अब महज इतने घंटे में पहुंचा जा सकेगा दिल्ली से मुंबई, जाम की होगी नो टेंशन
केंद्र सरकार दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे परियोजना का काम पूरा करने के लिए तेजी से कदम बढ़ा चुकी हैं। काम पूरा होने के बाद जो दूरी तय करने में अभी 18 से 20 घंटे का वक्त लगता है। वो काम पूरा होने के बाद महज 12 घंटे में ही पूरी की जा सकेगी।
नई दिल्ली: दिल्ली और मुंबई में रहने वाले लोगों के लिए राहत की खबर है। खासकर उन लोगों के लिए जिन्हें अक्सर अपने काम के सिलसिले में दिल्ली से मुंबई आना-जाना पड़ता है।
कई बार 18 से 20 घंटे की दूरी(दिल्ली से मुंबई-1400 किमी.) तय करने से लोग घबराने लगते हैं और मजबूरन या तो प्लेन का महंगा टिकट लेकर दिल्ली से मुंबई की यात्रा करते हैं। या फिर यात्रा टाल देते हैं।
ऐसे लोगों को बता दें कि केंद्र सरकार दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे परियोजना का काम पूरा करने के लिए तेजी से कदम बढ़ा चुकी हैं। काम पूरा होने के बाद जो दूरी तय करने में अभी 18 से 20 घंटे का वक्त लगता है। वो काम पूरा होने के बाद महज 12 घंटे में ही पूरी की जा सकेगी।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे बनाने के लिए National Highways Authority of India (NHAI) ने बिड मंगाई है। ऑथोरिटी ने बिडिंग प्रक्रिया के तहत प्राइवेट प्लेयर से आवेदन मंगाए हैं।
जानकारी के मुताबिक, NHAI दिल्ली स्थित DND फ्लाइवे से लेकर सोहना तक के लिए 3 स्ट्रैच/ पैकेज जारी करेगी। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट के लिए NHAI ने पहले पैकेज के लिए दिल्ली के DND फ्लाईवे से लेकर बल्लभगढ़ के लिए बिडिंग प्रक्रिया के तहत आवेदन मंगाए हैं।
योजना के तहत DND फ्लाइवे से बल्लभगढ़ स्ट्रैच पर काम फरवरी 2021 से शुरू हो जाएगा और इस काम को मई-जून 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
दूसरे पैकेज के लिए NHAI ने जैतपुर से बल्लभगढ़ के 25 किमी एक्सप्रेसवे निर्माण के लिए बिड मंगाई है। जबकि बल्लभगढ़ से सोहना 26 किमी स्ट्रेच के तीसरे पैकेज के लिए NHAI इसी हफ्ते बिडिंग प्रक्रिया की शुरुआत करेगी।
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इस परियोजना को पूरा करने में आएगा इतने का खर्च
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के अनुसार इस पर अंतिम फैसला वित्त मंत्रालय और PMO की तरफ से ही लिया जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने बीते अप्रैल में जानकारी दी थी कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे परियोजना में करीब 1 लाख करोड़ रुपये की लागत से लगेगी।
इस परियोजना के बाद दिल्ली से मुंबई की दूरी को महज 12 घंटे में तय किया जा सकता है। आपको बता दें कि इस हाईवे के किनारे स्मार्ट सिटी बनाने के बारे में भी विचार किया जा रहा है।
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परियोजना के बाद 16 हजार करोड़ की बचत
नितिन गडकरी के अनुसार इसे अब गुजरात, मध्य प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान के पिछड़े और दूर-दराज के इलाकों से जोड़ा जा सकेगा।
सरकार ने दिल्ली –मुंबई एक्सप्रेस परियोजना पर अकेले भूमि अधिग्रहण के मोर्चे पर लगभग 16,000 करोड़ रुपये की बचत की है।
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