तरों में बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम से भी आधार नंबर की अनिवार्यता हटा दी गई है।

किसलिए उठाया गया ये कदम

दरअसल, यह कदम बुजुर्ग पेंशन धारकों की शिकायतों को दूर करने के लिए उठाया गया है। बुजुर्ग पेंशन धारकों का कहना है जिनके पास आधार कार्ड नहीं है उनको पेंशन प्राप्त करने में दिक्कत आती है। इसके अलावा आधार कार्ड बनाते समय लिए गए फिंगरप्रिंट धुंधली पड़ जाने से भी उन्हें परेशानी हो रही है।

खास बात ये है कि ये नियम सरकार ने बुजुर्गों को लंबी यात्रा कर पेंशन प्रदान करने वाली एजेंसी के समक्ष उपस्थित होने की परेशानी से राहत देने के लिए उठाया था। जिसमें सेवानिवृत्ति वाले संस्थान का अपने ही जिंदा होने का प्रमाण पत्र पेश करना पड़ता था।

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आधार सत्यापन अब अनिवार्य नहीं

केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी व इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय की तरफ से जारी अधिसूचना के अनुसार, जीवन प्रमाण में आधार सत्यापन अब अनिवार्य नहीं, स्वैच्छिक होगा। कंपनियों को जीवन प्रमाणपत्र के लिए विकल्प उपलब्ध कराने होंगे। राष्ट्रीय सूचना केंद्र (एनआईसी) को आधार अधिनियम 2016, आधार नियमन 2016 और यूआईडीएआई के ऑफिस मेमोरेंडम, सर्कुलरों व दिशानिर्देशों का पालन करना होगा।

(सांकेतिक फोटो- सोशल मीडिया)

इसी तरह, मंत्रालय ने संदेश एप के लिए भी आधार सत्यापन खत्म कर दिया है। एनआईसी ने गवर्नमेंट इंस्टेंट मैसेजिंग सिस्टम प्रोजेक्ट के तहत यह एप तैयार किया था, जिसका उपयोग सरकारी विभागों में किया जा रहा है।

आम जनता के लिए भी उपलब्ध होगा ये एप

एप की अवधारणा की पुष्टि नीति आयोग, सीबीआई, सूचना प्रौद्योगिकी व इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय, सीबीआई, रेलवे, सेना, नौसेना, राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय, इंटेलिजेंस ब्यूरो, बीएसएफ, सीआरपीएफ, दूरसंचार विभाग और गृह मंत्रालय समेत 150 संगठनों ने की है। सरकार एप को आम जनता के लिए भी उपलब्ध कराना चाहती है। बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम के लिए भी अब आधार की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है।

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पहले कही गई थी ये बात

इससे पहले 2018 में भी एक सर्कुलर में हालांकि कहा गया था कि अगर पेंशन पाने वाला कोई व्यक्ति डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट जमा नहीं करा पाता है तो इन दो तरीके से फिजिकल फॉर्म भी लिया जा सकता है, पहला ये कि पेंशन पाने वाले जो लोग पहले आधार वेरीफाइड डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट जमा करा चुके हैं, उन से फिजिकल फॉर्म लिया जाय।

दूसरा यह कि पेंशन पाने वाले जिन लोगों ने आधार वेरीफाइड डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट सही वजह से नहीं जमा कराया है, वे खुद जाकर फिजिकल फॉर्म जमा करा सकते हैं। उन्हें हालांकि ऑफिस में आधार वेरीफाइड डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट नहीं जमा कराने की वजह बतानी होगी।

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