Manipur Violence: मणिपुर की घटना शर्मिंदा करने वाली है, मेरा दिल पीड़ा और क्रोध से भरा हुआ है, बोले- पीएम मोदी

Manipur Violence: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार मणिपुर हिंसा पर बयान दिया है। उन्होने कहा कि मणिपुर की जो घटना सामने आई है वो किसी भी सभ्य समाज के लिए ये शर्मसार करने वाली घटना है।

Update: 2023-07-20 05:24 GMT
पीएम नरेंद्र मोदी ( सोशल मीडिया)

Manipur Violence: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार मणिपुर हिंसा पर बयान दिया है। पीएम मोदी ने संसद के मानसून सत्र में शामिल होने से पहले उन्होने कहा कि मणिपुर की जो घटना सामने आई है वो किसी भी सभ्य समाज के लिए ये शर्मसार करने वाली घटना है। गुनाह करने वाले कितने और कौन हैं, वो अपनी जगह पर हैं पर बेइज्जती पूरे देश की हो रही है। मैं सभी मुख्यमंत्रियों से आग्रह करता हूं कि वो अपने राज्यों में कानून व्यवस्थाओं को और मजबूत करें। खासतौर पर हमारी माताओं-बहनों की रक्षा के लिए कठोर से कठोर कदम उठाए।

इस देश के किसी भी कोने में, किसी के भी राज्य सरकार में राजनीति और वाद-विवाद से ऊपर उठकर कानून व्यवस्था का महात्म्य और नारी का सम्मान है। मैं देशवासियों को विश्वास दिलाता हूं कि किसी भी गुनहगार को बख्शा नहीं जाएगा। कानून अपनी पूरी शक्ती से और सख्ती से एक के बाद एक कदम उठाएगा। मणिपुर की इन बेटियों के साथ जो हुआ है इसको कभी माफ नहीं किया जाएगा।

गृहमंत्री शाह ने सीएम बीरेन सिंह की बातचीत

बता दें कि मणिपुर से दो महिलाओं की नग्न अवस्था में एक वीडियो वायरल होने के बाद तनाव बढ़ गया है। वहीं, आज गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस मामले को लेकर मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से फोन पर बात की। सीएम एन बीरेन सिंह ने कहा कि वीडियो सामने आने के तुरंत बाद घटना का स्वत: संज्ञान लेने के बाद मणिपुर पुलिस कार्रवाई में जुट गई और पहली गिरफ्तारी की। फिलहाल मामले की जांच चल रही है।

मणिपुर वायरल वीडियो का सुप्रीम कोर्ट ने लिया संज्ञान

मणिपुर में दो महिलाओं को नग्न घुमाने वाले वायरल वीडियो का सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। चीफ जस्टिस आफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ ने सरकार से कार्रवाई करने के लिए कहा है। कोर्ट ने कहा है कि जो वीडियो सामने आया है, वो वाकई परेशान करने वाला है। सुप्रीम कोर्ट ने इस पूरे मामले में केंद्र व राज्य सरकार से रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है। कोर्ट ने कहा कि यह बिल्कुल अस्वीकार्य है। सांप्रदायिक हिंसा से प्रभावित क्षेत्रों में महिलाओं को निशाना बनाना संविधान का सबसे बड़ा दुरुपयोग है।

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