चीन को बड़ा झटका देने की तैयारी में मोदी, अब खत्म होगा चीनी उत्पादों का दबदबा

कोरोना वायरस के कारण डूब रही देश की अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए 20 लाख करोड़ का आर्थिक पैकेज और साथ में आत्मनिर्भर भारत का नारा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन की इन दो सबसे महत्वपूर्ण बातों में एक बड़ा गूढ़ संदेश भी छिपा हुआ है।

Update:2020-05-13 00:22 IST

अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली: कोरोना वायरस के कारण डूब रही देश की अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए 20 लाख करोड़ का आर्थिक पैकेज और साथ में आत्मनिर्भर भारत का नारा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन की इन दो सबसे महत्वपूर्ण बातों में एक बड़ा गूढ़ संदेश भी छिपा हुआ है। दरअसल मोदी कोरोना संकट के इस काल में चीन को एक बड़ा झटका देने की तैयारी कर रहे हैं। जानकारों के मुताबिक प्रधानमंत्री का लोकल के लिए वोकल बनने का जोर चीन को एक बड़ा संदेश साबित होने वाला है।

स्थानीय उद्योगों को मिलेगी ताकत

देश को आत्मनिर्भर बनाने की इस मुहिम से साफ है कि पीएम मोदी दूसरे देशों पर भारत की निर्भरता को कम करना चाहते हैं। इसके साथ ही स्थानीय स्तर पर उत्पादों को बढ़ावा देने से स्वरोजगार के अवसर बढ़ने के साथ ही अर्थव्यवस्था को भी काफी रफ्तार मिलेगी। जानकारों का कहना है कि इससे देश में चीनी उत्पादों के दबदबे मैं काफी कमी आएगी और स्थानीय स्तर पर छोटा-मोटा उद्योग लगाकर अपनी रोजी रोटी चलाने वालों को काफी ताकत मिलेगी।

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तमाम देशों के लिए बड़ा बाजार है भारत

प्रधानमंत्री ने अपने भाषण के दौरान इस बात का विशेष रूप से जिक्र किया कि हमें आपदा को अवसर बनाने का तरीका खोजना होगा। यदि हम इस संकटकाल में भी देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के अवसर खोजने में कामयाब हो गए तो निश्चित रूप से आने वाले दिनों में अर्थव्यवस्था को काफी मजबूती मिलेगी। जानकारों का कहना है कि मोदी इस बात को बखूबी जानते हैं कि 130 करोड़ की आबादी वाला यह देश दुनिया के तमाम बड़े देशों के लिए एक बड़ा बाजार है और वे यहां अपना उत्पाद खपाकर भारी-भरकम कमाई करते हैं। अब मोदी की नजर इस बात पर गई है और अब वे चीन सहित अन्य देशों को भारत से अकूत कमाई का मौका नहीं देना चाहते।

दोनों देशों के कारोबारी रिश्ते

भारत और चीन के बीच कारोबारी और आर्थिक रिश्ते पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़े हैं। भारत चीन को मुख्य रूप से कपास,तांबा, हीरा और अन्य प्राकृतिक रत्नों का निर्यात करता है जबकि चीन भारत को मशीनरी, टेलीकॉम उपकरण, बिजली से जुड़े उपकरण, जैविक रसायन और खाद आदि का निर्यात करता है मगर यहां एक बात विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि इस कारोबार में चीन को भारत से कई गुना ज्यादा फायदा हो रहा है।

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सौ बिलियन डॉलर का है कारोबार

भारत और चीन के बीच कारोबार में किस तरह बढ़ोतरी हुई है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस सदी के शुरुआती यानी साल 2000 में दोनों देशों के बीच कारोबार केवल तीन अरब डॉलर का था जो 2008 में बढ़कर 51.8 अरब डालर का हो गया। इस तरह चीन अमेरिका की जगह लेकर भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बन गया। 2018 में दोनों देशों के बीच कारोबारी रिश्ते नई ऊंचाइयों पर पहुंच गए और दोनों के बीच 95.54 अरब डालर का व्यापार हुआ। पिछले साल भारत और चीन का कारोबार करीब 100 बिलियन डॉलर पार कर गया। इससे समझा जा सकता है कि भारत और चीन दोनों के बीच कारोबारी रिश्ते कितने मजबूत हो चुके हैं।

चीन कमा रहा पांच गुना ज्यादा फायदा

वैसे भारत और चीन के बीच कारोबार में इतनी जबरदस्त बढ़ोतरी के बीच एक और तथ्य को समझना ज्यादा जरूरी है। दोनों देशों के बीच कारोबार इतना ज्यादा बढ़ जाने का मतलब यह नहीं है कि दोनों को बराबर फायदा हो रहा है। दरअसल इस कारोबार की मोटी कमाई चीन के हिस्से में जा रही है। भारतीय विदेश मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक 2018 में भारत और चीन के बीच 95.54 अरब डालर का जो कारोबार हुआ उसमें भारत ने सिर्फ 18.84 अरब डॉलर का ही निर्यात किया। इसको दूसरे शब्दों में इस तरह समझा जा सकता है कि चीन ने भारत से कम सामान खरीदा और उसे पांच गुना ज्यादा सामान बेचा। ऐसे में इस कारोबारी रिश्ते का बड़ा फायदा चीन को ही हो रहा है। देश के बाजारों में चीनी उत्पादों की भरमार है और चीन इन उत्पादों के जरिए अकूत कमाई कर रहा है।

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चीन को झटके के साथ कमाई भी होगी

पीएम मोदी ने अपने भाषण के दौरान आत्मनिर्भर भारत का जिक्र काफी सोच-समझकर किया है। मोदी को यह बात पता है कि देश में प्रतिभा की कमी नहीं है और यदि देश के लोग देश को आत्मनिर्भर बनाने की मुहिम में जुट जाएंगे तो आत्मनिर्भरता के साथ ही विदेशों को सामान निर्यात करके भी भारी कमाई की जा सकती है। इसके साथ ही साथ इस मुहिम से चीन को भी भारी झटका लगेगा क्योंकि ऐसी स्थिति में देश के बाजारों में चीन के उत्पादों की खपत काफी घट जाएगी। इससे साफ है कि मोदी कोरोना संकट के इस काल में चीन को भारी झटका देने की तैयारी में जुटे हैं।

विदेशी कंपनियों को भारत लाने की तैयारी

हाल के दिनों में कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर दुनियाभर के निशाने पर आए चीन से तमाम विदेशी कंपनियां अपना कारोबार समेट रही हैं। मोदी चीन से कारोबार समेट रही विभिन्न विदेशी कंपनियों को भारत लाने की मुहिम में भी जुटे हुए हैं। इसके लिए केंद्र सरकार लगातार विभिन्न राज्य सरकारों के साथ संपर्क में है। मोदी इन विदेशी कंपनियों को तमाम सुविधाएं मुहैया कराकर चीन को एक और बड़ा झटका देने की तैयारी कर रहे हैं।

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