पैसा वसूल ट्रेन यात्रा: रेलवे देगा ऐसी लग्जरी सुविधाएं, सफर होगा इतना आरामदायक

ऐसे में अब रेलवे एक नए अवतार में आने की तैयारी कर रहा है। भारतीय रेलवे जल्द ही आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत 20 नए Innovation करने जा रही है।

Update:2020-07-26 23:36 IST

नई दिल्लीः पिछले कुछ महीनों से देश में ज़ारी कोरोना वायरस के कारण रेल सेवा पूरी तरह से बाधित है। ऐसे में अब जब सरकार के द्वारा अनलॉक प्रक्रिया शिरू कर दी गई है और रेल सेवा को भी कुछ हद तक शुरू किया गया है। ऐसे में अब रेलवे एक नए अवतार में आने की तैयारी कर रहा है। भारतीय रेलवे जल्द ही आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत 20 नए Innovation करने जा रही है। इसकी घोषणा खुद रेल मंत्री पीयूष गोयल ने एक वीडियो ट्वीट करते हुए जानकारी साझा की है।

रेलवे करेगी कुछ नए इनवेंशन

कोरोना और लॉकडाउन के बाद अब रेलवे एक नए रूप में आने की तैयारी कर रहा है। रेलवे कुछ नए इनोवेशन करने की सोच रहा है। इन इनोवेशन में कोच के अंदर सीसीटीवी, बिना बिजली के चलने वाला ठंडे पानी का कूलर और यात्रियों के लिए अलार्म शामिल है। जो ट्रेन चलने से पहले इसकी सूचना यात्रियों को देगा। इसके साथ ही हवा की गुणवत्ता की जानकारी देती मशीन भी है। ये मशीन रेलवे ने इलाहाबाद में लगाई है।

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इसके साथ ही बिना बिजली की खपत से चलने वाले वॉटर कूलर बोरीवली, दहानू रोड, नंदुरबार, उधनास और बांद्रा रेलवे स्टेशनों पर लगाए गए हैं। इन नए इनवेंशन की बदौलत अब यात्रियों की कोई ट्रेन नहीं छूटेगी। ट्रेन रवाना होने से पहले यात्रियों को सतर्क करने के लिए एक घंटी बजेगी। अगर कोई यात्री पानी या कोई अन्य सामान लेने के लिए उतरता है तो उसे तुरंत पता चल जाएगा कि ट्रेन चलने वाली है। इससे ट्रेन छूटने की आशंका कम हो जाएगी।

संक्रमण से बचने के लिए होंगे पोस्ट कोविड कोच

इसके अलावा मारपीट, लूट और चोरी जैसी घटनाओं से निपटने के लिए रेलवे ने कोच के अंदर सीसीटीवी कैमरे लगाने का फैसला किया है। इसकी शुरुआत भी हो चुकी है। रेलवे ने कोरोना काल में यात्रियों को कोरोना संक्रमण से बचने के लिए पोस्ट कोविड कोच तैयार किया है। कपूरथला की रेल फैक्ट्री में ये कोच बनाए गए हैं। पोस्ट कोविड कोच में कॉपर कोटेड हैंडल, प्लाज्मा एयर प्यूरिफायर व टाइटेनियम डाई ऑक्साइड कोटिंग वाली सीटों के साथ ही पैरों से संचालित होने वाली विभिन्न सुविधाएं दी गई हैं।

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रेलवे दिसंबर 2022 तक अपने सभी डिब्बों में आरएफआईडी टैग लगाने की योजना तैयार की है। अब तक 23000 रेल डिब्बों में आरएफआईडी टैग लगाए जा चुके हैं। रेलवे के बाकी डिब्बों में ये टैग लगाने का काम लगातार किया जा रहा है। मोबाइल ऐप, क्यूआर कोड और ब्लूटूथ प्रिंटर के माध्यम से अनारक्षित टिकट जारी किए जा रहे हैं।

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