भारत बनेगा मददगार: वैक्सीन के लिए लेनी ही पड़ेगी सहायता, शेयर होगा डिटेल डेटा
कोरोना वायरस की वैक्सीन के मामले में भारत और रूस के बीच सहमति बन रही है। हाल ही में लॉन्च की गई रूस की कोरोना वैक्सीन ‘स्पुतनिक 5’ की सप्लाई और उत्पादन के बारे में भारत और रूस के बीच कई स्तरों पर बातचीत चल रही है।
नई दिल्ली। कोरोना वायरस की वैक्सीन के मामले में भारत और रूस के बीच सहमति बन रही है। हाल ही में लॉन्च की गई रूस की कोरोना वैक्सीन ‘स्पुतनिक 5’ की सप्लाई और उत्पादन के बारे में भारत और रूस के बीच कई स्तरों पर बातचीत चल रही है। और अब रूस ने भारत के साथ स्पुतनिक 5 को लेकर सहयोग के तरीके साझा किए हैं और डिटेल डेटा भारत को सौंप दिए हैं। भारत सरकार फिलहाल इसका बारीकी से अध्ययन कर रही है। रूस के राजदूत कुशादेव ने कहा है कि कुछ जरूरी तकनीकी प्रक्रियाओं के बाद वैक्सीन बड़े पैमाने पर अन्य देशों में भी इस्तेमाल की जा सकेगी। विदेश मंत्री एस जयशंकर के आगामी रूस दौरे के दौरान कोरोना के टीके के बारे में चर्चा होने की उम्मीद है।
ये भी पढ़ें... कंगना पर ताबड़तोड़ छापा: बदला लेने पर उतारू उद्धव सरकार, अपना रही नए हथकंडे
11 अगस्त को हुई थी लांच
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 11 अगस्त को दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन को लॉन्च किया था। लैंसेट जर्नल के अनुसार शुरुआती ट्रायल में इस वैक्सीन का कोई गंभीर साइड इफेक्ट सामने नहीं आया है। हालाँकि अभी सिर्फ 76 लोगों पर ही ट्रायल किया गया है और अब 40 हजार लोगों पर एडवांस ट्रायल शुरू किया जाने वाला है।
ये भी पढ़ें...कांप उठा UP: टीचर पर चली ताबड़तोड़ गोलियां, भीड़ ने बीच सड़क पर किया इंसाफ
इस वैक्सीन को मॉस्को के गामलेया रिसर्च इंस्टिट्यूट ने रूसी रक्षा मंत्रालय के साथ मिलकर एडेनोवायरस को बेस बनाकर तैयार किया है। गामलेया रिसर्च इंस्टिट्यूट का दावा है कि वैक्सीन में जो पार्टिकल्स इस्तेमाल हुए हैं, वे खुद को कॉपी नहीं कर सकते। मिली जानकारी के मुताबिक रिसर्च और मैनुफैक्चरिंग में शामिल कई लोगों ने खुद को इस वैक्सीन की डोज दी है।
रूस ने प्लान किया है कि ये वैक्सीन सबसे पहले हेल्थ वर्कर्स को दी जाएगी, उसके बाद बुजुर्गों को। मॉस्को ने कई देशों को भी वैक्सीन सप्लाई करने की बात कही है हालाँकि अमेरिका, ब्रिटेन आदि देशों ने रूसी वैक्सीन को सिरे से ख़ारिज कर रखा है।
ये भी पढ़ें...30,000 बैंक कर्मचारियों की छटनी, SBI ने दिया भारी-भरकम झटका
तीन चरण के ट्रायल
किसी भी वैक्सीन के ट्रायल के तीन चरण होते हैं और तीनों में उसे सुरक्षित पाए जाने के बाद ही इस्तेमाल की अनुमति मिलती है। ऐसे में अगर भारत में यह लाई जाती है तो भारत में भी इसका तीसरे चरण का ट्रायल अवश्य किया जाएगा।
ऐसा इसलिए जरूरी है क्योंकि कोई भी दवा या वैक्सीन जिसका डेवलपमेंट विदेश में किया गया है उसका भारत में इस्तेमाल किये जाने से पूर्व भारतीय जनता पर तीसरे चरण का ट्रायल अनिवार्य है। फिलहाल भारत में नियामक अथॉरिटी के पास किसी ने रूसी वैक्सीन के ट्रायल की अनुमति के लिए अर्जी नहीं लगाई है।
ये भी पढ़ें... लौटी लादेन की भतीजी: ट्रंप की हो गई सगी, 9/11 आतंकी हमले में कर रही गुणगान
देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।