तिहाड़ के इस बैरक में रहेंगे पी. चिदंबरम, मिलेंगी ये सुविधाएं
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चिदंबरम को तिहाड़ के बैरक नम्बर 7 में रखा जाएगा। पी. चिदंबरम की जेल में अलग सेल, खाट और अलग बाथरूम की मांगें मंज़ूर कर ली गई हैं।
नई दिल्ली: आईएनएक्स मीडिया केस में दिल्ली की विशेष अदालत ने चिदंबरम को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा। चिदंबरम की सीबीआई कस्टडी खत्म होने के बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया था।
उन्हें 21 अगस्त को सीबीआई ने उनके घर से रात के वक्त गिरफ्तार किया गया था। तब से लेकर 15 दिनों के लिए सीबीआई कस्टडी में रहे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चिदंबरम को तिहाड़ के बैरक नम्बर 7 में रखा जाएगा। पी. चिदंबरम की जेल में अलग सेल, खाट और अलग बाथरूम की मांगें मंज़ूर कर ली गई हैं।
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मिलेंगी ये सुविधाएं
पी. चिदंबरम ने तिहाड़ जेल में वेस्टर्न टॉयलेट, चश्मा, दवाएं और सुरक्षा की मांग की है। इसके लिए पी. चिदंबरम की तरफ से कोर्ट में पेश हुए एडवोकेट कपिल सिब्बल ने एक आवेदन दाखिल किया है।
कपिल सिब्बल ने आवेदन में कोर्ट से कहा कि पी चिदंबरम इंडियन टॉयलेट में बैठ नहीं पाते हैं। लिहाजा उनको जेल में वेस्टर्न टॉयलेट उपलब्ध कराया जाए।
इसके साथ ही जेल परिसर में पी. चिदंबरम के लिए सुरक्षा की मांग की गई है। सीबीआई कोर्ट में एडवोकेट कपिल सिब्बल ने कहा कि पी चिदंबरम को पहले से ही जेड कटेगरी की सुरक्षा मिली हुई है।
लिहाजा उनको जेल परिसर में भी सुरक्षा मुहैया कराई जाए। सिब्बल ने कहा कि पी. चिदंबरम को अलग से कमरे में रखा जाए, क्योंकि वो दूसरे के साथ कमरे में नहीं रहना चाहते हैं।
पी. चिदंबरम की ओर से पेश एडवोकेट कपिल सिब्बल की सभी अपीलों को कोर्ट ने मान ली है। साथ ही कोर्ट ने कहा कि जेल मैनुअल के मुताबिक चिदंबरम को सभी सुविधाएं मुहैया कराई जाएं।
इस दौरान कपिल सिब्बल ने कहा कि शायद जेल मैनुअल में किसी कैदी को अलग कमरे में रखने की इजाजत नहीं है।
पिता-पुत्र की अग्रिम जमानत याचिका खारिज
इससे पहले दिन में सुप्रीम कोर्ट ने चिदंबरम की प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) की गिरफ्तारी से अग्रिम जमानत की अर्जी को खारिज कर दिया।
चिदंबरम की याचिका को खारिज करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि आमतौर पर आर्थिक अपराधों में अग्रिम जमानत नहीं दी जाती है। तथ्यों और परिस्थितियों पर ध्यान रखते हुए यह केस अग्रिम जमानत के लिए उपयुक्त नहीं है।
न्यायिक हिरासत में नहीं जाना चाहते चिदंबरम
चिदंबरम को सीबीआई ने राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया है। इस बीच उनके वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट से कहा कि पी चिदंबरम ईडी के सामने सरेंडर के लिए तैयार हैं।
सिब्बल ने कोर्ट से कहा कि उनके मुवक्किल को न्यायिक हिरासत में नहीं भेजा जाना चाहिए। चिदंबरम की तरफ से उनके वकील सिब्बल ने कोर्ट से कहा कि जहां तक सीबीआई की बात है तो पी. चिदंबरम न्यायिक हिरासत में क्यों भेजा जाना चाहिए?
सीबीआई सभी सवाल पूछ लिए हैं। मैं ईडी की कस्टडी में जाना चाहता हूं। मुझे न्यायिक हिरासत में नहीं भेजा जाना चाहिए। बता दें कि अगर कोर्ट ने चिदंबरम को न्यायिक हिरासत में भेजा तो उन्हें तिहाड़ सेंट्रल जेल भेजा जाएगा।
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एयरसेल-मैक्सिस केस में चिदंबरम और कार्ति को जमानत
गौरतलब है कि गुरुवार को ही पी. चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति को अदालत ने एयरसेल-मैक्सिस केस में जमानत दे दी है। एयरसेल-मैक्सिस मामले की जांच ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) और सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) कर रही है।
पिता-पुत्र को राहत देते हुए जिला और सत्र न्यायाधीश ओ. पी. सैनी ने दोनों को एक-एक लाख रुपये का निजी मुचलका भरने का निर्देश दिया। 3,500 करोड़ रुपये की इस डील में जमानत मिलने से चिदंबरम को मामूली राहत जरूर मिली है।
क्या है ये पूरा मामला?
दरअसल, यूपीए 1 में चिदंबरम वित्तमंत्री थी। इस दौरान एफआईपीबी ने दो एंटरप्राइस को मंजूरी दी। आईएनएक्स मीडिया मामले में सीबीआई ने 15 मई 2017 को एफआईआर दर्ज की।
इसमें आरोप लगाया गया कि वित्तमंत्री रहते चिदंबरम के कार्यकाल के समय साल 2007 में 305 करोड़ रुपये की विदेशी धनराशी प्राप्त करने में एफआईपीबी मंजूरी में अनियमितताएं हुईं। ईडी ने पिछले साल उनपर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया।
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