मोदी का महिलाओं को तोहफा, अब नौकरी पर ऐसे मिलेगी सैलरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को हिमाचल प्रदेश में दुनिया की सबसे चुनौतीपूर्ण और इंजीनियरिंग मोटरमार्गों में से एक, रणनीतिक अटल राजमार्ग सुरंग का उद्घाटन किया। जिसके बाद लोगों को संबोधित करते हुए नए श्रम कानूनों का भी जिक्र किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को हिमाचल प्रदेश में दुनिया की सबसे चुनौतीपूर्ण और इंजीनियरिंग मोटरमार्गों में से एक, रणनीतिक अटल राजमार्ग सुरंग का उद्घाटन किया। जिसके बाद लोगों को संबोधित करते हुए नए श्रम कानूनों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि नए कानून के बाद महिलाओं को पुरुषों के समान सैलरी मिलेगी। साथ ही पुरुषों के बराबर आगे बढ़ने का मौका भी मिलेगा। बता दें कि मोदी सरकार ने 44 श्रम कानूनों में बदलाव कर चार श्रम संहिता बनाई हैं। जिसके साथ ही 12 कानून रद्द कर पुराने 44 में से 3 कानूनों को नए श्रम संहिता में शामिल किया है।
श्रम सुधारों का सिलसिला जारी रहेगा
पीएम मोदी का कहां है कि हम आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को हासिल करना है तो पिछली सदी के नियम नई सदी में काम नहीं करेंगे। इसलिए हमारी सरकार श्रम सुधारों का सिलसिला आगे भी जारी रखेगी। विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि हमारे सुधार सिर्फ राजनीतिक फायदे के लिए काम करने वालों को परेशान करते हैं। ऐसे लोगों को समझना होगा कि आप पिछली सदी की सोच के साथ अगली सदी में प्रवेश नहीं कर सकते हैं।
गठित काउंसिल
आपको बता दें, कि इस नए श्रम कानूनों के तहत पुरुषों और महिलाओं को समान वेतन मिलेगा। यही नहीं साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर न्यूनतम वेतन भी तय किया जाएगा। जिसके लिए केंद्र सरकार की ओर से गठित एक काउंसिल हर साल न्यूनतम वेतन का आकलन करेगी। वहीं, वेतन भौगोलिक स्थिति और व्यक्ति की स्किल के आधार पर तय किया जाएगा। वहीं, वेज कोड के तहत कंपनियों के लिए कर्मचरियों को समय पर वेतन देना अनिवार्य कर दिया गया है।
महिलाओं के काम का समय
-व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य संहिता के साथ महिलाओं को किसी भी क्षेत्रों में काम करने की इजाजत दे दी गई है।
- 45 वर्ष से ज्यादा की कर्मचारी को साल में एक बार कंपनी की ओर से मुफ्त हेल्थ चेकअप कराने की सुविधा भी मिलेगी।
-महिलाओं के लिए काम के घंटे सुबह 6 बजे से शाम 7 बजे के बीच ही रहेंगे।
-शाम 7 बजे के बाद अगर काम कराया जाने पर सुरक्षा की जिम्मेदारी कंपनी की होगी।
-ओवरटाइम कराने पर दोगुना पैसा मिलेगा।
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महिलाओं को भी ESI से जोड़ा गया
पहली बार असंगठित क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं को भी ESIC से जोड़ा जाएगा। फिर चाहे माहिला असम के चाय बागानों या कश्मीर के सेबों के बाग में काम करती हो महिला श्रमिक भी ESI के दायरे में आएंगी। कांट्रेक्ट पर काम करने वाली महिला कर्मचारियों को भी ग्रेच्यूटी का फायदा मिलेगा। यानी अब पांच साल पूरे करने की जरूरत नहीं है।
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