ICC में बोले PM मोदी- लोकल से वोकल और एक्सपोर्टर बनने का समय

कोरोना संकट और अनलाॅक 1 के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गुरुवार को एक बार फिर लोगों को संबोधित कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह संबोधन इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स (ICC) के विशेष कार्यक्रम में हो रहा है।

Update: 2020-06-11 05:46 GMT

नई दिल्ली: कोरोना संकट और अनलाॅक 1 के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गुरुवार को एक बार फिर लोगों को संबोधित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह संबोधन इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स (ICC) के विशेष कार्यक्रम में हुआ। ICC का यह 95वें सालाना कार्यक्रम है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर कहा कि 95 वर्ष से निरंतर देश की सेवा करना, किसी भी संस्था या संगठन के लिए अपने आप में बहुत बड़ी बात होती है। ICC ने पूर्वी भारत और North East के विकास में जो योगदान दिया है, विशेषकर वहां की मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट्स को, वो भी ऐतिहासिक है।

प्रधानमंत्री ICC ने 1925 में अपने गठन के बाद से आज़ादी की लड़ाई को देखा है, भीषण अकाल और अन्न संकटों को देखा है और भारत की Growth Trajectory का भी आप हिस्सा रहे हैं। अब इस बार की ये AGM एक ऐसे समय में हो रही है, जब हमारा देश Multiple Challenges को Challenge कर रहा है।



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उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से पूरी दुनिया लड़ रही है, भारत भी लड़ रहा है लेकिन अन्य तरह के संकट भी निरंतर खड़े हो रहे हैं। कहीं Flood की चुनौती, कहीं लॉकस्ट, ‘पोंगोपाल’ का कहर, कहीं ओलावृष्टि, कहीं Assam Oil-Field में आग, कहीं छोटे-छोटे Earthquake।कभी-कभी समय भी हमें परखता है, हमारी परीक्षा लेता है। कई बार अनेक कठिनाइयां, अनेक कसौटियां एक साथ आती हैं। लेकिन हमने ये भी अनुभव किया है कि इस तरह की कसौटी में हमारा कृतित्व, उज्ज्वल भविष्य की गारंटी भी लेकर आता है।



प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे यहां कहा जाता है- मन के हारे हार, मन के जीते जीत, यानि हमारी संकल्पशक्ति, हमारी इच्छाशक्ति ही हमारा आगे का मार्ग तय करती है। जो पहले ही हार मान लेता है उसके सामने नए अवसर कम ही आते हैं। ये हमारी एकजुटता, ये एक साथ मिलकर बड़ी से बड़ी आपदा का सामना करना, ये हमारी संकल्पशक्ति, ये हमारी इच्छाशक्ति, हमारी बहुत बड़ी Strength है, एक राष्ट्र के रूप में हमारी बहुत बड़ी ताकत है। मुसीबत की दवाई मजबूती है।



पीएम मोदी मे कहा कि ही भावना मैं आज आपके चेहरे पर देख सकता हूं, करोड़ों देशवासियों के प्रयासों में देख सकता हूं। कोरोना का संकट पूरी दुनिया में बना हुआ है। पूरी दुनिया इससे लड़ रही है। कॉरोना वॉरियर्स के साथ हमारा देश इससे लड़ रहा है। लेकिन इन सबके बीच हर देशवासी अब इस संकल्प से भी भरा हुआ है कि इस आपदा को अवसर में परिवर्तित करना है, इसे हमें देश का बहुत बड़ा Turning Point भी बनाना है। ये Turning Point क्या है। आत्म निर्भर भारत, Self Reliant India। आत्मनिर्भरता का, Self-Reliance का ये भाव बरसों से हर भारतीय ने एक Aspiration की तरह जिया है। लेकिन फिर भी एक बड़ा काश, एक बड़ा काश, हर भारतीय के मन में रहा है, मस्तिष्क में रहा है।



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उन्होंने कहा कि एक बहुत बड़ी वजह रही है कि बीते 5-6 वर्षों में, देश की नीति और रीति में भारत की आत्मनिर्भरता का लक्ष्य सर्वोपरि रहा है। अब कोरोना क्राइसिस ने हमें इसकी गति और तेज करने का सबक दिया है। इसी सबक से निकला है- आत्मनिर्भर भारत अभियान। हर वो चीज, जिसे Import करने के लिए देश मजबूर हैं, वो भारत में ही कैसे बने, भविष्य में उन्हीं Products का भारत Exporter कैसे बने, इस दिशा में हमें और तेजी से काम करना है। हम इन छोटे-छोटे व्यापार करने वाले लोगों से केवल चीज ही नहीं खरीदते, पैसे ही नहीं देते, उनके परिश्रम को पुरुस्कृत करते हैं, मान-सम्मान बढ़ाते हैं। हमें इस बात का अंदाजा भी नहीं होता कि इससे उनके दिल पर कितना प्रभाव पड़ता है, वो कितना गर्व महसूस करते हैं।



उन्होंने कहा कि The simplest method to be worked upon at present is to induce Indians to use their own produce and get markets for Indian artware in other countries”। स्वामी विवेकानंद जी का बताया ये मार्ग Post-Covid world में भारत की प्रेरणा है। किसानों और Rural Economy के लिए जो निर्णय हाल में हुए हैं, उन्होंने एग्रीकल्चर इकोनॉमी को बरसों की गुलामी से मुक्त कर दिया है। अब भारत के किसानों को अपने Product, अपनी उपज देश में कहीं पर भी बेचने की आज़ादी मिल गई है।

उन्होंने कहा कि Local Products के लिए जिस क्लस्टर बेस्ड अप्रोच को अब भारत में बढ़ावा दिया जा रहा है, उसमें भी सभी के लिए अवसर ही अवसर है। जिन जिलों, जिन ब्लॉक्स में जो पैदा होता है, वहीं आसपास इनसे जुड़े क्लस्टर विकसित किए जाएंगे।

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उन्होंने कहा कि किसानों और Rural Economy के लिए जो निर्णय हाल में हुए हैं, उन्होंने एग्रीकल्चर इकोनॉमी को बरसों की गुलामी से मुक्त कर दिया है। अब भारत के किसानों को अपने Product, अपनी उपज देश में कहीं पर भी बेचने की आज़ादी मिल गई है। इसके साथ ही Bamboo और Organic Products के लिए भी क्लस्टर्स बनेंगे। सिक्किम की तरह पूरा नॉर्थ ईस्ट, ऑर्गैनिक खेती के लिए बहुत बड़ा HUB बन सकता है। ऑर्गैनिक कैपिटल बन सकता है।



ICC को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि आप सभी नॉर्थ ईस्ट, पूर्वी भारत में इतने दशकों से काम कर रहे हैं। सरकार ने जो तमाम कदम उठाए हैं, इनका बहुत बड़ा लाभ East और North East के लोगों को होगा। मैं समझता हूं कि कोलकाता भी खुद फिर से एक बहुत बड़ा लीडर बन सकता है।

इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स का नई दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, भुवनेश्वर, रांची, गुवाहाटी, सिलीगुड़ी और अगरतला में क्षेत्रीय कार्यालय हैं और कोलकाता में इसका मुख्यालय है।

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