कोरोना टेस्ट पर बड़ा फैसला, निजी चिकित्सकों के पर्चें पर भी होगी जांच

कोरोना टेस्ट के लिए सरकारी अस्पतालों की बाध्यता खत्म होने जा रही है। अब जल्द ही निजी चिकित्सक भी कोरोना की जांच की सलाह दे सकेंगे...

Update: 2020-07-02 18:21 GMT

मनीष श्रीवास्तव

लखनऊ: कोरोना टेस्ट के लिए सरकारी अस्पतालों की बाध्यता खत्म होने जा रही है। अब जल्द ही निजी चिकित्सक भी कोरोना की जांच की सलाह दे सकेंगे। केंद्र सरकार द्वारा घोषित एक महत्वपूर्ण निर्णय के माध्यम से कोविड -19 परीक्षण अब किसी भी पंजीकृत चिकित्सक की सलाह (पर्चे) से किया जा सकता है और इसके लिए विशेष रूप से सरकारी चिकित्सक होना जरूरी नहीं रह गया है।

ये भी पढ़ें: भयानक तबाही: आसमान से बरसी मौत, दर्दनाक चीखों से गूंजा राज्य

तत्काल कदम उठाने की सलाह

केंद्र ने राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों को निजी चिकित्सकों समेत सभी योग्य चिकित्सकों को जल्द से जल्द परीक्षण की सुविधा देने के लिए तत्काल कदम उठाने की सलाह दी है, ताकि आईसीएमआर दिशानिर्देशों के अनुसार परीक्षण के लिए मानदंडों को पूरा करने वाले किसी भी व्यक्ति का कोविड परीक्षण किया जा सके।

जांच-पता लगाना, उपचार (टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट) महामारी का जल्दी पता लगाने और नियंत्रण के लिए महत्वपूर्ण रणनीति है। केंद्र ने राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों को उनकी सभी कोविड -19 परीक्षण प्रयोगशालाओं की पूरी क्षमता का उपयोग सुनिश्चित करने के लिए सभी संभव कदम उठाने की सलाह दी है। इससे सभी प्रयोगशालाओं, विशेषकर निजी प्रयोगशालाओं की पूर्ण क्षमता का उपयोग सुनिश्चित होगा।

ये भी पढ़ें: यूपी की सभी ग्राम पंचायतों में बनेंगे पंचायत भवन व सामुदायिक शौचालय

किसी व्यक्ति पर परीक्षण सबंधी रोक नहीं..

इस प्रकार लोग अत्यधिक लाभान्वित होंगे। इस संबंध में आईसीएमआर ने भी सिफारिश की है कि प्रयोगशालाओं को आईसीएमआर दिशानिर्देशों के अनुसार किसी भी व्यक्ति का परीक्षण करने के लिए स्वतंत्र होना चाहिए और राज्य अधिकारियों को किसी व्यक्ति पर परीक्षण सबंधी रोक नहीं लगानी चाहिए, क्योंकि प्रारंभिक परीक्षण वायरस को नियंत्रित करने में और जीवन को बचाने में मदद करेगा।

केंद्र सरकार ने राज्यों से कोविड -19 के निदान के लिए महत्वपूर्ण आरटी व पीसीआर के साथ रैपिड एंटीजेन पॉइंट-ऑफ-केयर परीक्षणों का उपयोग करके बड़े पैमाने पर परीक्षण करने को कहा है। रैपिड एंटीजन परीक्षण त्वरित, सरल व सुरक्षित है और इसे आईसीएमआर द्वारा निर्दिष्ट मानदंडों के अनुरूप नियंत्रण वाले क्षेत्रों के साथ-साथ अस्पतालों में किया जा सकता है। आईसीएमआर ने इसे वैधता दी है। ऐसे किटों से नागरिकों को अधिक विकल्प उपलब्ध होंगे।

ये भी पढ़ें: बिहार की सियासत में नया खेल: बीवी से लड़ाई और साली को RJD ज्वाइन कराई

परीक्षण की सुविधा घर पर ही उपलब्ध की जानी चाहिए

केंद्र सरकार ने राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि वे परीक्षण शिविरों का आयोजन करके तथा मोबाइल वैन आदि का उपयोग करके एक अभियान के रूप में बड़े पैमाने पर परीक्षण की सुविधा प्रदान करें। ऐसे क्षेत्रों में जहां कोविड -19 मामलों की संख्या अधिक है, वहां परीक्षण की सुविधा घर पर ही उपलब्ध की जानी चाहिए। इससे लक्षण वाले सभी लोगों व उनके संपर्कों के नमूने लिए जा सकेंगे और रैपिड एंटीजन टेस्ट का उपयोग करके उन नमूनों का परीक्षण किया जा सकेगा।

बता दें कि देश में अब तक नैदानिक परीक्षण नेटवर्क के माध्यम से 90 लाख 56 हजार 173 परीक्षण किए जा चुके हैं और जलद ही कोविड -19 परीक्षणों की कुल संख्या 1 करोड़ हो जायेगी। मौजूदा समय में देश में 1065 परीक्षण प्रयोगशालाएं हैं, जिनमें 768 सार्वजनिक क्षेत्र में हैं और 297 निजी प्रयोगशालाएं हैं।

ये भी पढ़ें: मीका ने भूषण कुमार और सोनू निगम को बताया पति-पत्नी, विवाद पर कही ऐसी बात

Tags:    

Similar News