#IndiaMobileCongress : मुकेश अंबानी बोले- डेटा नया ईंधन, आयात की जरूरत नहीं

रिलांयस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के अध्यक्ष मुकेश अंबानी ने बुधवार को कहा कि डेटा एक नया ईंधन है और इसे आयात करने की कोई जरूरत नहीं है।

Update: 2017-09-27 20:27 GMT

नई दिल्ली: रिलांयस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के अध्यक्ष मुकेश अंबानी ने बुधवार को कहा कि डेटा एक नया ईंधन है और इसे आयात करने की कोई जरूरत नहीं है। इंडिया मोबाइल कांग्रेस को संबोधित करते हुए अंबानी ने कहा, "डेटा नया ईंधन है, भारत को इसे आयात करने की जरूरत नहीं है। हम इसे सुपर प्रचुरता में रखते हैं। यह मूल्य का एक नया स्रोत होगा और भारत तथा लाखों भारतीयों के लिए अवसर और समृद्धि पैदा करेगा।"

अंबानी ने कहा, "एक राष्ट्र के तौर पर, हमने पहले की तीन वैश्विक औद्योगिक क्रांतियों -यंत्रीकरण, अपार उत्पादन और स्वचालन का प्रयोग नहीं किया, लेकिन चौथी औद्योगिक क्रांति, कनेक्टिविटी से प्रेरित, डेटा और कृत्रिम बुद्धिमत्ता की शुरुआत अब हो गई है।"

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उन्होंने कहा, "भारत को चौथी औद्योगिक क्रांति का नेतृत्व करने का मौका मिला है, जो पिछले तीन क्रांतियों की तुलना में विश्वस्तर पर और अधिक चमत्कारिक परिवर्तनों के लिए तैयार है। मोबाइल इंटरनेट और क्लाउड कंप्यूटिंग चौथी औद्योगिक क्रांति की मूलभूत प्रौद्योगिकियां हैं।"

अंबानी ने कहा कि भारतीय मोबाइल बाजार अब डेटा के साथ बह निकला है। उन्होंने कहा, "हमने सभी 1.3 अरब भारतीयों, यहां तक कि दूरस्थ गांवों में रह रहे लोगों समेत हरेक के लिए डेटायुक्त एक मजबूत डिजिटल परिसंचरण प्रणाली बनाने के लिए काम किया है।"

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अंबानी ने कहा, "अगले 12 महीनों में, भारत में 4 जी कवरेज 2 जी कवरेज से बड़ा हो जाएगा। भारत के दबदबे की जरूरतों और चुनौतियों के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी की क्रांतिकारी शक्तियों को लागू करने की तुरंत जरूरत है।"

उन्होंने उद्योग और सरकार को एक साथ मिलकर तीन तरह के कार्य करने का सुझाव दिया। सबसे पहले, उन्होंने कहा, "हमें लाखों भारतीय युवाओं के लिए रोजगार, आत्म-रोजगार और आय-उत्पादक अवसरों को पैदा करने के लिए नए विचारों को तलाशना और उन्हें लागू करना होगा।"

दूसरा, राष्ट्रीय प्राथमिकताओं को प्राप्त करने के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी ऊर्जा सुरक्षा, जल सुरक्षा, और संसाधन सुरक्षा वरदान साबित हो सकती है और तीसरा, भारत की मानव पूंजी हमारी सबसे बड़ी संपत्ति है।

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अंबानी ने कहा, "इसलिए, व्यापक तरीके से शिक्षण, प्रशिक्षण और मानव संसाधन विकास के डिजिटीकरण को डिजिटल इंडिया की सफलता के लिए पूर्व शर्त माना जाना चाहिए। इन सभी कार्यो को पूरा करने के लिए, दूरसंचार और आईटी उद्योग को अर्थव्यवस्था और सरकार के हर व्यवसाय और हर संस्था, सबसे छोटी से सबसे बड़ी तक के हर क्षेत्र के साथ भागीदारी करनी होगी।"

उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि अगले 10 वर्षों में, भारत ढाई खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था से बढ़कर सात खरब डॉलर तक पहुंच जाएगा और दुनिया के शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में शालि होगा।"

--आईएएनएस

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