पटेल बीजेपी के साथ, हार्दिक की गुल हुई बत्ती....भाजपा नेता तो यही सोच रहे
गांधीनगर : गुजरात के उप-मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने कहा कि राज्य में मौजूद अधिकांश पाटीदार समुदाय बीजेपी के साथ है और पाटीदारों के लिए आरक्षण की मांग में धरना प्रदर्शन करने वाले हार्दिक पटेल का जनाधार खत्म हो चुका है। नितिन पटेल ने कहा कि पिछले 20 वर्षो से सत्ता में रहने के बावजूद भाजपा सरकार को सत्ता-विरोधी लहर का सामना नहीं करना पड़ रहा है।
भाजपा नेता ने कहा कि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस इसी साल राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले गुटबाजी का शिकार हो चुका है।उन्होंने कहा कि पाटीदार अमानत आंदोलन समिति के नेता हार्दिक पटेल को शुरुआत में तो अच्छा जनसमर्थन मिला, लेकिन अब परिस्थितियां बदल चुकी हैं।
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नितिन पटेल ने कहा, "शुरुआत में हार्दिक के साथ काफी जनसमर्थन था, क्योंकि उन्हें लगता था कि उन्हें कुछ हासिल हो जाएगा। उसके बाद लोगों को समझ में आया कि सरकार जो कर रही है, वह सही है। उन्हें अहसास हुआ है कि सरकार और भाजपा में मौजूद हमारे समुदाय के लोग जो बातें कह रहे हैं, वही सही है। हमने उनसे जो कहा, समुदाय ने उसे स्वीकार कर लिया है। अब हार्दिक को काफी कम समर्थन हासिल है।"
23 वर्षीय हार्दिक पटीदार समुदाय को शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग के साथ जुलाई, 2015 से विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं।
राज्य की भाजपा सरकार में पाटीदार समुदाय के प्रमुख प्रतिनिधि के तौर पर देखे जाने वाले नितिन पटेल का कहना है कि एक समय यह विरोध प्रदर्शन अपने उफान पर था, लेकिन 'अब यह धीमा पड़ चुका है। अब कोई भी विरोध प्रदर्शन करने वालों को स्वीकार नहीं कर रहा'।
उन्होंने कहा, "पाटीदार समुदाय ने देख लिया कि उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया है। यह हमारे लिए ही अच्छा साबित हुआ। पाटीदार समुदाय को समझ में आ गया कि हार्दिक के समर्थक भाजपा को नुकसान पहुंचाने के लिए कांग्रेस की भाषा बोल रहे हैं।"
जब उनसे पूछा गया कि पाटीदार समुदाय का कौन सा वर्ग भाजपा के समर्थन में है तो उनका जवाब था, "अधिकांश.."
उन्होंने कहा कि पाटीदार समुदाय को आरक्षण की मांग वैधानिक तरीके से उठाई जानी चाहिए थी और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आयोग इससे संबंधित याचिका पर फैसला लेगा। हार्दिक पटेल के पाटीदार आयोग गठित करने की मांग पर नितिन पटेल ने कहा कि आयोग सिर्फ पाटीदार समुदाय के लिए नहीं होगा। उन्होंने कहा, "अगर इस तरह के किसी आयोग का गठन किया जाता है तो यह उन सभी वर्गो के लिए होना चाहिए, जिन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा।"