उमर खालिद गिरफ्तारः छात्र नेता पर दिल्ली हिंसा में लगे हैं संगीन आरोप
आपको बता दें कि इसी साल फरवरी में दिल्ली में हुई हिंसा के मामले में उमर ख़ालिद पर दिल्ली पुलिस ने 6 मार्च 2020 को एक एफआईआर दर्ज की थी।
नई दिल्ली: टुकड़े-टुकड़े गैंग के सदस्य जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने बीती रात को दिल्ली हिंसा मामलों में गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने उमर खालिद को पहले सिर्फ पूछताछ के लिए बुलाया था। लेकिन उसके बाद रात 11 बजे से 1 बजे तक पूछताछ करने के बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने उमर खालिद को अपनी गिरफ्त में ले लिया।
उमर खालिद पर लगे हैं काफी संगीन आरोप
आपको बता दें कि इसी साल फरवरी में दिल्ली में हुई हिंसा के मामले में उमर ख़ालिद पर दिल्ली पुलिस ने 6 मार्च 2020 को एक एफआईआर दर्ज की थी। एफआईआर में उमर खालिद पर काफी संगीन इल्जाम लगाए गए थे। जिसमें लोगों को जमा करना, दंगे भड़काना, दंगों की पूर्व नियोजित साजिश रचना, भड़काऊ भाषण देना, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दौरे के दौरान लोगों को सड़क पर प्रदर्शन करने के लिए उकसाना शामिल है।
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इन संगीन आरोपों के बाद UAPA एक्ट के तहत गिरफ्तार उमर खालिद का जिक्र दिल्ली पुलिस ने हिंसा पर कोर्ट में पेश की अपनी एडिशनल चार्जशीट में भी किया था। दिल्ली हिंसा केस में गिरफ्तार की गई 'पिंजरा तोड़' की 3 महिला सदस्यों ने उमर खालिद का नाम लिया था। पुलिस की माने तो 'पिंजरा तोड़' की 3 छात्राओं देवांगना कलिता, नताशा नरवाल और गुलफिशा फातिमा के मुताबिक, उमर खालिद ने उन्हें दंगे के लिए उकसाया और भीड़ को लामबंद करने का काम किया था। इस अहम कबूलनामे के बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने कल उमर खालिद को समन भेजकर पूछताछ के लिए तलब किया था।
कई हस्तियों के नाम का भी चार्जशीट में जिक्र हो चुका है
इन सब आरोपों के आधार पर ही पुलिस ने उमर खालिद को पूछताछ के लिए बुलाया था। जहां पुलिस को उमर खालिद पर शक और गहराता चला गया। नतीजन पुलिस ने उमर को तत्काल गिरफ्तार कर लिया। उमर की गिरफ्तारी की जानकारी उमर खालिद के पिता सैयद कासिम रसूल इलियास ने भी ट्वीट करके दी। हालांकि दिल्ली हिंसा में इससे पहले दिल्ली पुलिस की एडिशनल चार्जशीट का जमकर मखौल उड़ा।
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दिल्ली पुलिस ने 3 आरोपियों के कबूलनामें के बिनाह पर सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी, स्वराज अभियान के प्रमुख योगेंद्र यादव, आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान, भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर और दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद के नाम का जिक्र चार्जशीट में किया था। लेकिन बाद में कोई ठोस आधार नहीं होने पर जब सवाल उठे तो दिल्ली पुलिस ने सफाई देते हुए कहा कि ये सभी दंगे के आरोपी नहीं है। सिर्फ इनके नाम का जिक्र है। ऐसे में अब देखना होगा दिल्ली हिंसा में पुलिस ने उमर खालिद की गिरफ्तारी सिर्फ 'जिक्र' के लिए की है या उमर खालिद के खिलाफ दिल्ली पुलिस के पास है कोई ठोस सबूत।