रेलवे की बड़ी पहल: चलाई किसान रेल, होगा फायदा ही फायदा, जानें इसकी खासियत

भारतीय रेलवे ने आज यानी 7 अगस्त से किसान रेल की शुरुआत कर दी है। रेलवे मंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई।

Update: 2020-08-07 07:04 GMT
Kisan Rail

नई दिल्ली: भारतीय रेलवे ने आज यानी 7 अगस्त से किसान रेल की शुरुआत कर दी है। रेलवे मंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। इस मौके पर महाराष्ट्र के खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री छगन भुजबल भी मौजूद रहे। तो चलिए आपको बताते हैं कि आखिर क्या है किसान रेल की खासियत और क्यों है ये महत्वपूर्ण?

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होगी ऐसे सामानों की ढुलाई

7 अगस्त से शुरू की गई किसान रेल से फलों-सब्जियों जैसे सामानों की ढुलाई की जाएगी, जो जल्द खराब हो जाते हैं। ये ट्रेन महाराष्ट्र से बिहार तक के लिए चलेगी। बता दें कि यह फिलहाल ऐसी पहली ट्रेन है जो महाराष्ट्र से बिहार तक के लिए चल रही है। यह ट्रेन सुबह 11 बजे महाराष्ट्र के देवलाली स्टेशन से रवाना हुई, जो कि बिहार के दानापुर स्टेशन तक जाएगी।

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क्या है ट्रेन का टाइम टेबल?

किसान रेल हफ्ते में एक बार चलाई जाएगी। महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित देवलाली से सुबह 11 बजे रवाना होकर, अगले दिन शाम करीब छह बजकर 45 मिनट पर पटना के पास स्थित दानापुर स्टेशन पर पहुंचेगी। महाराष्ट्र से बिहार जाने तक यह ट्रेन करीब 32 घंटे का सफर तय करेगी। इस सफर के दौरान किसान रेल करीब एक हजार 519 किलोमीटर की दूरी तय करेगी।

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क्या है इस ट्रेन की खासियत?

किसान रेल में फलों-सब्जियों जैसे सामानों की ढुलाई होगी, इसलिए इसमें रेफ्रिजरेटेड कोच लगे होंगे। इस ट्रेन में कंटेनर फ्रीज की तरह होंगे। इसमें किसान खराब होने वाले सब्जी, फल, फिश, मीट, मिल्क रख सकेंगे। रेलवे ने इस ट्रेन को 17 टन की क्षमता के साथ नए डिजायन के रूप में निर्मित करवाया है। इसे रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला में तैयार किया गया है।

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साल 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य

बता दें कि रेलवे के इस अनुठे प्रयास को मोदी सरकार के उस लक्ष्य से जोड़कर देखा जा रहा है, जिसमें सरकार की तरफ से कहा गया था कि साल 2022 तक किसानों की आय दोगुनी की जाएगी। इससे सब्जियों, फलों, मांस, मछली और दूध जैसे कृषि उत्पादों को इनके पैदावार वाले इलाकों से उन इलाकों में पहुंचाने का काम किया जाएगा, जहां इनका अच्छा बाजार है।

निर्मला सीतारमण ने किया था एलान

बता दें कि सरकार ने साल 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है। इसी क्रम में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फरवरी में अपने बजट भाषण के दौरान कहा था कि किसान अपनी फल-सब्जी देश के उन शहरों में बेच सकेंगे, जहां उन्हें, इसकी कीमत अच्छी मिलेगी। इस काम के लिए किसान रेल चलाई जाएगी।

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