शाहीन बाग: दुकानदारों ने पुलिस से की ये गुजारिश, 3 महीनों से बंद हैं दुकानें

शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन के चलते स्‍थानीय दुकानदारों ने पुलिस के आला अधिकारियों से मुलाकात की है।

Update: 2020-03-08 11:38 GMT

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन के चलते स्‍थानीय दुकानदारों ने पुलिस के आला अधिकारियों से मुलाकात की है।

दुकानदारों के एक प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को दक्षिणपूर्वी जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की और इलाके में सीएए के विरोध में चल रहे विरोध-प्रदर्शन का समाधान निकालने की अपील की।

दुकानदारों ने कहा कि प्रदर्शन खत्‍म होने पर ही वे अपनी दुकानें खोल सकेंगे। दकानदार प्रदर्शन की वजह से अपनी दुकानें नहीं खोल पा रहे हैं।

पिछले तीन महीनों से बंद हैं दुकानें

ये भी पढ़ें- बॉलीवुड में भी कोरोना का कहर: दबंग खान की राधे के बाद बंद हुई इस फिल्म की शूटिंग

पुलिस ने बताया कि स्‍थानीय दुकानदारों के प्रतिनिधिमंडल ने अपनी चिंताओं को उठाया है। लगभग पिछले तीन महीनों से इन दुकानदारों की दुकानें बंद हैं। अधिकारियों ने प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों को सुना और उन्हें बताया कि यह मामला अदालत में विचाराधीन है।

वे इस पर टिप्पणी नहीं कर सकते हैं। बता दें कि शाहीन बाग में प्रदर्शनकारी महिलाएं सीएए के खिलाफ पिछले लगभग तीन महीनों से प्रदर्शन कर रही हैं। विरोध-प्रदर्शन के कारण कालिंदी कुंज-नोएडा लिंक रोड कई सप्‍ताह से ठप है। ऐसे में आवागमन भी पूरी तरह से ठप पड़ा है।

मुलाकात के बाद भी नहीं निकला हल

सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त वार्ताकारों ने कई बार शाहीन बाग का दौरा किया। वार्ताकारों ने प्रदर्शनकारियों से कहा कि शीर्ष अदालत ने विरोध करने के उनके अधिकार को बरकरार रखा है।

ये भी पढ़ें- हार्द‍िक पंड्या की दुल्हनिया का बोल्ड लुक वायरल, देखें खूबसूरत तस्वीरें

हालांकि, कोर्ट ने स्‍पष्‍ट तौर पर कहा कि विरोध-प्रदर्शनों से अन्य नागरिकों का अधिकार प्रभावित नहीं होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्‍त वार्ताकरों ने शाहीन बाग का दौरा कर प्रदर्शनकारियों से बात की लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकल सका है।

ढाई महीने से ज्यादा से चल रहे प्रदर्शन से परेशान जामिया नगर थाने के एसएचओ उपेंद्र सिंह ने पुलिस आयुक्त को पत्र भेजकर दूसरी जगह तबादले की मांग की थी।

इसके बाद अब उन्हें सुरक्षा प्रकोष्ठ में भेज दिया गया है। उनकी जगह कुसुम पाल को थानाध्यक्ष बनाया गया है।

ये भी पढ़ें- Yes Bank फाउंडर की इन तीन बेटियों के पास है इतनी संपत्ति, जानकर हो जाएंगे दंग

वह सुरक्षा प्रकोष्ठ में तैनात थे।

Tags:    

Similar News