बिहार में उपेंद्र कुशवाहा को NDA का बड़ा तोहफा, राज्यसभा भेजने का फैसला, जातीय समीकरण साधने की कोशिश

Upendra Kushwaha: बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और ऐसे में एनडीए कुशवाहा वोट बैंक के समीकरण को साधने की कोशिश में जुटा हुआ है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2024-07-02 05:50 GMT

Upendra Kushwaha   (photo: social media )

Upendra Kushwaha: बिहार की काराकाट लोकसभा सीट से चुनाव हारने वाले उपेंद्र कुशवाहा को एनडीए ने बड़ा गिफ्ट दिया है। उपेंद्र कुशवाहा को भाजपा के कोटे से राज्यसभा भेजा जाएगा। बिहार प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा कि एनडीए की ओर से उपेंद्र कुशवाहा को राज्यसभा भेजने का फैसला किया गया है। यह एनडीए का सामूहिक फैसला है।

सियासी जानकारों का मानना है कि बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और ऐसे में एनडीए कुशवाहा वोट बैंक के समीकरण को साधने की कोशिश में जुटा हुआ है। उपेंद्र कुशवाहा को कुशवाहा बिरादरी का बड़ा नेता माना जाता रहा है और उन्हें राज्यसभा भेजने से कुशवाहा वोट बैंक को साधने में एनडीए को बड़ी मदद मिलेगी। इसी के मद्देनजर यह फैसला किया गया है।

काराकाट से लोकसभा चुनाव हार गए थे कुशवाहा

हाल में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान राष्ट्रीय लोक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा काराकाट लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरे थे। भोजपुरी स्टार पवन सिंह ने निर्दल उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में उतरकर कुशवाहा का समीकरण बिगाड़ दिया। इस लोकसभा सीट पर भाकपा माले के राजा राम सिंह ने 105858 वोटों से जीत हासिल की थी। शुरुआत में इस सीट से पवन सिंह आगे चल रहे थे मगर आखिरकार राजा राम सिंह ने बाजी मार ली।

भाकपा माले के नेता राजा राम सिंह ने 3,80,581 वोट के साथ इस सीट पर जीत दर्ज की। वहीं, भोजपुरी स्टार पवन सिंह को 2,74,723 वोट और आरएलएम पार्टी के नेता उपेंद्र कुशवाहा को सिर्फ 2,53,876 वोट मिले हैं। इस तरह लोकसभा चुनाव के दौरान उपेंद्र कुशवाहा तीसरे नंबर पर पहुंच गए थे। इस लोक सभा सीट पर आखिरी चरण में एक जून को मतदान हुआ था।


कुशवाहा वोट बैंक पर एनडीए की निगाहें

लोकसभा चुनाव में हार के बाद अब एनडीए की ओर से उपेंद्र कुशवाहा को राज्यसभा भेजने की तैयारी है। इसे कुशवाहा वोट बैंक को लुभाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। बिहार में कुशवाहा वोट बैंक की हिस्सेदारी करीब 4.2 फ़ीसदी की है। राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कुशवाहा मतदाताओं की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होगी। इसी कारण उपेंद्र कुशवाहा को राज्यसभा भेजने का फैसला किया गया है।

भाजपा नेताओं का एक वर्ग पहले ही यह मांग कर रहा था। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और बिहार भाजपा के प्रभारी विनोद तावड़े ने भी राज्यसभा सीट उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय लोक मोर्चा को देने की बात कही थी। अब बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि एनडीए की ओर से उपेंद्र कुशवाहा को राज्यसभा भेजा जाएगा। उन्हें भाजपा के कोटे से उच्च सदन में भेजने की तैयारी है।


जदयू ने भी कुशवाहा उम्मीदवार उतारा

बिहार में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कुशवाहा मतदाताओं का समर्थन हासिल करने की होड़ मची हुई है। भाजपा के साथ ही जदयू ने भी कुशवाहा वोट बैंक पर निगाहें लगा रखी हैं। कुशवाहा मतदाताओं को लुभाने के लिए जदयू ने भी बड़ा कदम उठाया है। पार्टी ने राज्य की एकमात्र एमएलसी सीट पर होने वाले चुनाव के लिए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भगवान सिंह कुशवाहा को अपना उम्मीदवार बनाया है।


राजद ने भी चली बड़ी सियासी चाल

दूसरी ओर राजद की ओर से भी कुशवाहा मतदाताओं को लुभाने की कोशिश की जा रही है। इस बार के लोकसभा चुनाव में कई लोकसभा सीटों पर राजद को कुशवाहा मतदाताओं में सेंध लगाने में कामयाबी मिली है।

इसीलिए राजद ने भी विधानसभा चुनाव के दौरान कुशवाहा वोट बैंक का समर्थन हासिल करने के लिए बड़ी सियासी चाल चली है। पार्टी ने औरंगाबाद से पहली बार सांसद बने अभय कुशवाहा को लोकसभा में अपना नेता नियुक्त किया है।


जदयू को झटका देने की कोशिश

राज्य के बदले हुए सियासी हालात में राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव जदयू के कुशवाहा समर्थन आधार को और कमजोर बनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। अभय कुशवाहा की नियुक्ति को इसी कड़ी में उठाया गया कदम माना जा रहा है।

राजद की ओर से उठाए गए कदम के बाद जदयू के लिए कुशवाहा मतदाताओं को अपने साथ जोड़े रखना बड़ी चुनौती बन गया है। बिहार में इंडिया गठबंधन की ओर से इस बार सात कुशवाहा उम्मीदवार उतारे गए थे जिनमें से दो ने जीत हासिल की है। अन्य कुशवाहा उम्मीदवारों को भी मतदाताओं का खासा समर्थन मिला है।



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