Rajouri Encounter: राजौरी मुठभेड़ में दो आतंकी ढ़ेर, सेना का एक और जवान हुआ शहीद
Rajouri Encounter: मारे गए एक आतंकवादी की शिनाख्त कारी के रूप में हुई है। कारी पाकिस्तानी नागिक है औरउसे पाकिस्तान और अफगानिस्तान में ट्रेंनिंग मिली थी।;
Pak terrorist killed in Rajouri encounter (photo: social media )
Rajouri Encounter: जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले में बीते 28 घंटे से आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ जारी है। सेना और पुलिस द्वारा चलाए जा रहे संयुक्त ऑपरेशन में आज दो आतंके मारे गए। इस दौरान गोलीबारी में एक और जवान शहीद हो गया। कल से लेकर आज तक पांच जवानों की जान जा चुकी है। मारे गए एक आतंकवादी की शिनाख्त कारी के रूप में हुई है। डिफेंस पीआरओ द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, कारी पाकिस्तानी नागिक है और वह घाटी में आतंक फैलाने के लिए कुख्यात लश्कर-ए-तैयबा का टॉप कमांडर था। उसे पाकिस्तान और अफगानिस्तान में ट्रेंनिंग मिली थी।
दरअसल, आतंकवाद प्रभावित केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में पुलिस और सेना मिलकर आतंकियों के सफाये के लिए ऑपरेशन क्वीन चला रही है। इस ऑपरेशन के तहत अभी तक कई दहशतगर्द ठिकाने लगाए जा चुके हैं। राजौरी में सुरक्षाबलों ने बुधवार को खुफिया इनपुट के आधार पर वहां छिपे आतंकियों की तलाश शुरू की थी, जिसके बाद एनकाउंटर शुरू हो गया जो अब तक जारी है।
एक साल से जम्मू कश्मीर में एक्टिव था कारी
डिफेंस पीआरओ के मुताबिक, कारी लश्कर-ए-तैयबा का उच्च पदस्थ आतंकवादी नेता था। वह पिछले एक साल से अपने ग्रुप के साथ राजौरी-पुंछ में सक्रिय है। उसे डांगरी और कंडी हमलों का मास्टरमाइंड भी माना जाता है। उसे क्षेत्र में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के लिए भेजा गया था। वह IED में विशेषज्ञ हैं, गुफाओं से छिपकर काम करता था और एक प्रशिक्षित स्नाइपर भी था। इसलिए सुरक्षा एजेंसियां कारी के खात्मे को बड़ी सफलता के रूप में आंक रही हैं।
बुधवार को सुरक्षाबलों को हुआ था भारी नुकसान
कल यानी बुधवार 22 नवंबर को राजौरी जिले के धर्मसाल के बाजीमल इलाके में सुरक्षाबलों को आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी। जिसके बाद जम्मू कश्मीर पुलिस और सेना की राष्ट्रीय रायफल्स की संयुक्त टीम ने इलाके को घेरकर सर्च ऑपरेशन शुरू किया। इसी दौरान जंगल में छिपे आतंकवादियों ने फायरिंग शुरू कर दी। यहां दो से अधिक आतंकियों के छिपे होने की खबर थी।
कल मुठभेड़ के दौरान सुरक्षाबलों को भारी नुकसान हुआ था। मुठभेड़ में सेना के दो अफसर और दो जवान शहीद हो गए थे। सूत्रों के मुताबिक, जान गंवाने वालों में कैप्टन शुभम, कैप्टन एमवी प्रांजिल और हवलदार माजिद थे। इससे पहले सितंबर में अनंतनाग में सेना के कर्नल, मेजर और जम्मू कश्मीर पुलिस के डीएसपी के रैंक के अधिकारी आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए थे।