Petrol-Diesel Prices: इतने घट जाएंगे पेट्रोल-डीजल के दाम, 100 डॉलर के नीचे पहुंची कच्चे तेल की कीमत

Crude Oil Prices: विशेषज्ञों का मानना है कि मंदी के कारण पेट्रोलियम पदार्थों के डिमांड में कमी आई है। इसलिए कच्चे तेल की कीमत में नरमी आई है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update: 2022-07-07 13:08 GMT

Petrol-Diesel Prices (Image-Social Media)

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Crude Oil Prices: आर्थिक मंदी के आहटों के बीच कच्चे तेल के दाम में गिरावट जारी है। मंगलवार 5 जुलाई को इसमें भारी गिरावट दर्ज की गई। अमेरिक बेंचमार्क क्रूड ऑयल का दाम 100 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ चुका है। कच्चे तेल की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में तीन माह के निचले स्तर पर है। इसी के साथ देश में पेट्रोल – डीजल के दाम कम होने की चर्चा तेज हो गई है। माना जा रहा है कि सरकार महंगाई से परेशान जनता को थोड़ी राहत देने के लिए एकबार फिर ईंधन की कीमतों में कटौती कर सकती है।

और अधिक गिर सकती है कीमतें

विशेषज्ञों का मानना है कि मंदी के कारण पेट्रोलियम पदार्थों के डिमांड में कमी आई है। इसलिए कच्चे तेल की कीमत में नरमी आई है। ये नरमी आगे भी बनी रह सकती है। विदेशी ब्रोकरेज फर्म सिटी ने दावा किया है कि इस साल के अंत तक कच्चे तेल की कीमतें 65 डॉलर प्रति बैरल तक गिर सकती है। सिटी ग्रुप का दावा है कि यह गिरावट अगले साल भी जारी रह सकती है। 2023 के अंत तक क्रूड ऑयल का भाव गिरकर 45 डॉलर प्रति बैरल तक आ सकता है। सिटी ग्रुप का मानना है कि 2022 और 2023 में रूसी कच्चे तेल का निर्यात मजबूत बना रह सकता है। मंदी के कारण आगे तेल की खपत में कमी आएगी, जिससे तेल का स्टॉक बढ़ जाएगा। इस कारण तेल की कीमतें भविष्य में और टूटेगी।

पेट्रोल-डीजल पर असर

रूस – यूक्रेन युद्ध के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल में भयानक तेजी देखने को मिली। कच्चे तेल की कीमत साल 2008 के रिकॉर्ड उच्च स्तर को छूते हुए 139 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई थी। भारत जैसे देश जो अपनी जरूरत का 85 प्रतिशत कच्चा तेल विदेशों से आयात करता है, उसके लिए चुनौती बढ़ गई। आय़ात बिल बढ़ने के कारण देश में भी पेट्रोल – डीजल के दाम बढ़ने लगे थे। अब जब फिर से क्रूड 100 डॉलर प्रति बैरल के नीचे आ गया है, तो देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में गिरावट आने की संभावना बढ़ गई है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यदि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम में एक डॉलर का इजाफा होता है, तो भारत में पेट्रोल-डीजल का 50 से 60 पैसा बढ़ जाता है। इसी तरह यदि कच्चे तेल का दाम गिरता है तो पेट्रोल-डीजल के भाव में भी कमी आने की संभावना बढ़ जाती है। 

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