Prashant Chandra Mahalanobis: जानिए कौन थे प्रशांत चंद्र महालनोबिस, जिनके जन्मदिन पर मनाया जाता है सांख्यिकी दिवस
Prashant Chandra Mahalanobis: प्रशांत चंद्र महालनोबिस (Prashant Chandra Mahalanobis) एक भारतीय आर्थिक वैज्ञानिक और योजना विश्लेषक थे। उन्हें भारतीय आर्थिक विकास के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए विख्यातता प्राप्त हुई है।
Prashant Chandra Mahalanobis: प्रशांत चंद्र महालनोबिस (Prashant Chandra Mahalanobis) एक भारतीय आर्थिक वैज्ञानिक और योजना विश्लेषक थे। उन्हें भारतीय आर्थिक विकास के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए विख्यातता प्राप्त हुई है। वे एक समाजशास्त्री और सांख्यिकीय विज्ञान के प्रशासक भी थे। उन्हें भारत की द्वितीय पंच-वर्षीय योजना को तैयार करने के लिए जाना जाता है। महालनोबिस "महालनोबिस दूरी" के लिए भी प्रसिद्द है। महालनोबिस दूरी उनके द्वारा सुझाया गया एक सांख्यिकीय माप है। उन्होंने सैंपल सर्वे के डिज़ाइन में भी अपनी एक अहम भूमिका निभाई।
प्रशांत चंद्र महालनोबिस
प्रशांत चंद्र महालनोबिस का जन्म 29 जून 1893 को कोलकाता, ब्रिटिश भारत में हुआ था। उनके दादा गुरचरण ने 1854 में बिक्रमपुर(बांग्लादेश) से आकर कोलकाता में अपना व्यवसाय चालू करा था। इनके पिता प्रबोध चंद्र महालनोबिस "साधारण ब्रम्हो समाज" के सदस्य थे। इनकी माँ निरोधबासिनी बंगाल के पढ़े-लिखे परिवार से थी।पढ़े लिखे परिवार में जन्म लेने से महालनोबिस का बचपन विद्वानों और समाज सुधारको के बीच गुज़रा। इनकी स्कूली शिक्षा इनके दादाजी द्वारा स्थापित "ब्रम्हो बॉयज स्कूल " से हुई। प्रशांत चंद्र महालनोबिस ने अपनी आगे की शिक्षा कोलकाता के प्रसिद्ध शिक्षा संस्थान प्रेसिडेंसी कॉलेज में पूरी की। कोलकाता से आनसर्स की डिग्री लेने के बाद आगे की शिक्षा के लिए वह लंदन गए। लंदन के कैंब्रिज कॉलेज से उन्होंने भौतिकी और गणित विषय में शिक्षा ली।
भारतीय सांख्यिकीय संस्थान
सांख्यिकी में महालनोबिस की दिलचस्पी से उन्होंने वर्ष 1912 में सिविल सेवा परीक्षा पास की और भारतीय सिविल सेवा में प्रवेश प्राप्त किया।
एक सिविल सेवक बनने के बाद 17 दिसम्बर 1931 को उन्होंने भारतीय सांख्यिकी संस्थान की स्थापना की और 28 अप्रैल 1932 को औपचारिक तौर पर इसका पंजीकरण कराया। महालनोबिस की प्रमुख कार्यक्षेत्र आर्थिक योजनाओं, सांख्यिकीय विज्ञान और विकास नीतियों में थीं। वर्ष 1959 में सांख्यिकी संस्थान को राष्ट्रीय संस्थान का दर्जा प्राप्त हुआ। कोलकाता के अलावा भारतीय सांख्यिकी संस्थान की शाखाएं दिल्ली, बैंगलोर, हैदराबाद, पुणे, कोयंबटूर, चेन्नई, गिरिडीह सहित भारत के दस स्थानों में स्थापित हैं। इसका मुख्यालय कोलकाता में है जहाँ मुख्य रूप से सांख्यिकी की पढ़ाई होती है।
सम्मान एवं पुरस्कार
प्रशांत चंद्र महालनोबिस को अपने जीवन में सांख्यिकीय को लेकर और सांख्यिकीय संस्थान की स्थापना के लिए विभिन्न पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हुए।
1) सन 1944 में उन्हें ‘वेलडन मेडल’ पुरस्कार दिया गया।
2) सन 1945 में लन्दन की रायल सोसायटी ने उन्हें अपना फेलो नियुक्त किया।
3) सन 1950 में उन्हें ‘इंडियन साइंस कांग्रेस’ का अध्यक्ष चुना गया।
4) अमेरिका के ‘एकोनोमेट्रिक सोसाइटी’ का फेल्लो नियुक्त किया गया।
5) सन 1952 में पाकिस्तान सांख्यिकी संस्थान का फेलो।
6) रॉयल स्टैटिस्टिकल सोसाइटी का मानद फेलो नियुक्त किया गया (1954)।
7) सन 1957 में उन्हें देवी प्रसाद सर्वाधिकार स्वर्ण पदक दिया गया।
इन पुरस्कारो के साथ ही उन्हें अन्य पुरस्कार और सम्मान भी प्राप्त हुए।
प्रशांत चंद्र महालनोबिस का निधन
प्रशांत चंद्र महालनोबिस सांख्यिकीय की दूरदृश्टिता और सांख्यिकीय छेत्र के लिए उनके योगदान से समाज और आम जनता की मदद हुई। उन्होंने किसी भी पद को अधिकारिक तौर पर स्वीकार नहीं किया। भारतीय सांख्यिकीय संस्थान के अद्यापक और एक प्रोफेसर का निधन 28 जून, 1972 को हुआ।
भारतीय सांख्यिकीय दिवस
प्रशांत चंद्र महालनोबिस की याद में प्रत्येक वर्ष 29 जून को भारतीय सांख्यिकीय दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन महालनोबिस और उनके सांख्यिकीय छेत्र में किये गए कार्यो को याद किया जाता है।