राजनाथ सिंह पर आई बड़ी खबर, कैंसिल हुआ इनका ये दौरा
रक्षा मंत्री राजनाथ का लद्दाख दौरा स्थगित हो गया है। वह शुक्रवार को लद्दाख जाने वाले थे, लेकिन अब इसे टाल दिया गया है। इस दौरे के दौरान उनके साथ सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे भी होते।
नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ का लद्दाख दौरा स्थगित हो गया है। वह शुक्रवार को लद्दाख जाने वाले थे, लेकिन अब इसे टाल दिया गया है। इस दौरे के दौरान उनके साथ सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे भी होते। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के दौरे की नई तारीख का जल्द ऐलान किया जाएगा। अब उनके कार्यक्रम को दोबारा तैयार किया जा रहा है।
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सेनाा की तैयारियों का जायजा लेने जाते रक्षा मंत्री
बता दें कि लद्दाख में रक्षा मंत्री तनाव की स्थिति पर सुरक्षा हालातों की समीक्षा करते और सेना की तैयारियों का जायजा लेते। अगर शुक्रवार को रक्षा मंत्री लद्दाख जाते तो भारत-चीन की सेनाओं के बीच गतिरोद के बीच उनका यह पहला लद्दाख का दौरा होता। उनके साथ थलसेनाध्यक्ष नरवणे भी जाने वाले थे। बता दें कि सेनाप्रमुख नरवणे अभी कुछ दिनों पहले ही लद्दाख दौरे से लौटे हैं। सेना प्रमुख ने 23 और 24 जून को लद्दाख का दौरा किया था और इस दौरान जवानों को सम्मानित करते हुए उनका हौसला बढ़ाया था।
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ये कार्यक्रम हुआ था तय
इस दौरे का मकसद सैनिकों का मनोबल बढ़ाना था। इस दौरे पर रक्षा मंत्री का लद्दाख में तैनात जवानों से भी मुलाकात करने और गलवान के वीरों से लेह के अस्पताल मिलने जाने का कार्यक्रम तय था। लेकिन अब उनके कार्यक्रम को रीशेड्यूल किया जा रहा है।
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दोनों देशों के बीच पीछे हटने पर बनी सहमति
बता दें कि भारत और चीन के सैनिकों बीच 15 जून की रात गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद से सीमा पर तनाव चरम पर पहुंच गया है। तनाव को कम करने के लिए दोनों पक्षों के बीच बातचीत जारी है। चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स का दावा है कि मंगलवार यानी 30 जून को दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के बीच 12 घंटे तक हुई बातचीत में भारत और चीन चरणबद्ध तरीके से सैनिकों को पीछे हटाने के लिए सहमत हुए हैं। हालांकि चीनी अखबार के इस दावे पर अभी तक मुहर नहीं लगी है।
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दोबारा खूनी झड़प ना करने पर भी हुए सहमत
वहीं सूत्रों का कहना है कि भारत और चीन के बीच 15 जून जैसी खूनी झड़प फिर ना होने पर सहमति बनी है। दोनों देशों के बीच इस बात पर सहमति बनी है कि दोनों पक्ष 72 घंटों तक एक दूसरे पर इस बात की निगरानी रखेंगे जिन बातों पर सहमति बनी है, उसे जमीनी स्तर पर उतारा जा रहा है या नहीं।
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