डोभाल से हारा चीन: काम आया भारत का गेम चेंजर प्लान, आखिर हटना पड़ा पीछे

इस पूरे मामले में भारत की पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर रणनीतिक ऊंचाइयों पर कब्जा करने की चाल गेम-चेंजर साबित हुई। इसकी प्लान भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल की अगुवाई में की गई।

Update:2021-02-25 19:08 IST
डोभाल से हारा चीन: काम आया भारत का गेम चेंजर प्लान, आखिर हटना पड़ा पीछे

नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में वास्तिवक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन के बीच बना तनाव कम होने लगा है। दोनों पक्षों में समझौता होने के बाद डिसएंगेजमेंट की प्रक्रिया शुरू हो गई। डिसएंगेजमेंट प्रक्रिया के तहत पैंगोंग झील इलाके के उत्तरी और दक्षिणी किनारे से भारत और चीन की सेनाओं पीछे हट चुकी हैं।

NSA की अगुवाई में की गई मीटिंग

ऐसा बताया जा रहा है कि इस पूरे मामले में भारत की पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर रणनीतिक ऊंचाइयों पर कब्जा करने की चाल गेम-चेंजर साबित हुई। इसकी प्लान भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल की अगुवाई में की गई। मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से यह दावा किया गया है कि चीन के साथ सीमा विवाद के बीच NSA डोभाल की अगुवाई में एक हाई लेवल बैठक हुई।

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इस हाई लेवल मीटिंग में अजीत डोभाल के अलावा चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवने भी शामिल थे। अधिकारियों की इस हाई लेवल बैठक में अगस्त के मध्य में पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर ऊंचाइयों पर कब्जा करने के लिए एक प्लान तैयार किया गया।

(फोटो- सोशल मीडिया)

इस प्लान के तहत चोटियों पर किया गया कब्जा

मीटिंग में रेजांग ला, रेचन ला, हेल्मेट टॉप और अकी ला समेत दक्षिणी बैंक की ऊंचाइयों पर कब्जा करने का सुझाव दिया गया। ताकि चीन को बातचीत के लिए तैयार किया जा सके। इस प्लान के तहत भारतीय जवानों ने गोंग झील के दक्षिणी किनारे पर स्थित ऊंचाई वाली चोटियों पर कब्जा कर लिया। ये प्लान चीन के साथ जारी गतिरोध में गेम चेंजर साबित हुई।

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चीन पर दबाव बनाने में भारतीय सेना रही कामयाब

भारतीय सेना के इस कदम से चीन पर दबाव बना, क्योंकि भारत ने चोटियों पर कब्जा करके कई गुना ज्यादा बढ़त हासिल कर ली थी। बता दें कि तनाव के बीच एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया भी काफी एक्टिव रहे। सूत्रों का कहना है कि चीनी सेना के रुख से मुकाबला करने में CDS, सेना प्रमुख और वायु सेना प्रमुख ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

भारत ने अपने एक्शन से पड़ोसी देश को एक साफ संदेश दिया कि हम किसी भी तरह के खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। बीते दिनों सेना प्रमुख ने कहा कि एनएसए द्वारा दी गई सलाह बेहद काम आई।

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