अच्छी खबर: मिलेगा यहां 10 हजार लोगों को रोजगार, जानिए क्या है देवनारायण योजना
एक्सपोर्ट क्वालिटी के उत्पाद तैयार कर विश्व स्तर पर शर्मा ग्रुप द्वारा मार्केटिंग कर इन उत्पादों को विक्रय किया जाएगा। इससे पशुपालकों की आमदनी में काफी इजाफा होगा।
जयपुर : राजस्थान में पशुपालकों की तकदीर बदलने वाली प्रदेश की पहली योजना में निवेशकों ने दिखाई दिलचस्पी दिखाई है। इससे रोजगार और डेयरी उत्पाद के लिए 230 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव दिया है। इस योजना को अनूठी बताते हुए पशुपालकों के हित में अंतरराष्ट्रीय स्तर की तकनीकी के साथ माइक्रो एवं लघु डेरी प्लास्टर परियोजना विकसित करने का प्राथमिक प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
एकीकृत आवासीय योजना
देवनारायण नगर एकीकृत आवासीय योजना को शर्मा ग्रुप इटली के सानिध्य में इटली के प्रतिनिधि मंडल ने अवलोकन कर योजना में अंतरराष्ट्रीय स्तर की तकनीकी के साथ माइक्रो एवं लघु डेरी प्लास्टर परियोजना विकसित करने का प्राथमिक प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
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प्रतिनिधि मंडल ने दिए गए प्रस्ताव के अनुसार, पैकेज्ड मिल्क, फ्लेवर्ड मिल्क, योगर्ट, दही, छाछ, क्रीम, घी, मावा, पनीर, चीज, आइसक्रीम, चॉकलेट, सोया, मिल्क, टोफू, पनीर तैयार करने के लिए 459 इकाइयां स्थापित की जानी है. इन दुग्ध उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के अनुसार तैयार कर उन्नत तकनीकी उपलब्धता तथा प्रशिक्षण शर्मा ग्रुप द्वारा ही किया जाएगा। एक्सपोर्ट क्वालिटी के उत्पाद तैयार कर विश्व स्तर पर शर्मा ग्रुप द्वारा मार्केटिंग कर इन उत्पादों को विक्रय किया जाएगा। इससे पशुपालकों की आमदनी में काफी इजाफा होगा।
देवनारायण योजना
यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल और कोटा शहर को मवेशियों से मुक्त कराने वाले इस प्रोजेक्ट के तहत पशुपालकों के लिए नगर विकास न्यास द्वारा विकसित की जा रही है। इस योजना में 35 गुणा 70 एवं 35 गुणा 90 के 1227 आवासों का निर्माण किया जा रहा है। प्रत्येक आवास में दो कमरे, किचन, बाथरूम, शौचालय, चारा स्टोर के अतिरिक्त अग्रभाग में छायादार पशु बाड़े का निर्माण किया जा रहा है।
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मूलभूत सुविधा
इस योजना में सभी मूलभूत सुविधाओं जैसे चौड़ी सड़कें, नाली, सीवर लाईन, पार्क, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, प्रशासनिक भवन, पुलिस चौकी, पानी की टंकियां, जी एस एस, विद्यालय भवन, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, रंगमंच, पशु चिकित्सालय, पशु मेला मैदान, दुग्ध मंडी एवं सामुदायिक भवन का भी प्रावधान किया गया है। योजना की सुरक्षा हेतु चारदीवारी का भी निर्माण किया जा रहा है। गोबर के निस्तारण हेतु योजना में बायोगैस संयंत्र भी स्थापित किया जाना है, जिससे पशुपालकों को गोबर के विक्रय से अतिरिक्त आय तथा पाइप के द्वारा गोबर गैस भी उपलब्ध कराई जाएगी।