Pawan Khera: हाथ पर हाथ धरे बैठी रही यूपी पुलिस, बाजी मार ले गई असम पुलिस
Pawan Khera- कांग्रेसी नेताओं का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुश करने के लिए हिमांत विस्व सरमा की पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया है, ताकि वह रायपुर में होने वाले कांग्रेस के अधिवेशन में भाग न ले पायें।
Pawan Khera-दिल्ली एयरपोर्ट से कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को असम पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट से उन्हें जमानत मिल गई है। उन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिता पर अमर्यादित टिप्पणी का आरोप है। मामले में यूपी के लखनऊ और बनारस सहित देश के अन्य बीजेपी शासित राज्यों में भी शिकायत दर्ज कराई गई थी। असम में भी 15 शिकायतें दर्ज कराई गई थीं। गुरुवार को असम पुलिस ने पवन खेड़ा को गिरफ्तार कर लिया है जबकि यूपी पुलिस लोक गायिका नेहा राठौर के पीछे पड़ी रही।
असम में शिकायत दर्ज होने के बाद से वहां की पुलिस पवन खेड़ा को ट्रैक कर रही थी और आज दिल्ली एयरपोर्ट पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। ऐसे में सवाल उठता है कि इस मामले में उनकी गिरफ्तारी इतनी जरूरी थी तो फिर यूपी पुलिस ने उन्हें गिरफ्तारी में इतनी फुर्ती क्यों नहीं दिखाई? जबकि दिल्ली तो उत्तर प्रदेश से सटा हुआ है। असम पुलिस के मुकाबिल यूपी पुलिस जल्दी पहुंच सकती थी।
कांग्रेसी नेताओं का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुश करने के लिए हिमांत विस्व सरमा की पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया है, ताकि वह रायपुर में होने वाले कांग्रेस के अधिवेशन में भाग न ले पायें। अगर ऐसा है तो फिर उत्तर प्रदेश में भी बीजेपी की सरकार है, तो फिर सीएम योगी ने मौका क्यों गवां दिया? पवन खेड़ा के बजाय उनकी पुलिस 'का बा' फेम नेहा राठौर के पीछे क्यों पड़ी रही?
क्या कहा था पवन खेड़ा ने?
अडानी मुद्दे पर प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पवन खेड़ा ने कहा था कि अगर अटल बिहारी वाजपेयी जेपीसी बना सकते हैं तो नरेंद्र 'गौतम दास' मोदी को क्या दिक्कत है? हालांकि, बयान के बीच में ही उन्होंने अपने आसपास मौजूद लोगों से पूछा, 'क्या यह गौतम दास या दामोदर दास है?' जवाब में दामोदार दास मोदी कहा गया। इस पर वह हंसते हुए तंज कसते हैं कि भले ही नाम दामोदर दास है, लेकिन उनके काम गौतम दास के समान हैं। बाद में उन्होंने मामले पर अपनी सफाई भी दी थी। फिलहाल, कांग्रेस नेता पवन खेड़ा की गिरफ्तारी से देश भर का सियासी पारा चढ़ा हुआ है। बीजेपी सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए कांग्रेसी प्रदर्शन कर रहे हैं।