PM बोले- अवैध फंडिंग रोकने की वजह से सरकार को बदनाम कर रहीं कुछ NGO

Update:2016-02-21 14:36 IST

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बारगढ़: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ओडिशा के बारगढ में किसान सम्मेलन में पहुंचे। यहां पीएम मोदी ने कहा, ''जब से कुछ एनजीओ की अवैध फंडिंग पर रोक लगा दी है तब से सरकार को बदनाम करने के लिए दिन रात साजिश की जा रही है।'' माना जा रहा है कि पीएम का इशारा सरकार के खिलाफ हालिया विरोध प्रदर्शनों की ओर था।

'दोगुनी करनी है किसानों की आय'

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, ''2022 में आजादी के 75 साल होने वाले हैं। क्या हमारे देश के महापुरुषों के सपने पूरे प्रयास करना चाहिए कि नहीं। दिल्ली में आपने मुझे बैठाया है। मैं आपका प्रधान सेवक हूं। क्या हम सब मिलकर संकल्प कर सकते हैं कि 2022 तक किसानों की आय दोगुना कर देंगे। मेरा विश्वास है कि कर सकते हैं।''

पीएम ने और क्या कहा?

-कृषि के साथ हमें और भी चीजें करनी होगी। मतस्य उद्योग में बड़ी मांग है। इस वर्ष अच्छा काम हुआ है। उड़ीसा में इसके लिए अच्छा अवसर है।

-पशु पालन, पॉल्ट्री फार्म, मधुपालन से भी किसानों को लाभ हो सकता है। इन सभी बातों को ध्यान में रखकर सरकार आगे बढ़ रही है।

-किसान की पहली जरूरत होती है कि उसे पानी मिलना चाहिए। यदि पानी मिले तो किसान मिट्टी से सोना पैदा कर सकता है।

-इसलिए हमने प्रधानमंत्री सिंचाई योजना बनाई है। हमने जमीनों की सेहत की जांच के लिए स्वॉयल हेल्थ कार्ड का योजना लागू किया है।

-फसल चक्र के बीच में दलहन की भी खेती करें। हमें खेती के तीन हिस्से करनी चाहिए। एक तिहाई किसानी, एक तिहाई पर टिंबर की खेती।

-और एक तिहाई पशुपालन करे।मधुपालन या पॉल्ट्री फार्म लगाए। इसके लिए हर तरह की मदद दी जाएगी।

'सबसे अच्छी बीमा योजना'

पीएम ने कहा-बीमा योजनाएं बहुत आईं, लेकिन किसानों ने उनपर भरोसा नहीं किया। गांव में 100 किसान हैं तो 20 ही बीमा कराते थे। 80 इसकी ओर देखते भी नहीं थे। भाइयों-बहनों अब जो फसल बीमा योजना बनी है उसकी किसी ने आलोचना नहीं की है। सभी ने स्वागत किया है। विपक्ष, टिप्णीकारों और किसानों ने स्वागत किया है।

अब तक केवल 100 में से 20 किसान ही बीमा लेते थे क्या अब कम से कम 50 लेंगे। क्या इसके लिए आप मेरी मदद करेंगे। जितना ज्यादा किसान बीमा लेंगे पैसा उतना जाएगा, लेकिन मैं तो किसानों के लिए जीता हूं। इसलिए कहता हूं बीमा लो। दिल्ली की तिजोरी से पैसा जाएगा तो जाएगा किसानों की जेब में ही तो जाएगा। आप 600 देंगे तो भारत सरकार को 6 हजार रुपए देना होगा। यदि फसल खराब हो गई तो आपको 600 रुपए में तीस हजार रुपया मिल जाएगा।

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