Shimla में दरक रहा पहाड़, ताश के पत्तों की तरह ढहे कई मकान, 4 NH और 857 सड़कें बंद...7 हजार Cr. का नुकसान
Shimla Landslide News: हिमाचल प्रदेश के शिमला में 15 अगस्त को एक बार फिर भूस्खलन हुआ। पहाड़ी ढहने की इस घटना में कई मकान चपेट में आ गए। ये पहाड़ी राज्य इन दिनों प्रकृति का कोप झेल रहा है। कई इलाकों में मकानों में दरारें आ गई है। लोग सुरक्षित जगहों की तरफ बढ़।
Shimla Landslide: हिमाचल प्रदेश में इन दिनों प्रकृति का तांडव जारी है। राजधानी शिमला (Landslide in Shimla) में मंगलवार (15 अगस्त) को एक बार फिर कुदरत का कहर देखने को मिला। दरअसल, एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें शिमला के कृष्णानगर इलाके में पहाड़ी को ढहते देखा जा सकता है। इस लैंडस्लाइड में करीब 5 से 7 मकान ढह गए। मलबे में लोगों के दबे होने की आशंका है। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
इस संबंध में शिमला के एसपी संजीव गांधी (Sanjeev Gandhi, Shimla SP) ने कहा कि, 'भारी बरसात की वजह से कुछ घर नीचे धंस गए हैं। मलबे में कुछ लोगों के दबे होने की आशंका है। राहत और बचाव कार्य जारी हैं। एंबुलेंस, SDRF, NDRF, राज्य और जिला पुलिस की टीम मौके पर मौजूद हैं। हम तेजी से बचाव कार्यों में जुटे हैं। अभी नुकसान का आंकलन नहीं कर सकते।'
समरहिल में घरों में आई दरारें
हिमाचल के अन्य अन्य हिस्सों में भी हालात ख़राब हैं। समरहिल (Shimla Landslide) में रहने वाले लोगों के घरों में दरारे आ गई हैं। ये नजारा खौफनाक है। ठीक उसी प्रकार के हालात हैं जैसा जोशीमठ में देखने को मिला है। कई मकानों की नींव कच्ची हो गई है। ऐसे में लोग अपने घरों को छोड़कर कहीं अन्य सुरक्षित जगह की तलाश में जा रहे हैं।
4 नेशनल हाईवे और 857 सड़कें बंद
हिमाचल प्रदेश में बीते 72 घंटों से लगातार बारिश की वजह से तबाही का मंजर देखने को मिल रहा है। राज्य में 4 राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) और 857 सड़कें बंद हैं। इसके अलावा, 4,285 बिजली ट्रांसफार्मर तथा 889 जलापूर्ति योजनाएं भी बंद पड़ी हैं। मंडी जिले (Mandi District) से भी नुकसान की ख़बरें आ रही हैं। मंडी में सबसे ज्यादा 323, जबकि शिमला 234 सड़कें बाधित हैं। जानकारी के अनुसार, मंडी में 2,610 और शिमला में 808 बिजली ट्रांसफार्मर ठप पड़े हैं। 15 अगस्त को किरतपुर-नेरचौक फोरलेन को घुमारवीं के पनोह के पास भारी नुकसान देखने को मिला। फोरलेन एक तरफ से धंस गया, जिसके बाद आवागमन अवरुद्ध हो गया।
फोरलेन पर जगह-जगह भूस्खलन
जमीन धंसने की घटनाएं अन्य जिलों में भी हुई हैं। हिमाचल के कई अन्य इलाकों से भी जमीन धंसने के साथ-साथ मकान में दरार आने की खबर है। एहतियातन यातायात के लिए एक लेन चालू है। इसके अतिरिक्त फोरलेन पर जगह-जगह भूस्खलन हुआ है। पहाड़ों से पत्थर सड़कों को बंद कर दिए हैं। फोरलेन का मलबा गिरने से हरनेड खड्ड भी बाधित हो गई। फोरलेन को घुमारवीं के अमर सिंह रोहिण के बीच भारी नुकसान पहुंचा है। इसी तरह, अलसु के पास पहाड़ी से बड़ी चट्टान गिरी है। जिससे किरतपुर-नेरचौक फोरलेन (Kiratpur-Nerchowk Four lane) पूरी तरह बंद हो गया। दूसरी तरफ, अलसू से भरमाणा की ओर यातायात को डायवर्ट किया गया है।
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अब तक 283 लोगों की मौत
हिमाचल प्रदेश के लोगों ने इस मानसून सीजन (monsoon season) के दौरान भारी तबाही देखी है। आंकड़ों की मानें तो इस साल 24 जून से 14 अगस्त तक 283 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 304 घायल हुए हैं। प्रकृति की नाराजगी ऐसी रही कि अब तक 1,442 घर तबाह हो गए, जबकि 8160 घरों को खासा नुकसान पहुंचा है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 272 दुकानों और 2,997 गोशालाओं को भी नुकसान हुआ है। इस मानसून में अभी तक 7,170.85 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हो चुका है। राज्य में लैंडस्लाइड की 112 और अचानक बाढ़ की 58 घटनाएं अब तक देखने को मिली हैं।
शिमला के उपायुक्त आदित्य नेगी (Shimla Deputy Commissioner Aditya Negi) ने मीडिया बताया कि, 'NDRF, SDRF, पुलिस और सेना ने मंगलवार सुबह करीब 6 बजे समरहिल में बचाव अभियान एक बार फिर शुरू किया। सोमवार सुबह करीब 7:15 बजे शिव मंदिर के पास भूस्खलन हुआ था। दरअसल, यहां सावन महीने में बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी (Himachal Pradesh University) ने इस बीच अध्यापन गतिविधियों पर रोक लगा दी है। हालांकि, शिक्षक सहित अन्य कर्मचारी ड्यूटी पर तैनात रहेंगे।