बेटे की मौत पर मां ने गाया गाना, स्टोरी पढ़ आंखों में आ जायेंगे आंसू
राजनांदगांव के रंगकर्मी और संगीतकार सूरज तिवारी (30) का बीते शनिवार को निधन हो गया। सूरज की इच्छा थी कि उनकी अंतिम यात्रा गीत और संगीत के साथ निकाली जाए। घर से शव यात्रा निकलने से पहले लोक कलाकार मां पूनम तिवारी ने बेटे की अर्थी के सामने जीवन की सच्चाई पर आधारित लोकगीत 'चोला माटी के हे राम, एखर का भरोसा' गाकर उन्हें अंतिम विदाई दी।
छत्तीसगढ़: एक ऐसी मां जिसने अपने बेटे की इच्छा पूरी करने के लिए अपनी सारी संवेदना और दर्द को किनारे कर दिया। यह मामला है छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले का जिसमें एक ऐसी घटना घटी है, कि जब मां ने अपने बेटे की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए अपनी सारी तकलीफों और जज्बात को भुला दिया।
बता दें कि लोक कलाकार बेटे को लोक गीत 'चोला माटी के राम...' पसंद था, उसकी इच्छा थी कि उसकी अंतिम यात्रा में ये गीत गाया जाए। बीते शनिवार अचानक बेटे का निधन हो गया। बेटे की इच्छा पूरी करने के लिए मां ने उसकी अर्थी के सामने बैठकर वही लोक गीत गाया जिस लोक गीत को अपने अन्तिम यात्रा में सुनने की कभी उसने इच्छा अपनी मां से जाहिर की थी।
ये भी देखें : प्रियंका गांधी का फोन हैक! कांग्रेस नेता ने कही ये बड़ी बात
राजनांदगांव के रंगकर्मी और संगीतकार सूरज तिवारी (30) का बीते शनिवार को निधन हो गया। सूरज की इच्छा थी कि उनकी अंतिम यात्रा गीत और संगीत के साथ निकाली जाए। घर से शव यात्रा निकलने से पहले लोक कलाकार मां पूनम तिवारी ने बेटे की अर्थी के सामने जीवन की सच्चाई पर आधारित लोकगीत 'चोला माटी के हे राम, एखर का भरोसा' गाकर उन्हें अंतिम विदाई दी।
मंचों से कई बार गा चुकी हैं ये गीत
दाउ मंदराजी अलंकरण से सम्मानित कलाकार मां पूनम तिवारी मंचों पर 'चोला माटी के राम..' यह गीत कई बार गा चुकी हैं, लेकिन उन्होंने जब बेटे की अर्थी के सामने ये गीत गाया तो वहां मौजूद लोग अपनी भावनाओं को रोक नहीं पाए और सभी रोने लगे। कला जगत से जुड़े सूरज के साथियों ने तबला, हारमोनियम में संगत भी दी।
ये भी देखें : अभी-अभी बड़ा हादसा: नदी में गिरी यात्रियों से भरी बस, अब तक 8 की मौत
कलाकार पूनम तिवारी का कहना है कि वो इसे अपने बेटे के लिए सही श्रद्धांजलि मानती हैं। पूनम तिवारी ने मीडिया को बताया कि उनके बेटे की यही इच्छा थी, इसलिए उसे पूरा किया।
हदय रोग से पीड़ित थे संगीतकार सूरज
बता दें कि रंगछत्तीसा के संचालक, रंगकर्मी व संगीतकार सूरज हदय रोग से पीड़ित थे। बीते 26 अक्टूबर को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 2 नवंबर की सुबह उनका निधन हो गया।
https://www.facebook.com/newstrack/videos/2547905988629024/
ये भी देखें : चिन्मयानन्द यौन शोषण मामले में बड़ा खुलासा, बीजेपी नेताओं ने ही…
सोशल मीडिया पर भी दी जा रही भाव-भीनी श्रद्धांजली
सूरज की असमय मौत के बाद से सोशल मीडिया पर भी उन्हें काफी लोगों ने श्रद्धांजलि दी। वहीं उनकी मां की तरफ से गाया गया लोकगीत का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
एक बेटे का असमय चले जाना उस मां के लिए बहुत ही दुःख-दायी होता है लेकिन इस मां ने अपने बेटे की अन्तिम इच्छा भी पूरी किया। इसी लिए कहा जाता है कि मां, आखिर मां होती है।