PM Modi: रूस और ऑस्ट्रिया के दौरे के बाद दिल्ली लौटे पीएम मोदी, दोनों देशों से संबंध मजबूत बनाने में मिली बड़ी कामयाबी

PM Modi returned Delhi: रूस यात्रा के दौरान पीएम मोदी को देश का सर्वोच्च सम्मान भी दिया गया। रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने पीएम मोदी को ‘ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू एपोसल’ पुरस्कार से सम्मानित किया।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2024-07-11 04:08 GMT

PM Modi returned Delhi (photo: social media )

PM Modi returned Delhi: रूस और ऑस्ट्रिया के महत्वपूर्ण दौरे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वदेश लौट आए हैं। पीएम मोदी आज सुबह दिल्ली पहुंचे जहां एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया गया। प्रधानमंत्री बुधवार को ऑस्ट्रिया से स्वदेश के लिए रवाना हुए थे। अपनी इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने रूस और ऑस्ट्रिया के साथ रणनीतिक संबंधों को मजबूत बनाने पर महत्वपूर्ण चर्चा की है।

रूस में प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के साथ दोनों देशों के संबंधों को और मजबूत बनाने पर बातचीत की जबकि ऑस्ट्रिया में प्रधानमंत्री मोदी की चांसलर कार्ल नेहमर द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने पर चर्चा की। अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों देशों में भारतीय समुदाय के लोगों को भी संबोधित किया।

रूस यात्रा के दौरान पीएम मोदी को सर्वोच्च सम्मान

रूस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी को देश का सर्वोच्च सम्मान भी दिया गया। रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने मंगलवार को पीएम मोदी को ‘ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू एपोसल’ पुरस्कार से सम्मानित किया। दोनों देशों के संबंध मजबूत बनाने की दिशा में पीएम मोदी की ओर से किए गए योगदान के कारण उन्हें यह सम्मान दिया गया है। पीएम मोदी और पुतिन के बीच काफी अच्छी दोस्ती रही है और दोनों नेता समय-समय पर इसका उल्लेख भी करते रहे हैं।

पीएम मोदी की रूस यात्रा के दौरान रूसी सेना में भर्ती भारतीयों की वापसी का मुद्दा भी उठा था। पीएम मोदी की ओर से यह मुद्दा उठाए जाने पर पुतिन ने उन्हें आश्वस्त किया कि सभी भारतीयों को स्वदेश भेज दिया जाएगा।

पीएम मोदी की रूस यात्रा के बाद भारत में रूस के राजदूत रोमन बाबुश्किन ने पीएम मोदी के दौरे को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन के साथ पीएम मोदी जी की शिखर वार्ता अशांत माहौल को देखते हुए ऐतिहासिक थी।


जंग में मासूमों की मौत स्वीकार्य नहीं

रूस यात्रा खत्म करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ऑस्ट्रिया के दौरे पर पहुंचे थे। लंबे समय बाद भारत के प्रधानमंत्री ने ऑस्ट्रिया की यात्रा की है। दोनों देशों के बीच संबंधों के 75 वर्ष पूरे होने पर पीएम मोदी ने इस यात्रा को काफी महत्वपूर्ण बताया। ऑस्ट्रिया में प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध की भयावहता को खत्म करने का मुद्दा उठाया।

मोदी ने दोहराया कि यह युद्ध का समय नहीं है और मासूमों की मौत को स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कीव में बच्चों के अस्पताल पर रूस के हमले में मारे गए यूक्रेनी बच्चों की मौत का मुद्दा भी उठाया।

ऑस्ट्रिया के चांसलर कार्ल नेहमर के साथ द्विपक्षीय वार्ता के बाद संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में मोदी ने कहा कि मासूमों की जान लेना कतई स्वीकार नहीं है। पिछले तीन दिनों के दौरान भारतीय पीएम मोदी तीन बार बच्चों की मौत का मामला उठा चुके हैं।


ऑस्ट्रिया के साथ और मजबूत होगा संबंध

पीएम मोदी ने कहा कि मैंने चांसलर कार्ल नेहमर के साथ विश्व में चल रहे विवादों, पश्चिम एशिया की स्थिति और रूस-यूक्रेन जंग पर महत्वपूर्ण चर्चा की है। भारत और ऑस्ट्रिया ने संबंधों को रणनीतिक दिशा देने का फैसला किया है। मैंने ऑस्ट्रिया के साथ सहयोग को और मजबूत बनाने के लिए नई संभावनाएं तलाशी हैं और आगामी दशक में सहयोग के लिए खाका तैयार किया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देश आतंकवाद की निंदा करते हैं और इस बात पर सहमत है कि यह किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है। दोनों देश संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में सुधार पर सहमत हुए हैं ताकि उन्हें समसामयिक और प्रभावकारी बनाया जा सके।


भारत ने दुनिया को बुद्ध दिया,युद्ध नहीं

अपनी ऑस्ट्रिया यात्रा के दौरान भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने दुनिया को बुद्ध दिया है, युद्ध नहीं। इसका तात्पर्य है कि भारत ने हमेशा शांति और समृद्धि दी है और इसलिए 21वीं सदी में भारत अपनी भूमिका को और मजबूत बनाने जा रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत सर्वश्रेष्ठ बनने, सबसे बड़ी उपलब्धियां हासिल करने और सबसे ऊपर पहुंचने की दिशा में मजबूती से काम कर रहा है। उन्होंने अपनी पहली ऑस्ट्रिया यात्रा को सार्थक बताया।


मातृभूमि के साथ रिश्ता बनाए रखने की अपील

इस दौरान भारतीय समुदाय के लोगों ने मोदी-मोदी के नारे लगाए। प्रधानमंत्री ने कहा कि भौगोलिक दृष्टि से भारत और ऑस्ट्रिया दो अलग-अलग छोर पर हैं,लेकिन हमारे बीच कई समानताएं हैं। लोकतंत्र दोनों देशों को जोड़ता है। पीएम मोदी ने भारतीय समुदाय के लोगों से आग्रह किया कि वे अपनी मातृभूमि के साथ अपने सांस्कृतिक और भावनात्मक संबंधों को बनाए रखें।

उन्होंने कहा कि मेरा हमेशा से मानना रहा है कि दो देशों के बीच संबंध केवल सरकार नहीं बनाती बल्कि संबंधों को मजबूत बनाने में सार्वजनिक भागीदारी की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसलिए ऑस्ट्रिया के साथ संबंध को मजबूत बनाने में यहां रहने वाले भारतीय समुदाय की भूमिका भी काफी महत्वपूर्ण साबित होगी।




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