शिमला : हिमाचल में सकल घरेलू उत्पाद और प्रति व्यक्ति आय के मामले में सोलन जिला अव्वल रहा है। सांख्यिकी विभाग की गणना में इस जिले को पहला स्थान मिला है, जबकि प्रति व्यक्ति आय में किन्नौर जिला दूसरे नंबर पर है। । कांगड़ा, शिमला और मंडी जिले भी बेहतर स्थिति में है। अर्थ एवं सांख्यिकी विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार राज्य की आय वर्ष 1999-2000 में 14,112 करोड़ रुपए से बढ़कर वर्ष 2017-18 में 109,440 करोड़ रुपए हो गई। वर्ष 2017-18 में राज्य आय 135,914 करोड़ रुपए है। वर्तमान भाव पर राज्य की प्रति व्यक्ति आय 1999-2000 में 20806 रुपए थी, जो कि वर्ष 2017-18 में बढ़कर 158462 रुपए हो गई।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अर्थ एवं सांख्यिकी विभाग द्वारा बनाए गए प्रदेश के जिला घरेलू उत्पाद (जिला आय) के अनुमान वर्ष 2011-12 से 2015-16 तक नए आधार वर्ष, वर्ष 2011-12 पर एक प्रकाशन जारी किया। इसमें बताया गय है कि राज्य घरेलू उत्पाद में प्राथमिक क्षेत्र का योगदान 1950-51 में 71.01 प्रतिशत था जो कि वर्ष 2017-18 में घटकर 15.39 प्रतिशत रह गया है, जबकि गौण क्षेत्र का योगदान बढ़कर 40.09 प्रतिशत हो गया है। अन्य क्षेत्रों का योगदान वर्ष 1950-51 में 19.19 प्रतिशत से बढ़कर 2017-18 में बढ़कर 44.52 प्रतिशत हो गया है।
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मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रदेश के सभी जिलों में आर्थिक स्थिति व प्रगति एक समान नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के चार जिलों का राज्य सकल घरेलू उत्पाद में योगदान 62 प्रतिशत है। वर्ष 2015-16 में सोलन जिला का मुख्यत: एक मजबूत आधार होने के कारण इसका योगदान 24.67 प्रतिशत है। इसके बाद जिला कांगड़ा 13.76 प्रतिशत, जिला शिमला 13.74 प्रतिशत व मंडी 10.15 प्रतिशत है, जबकि इन जिलों का भौगोलिक क्षेत्रफल राज्य के कुल क्षेत्रफल का मात्र 30 प्रतिशत है। जिलावार प्रति व्यक्ति आय के तहत वर्ष 2015-16 में सोलन जिला में प्रति व्यक्ति आय सबसे अधिक 394102 है, जबकि किन्नौर जिला 217993 रुपए के साथ दूसरे स्थान पर है। इस मामले में लाहुल-स्पीति तीसरे स्थान पर है, जिसकी आय 119231 रुपए है। जिला घरेलू उत्पाद में कांगड़ा जिला का योगदान दूसरे स्थान पर है, जबकि प्रति व्यक्ति आय के मामले में यह जिला 86637 रुपए के साथ अंतिम स्थान पर है ,क्योंकि प्रति व्यक्ति आय जिला के शुद्ध उत्पाद और जनसंख्या के अनुपात में होती है।
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अंतर्गत गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों को अपने आशियाने दिलाने में इस बार देश भर में धर्मशाला ब्लॉक ने बाजी मार ली है। धर्मशाला ब्लॉक ने निर्धारित लक्ष्य के अनुसार शत प्रतिशत आंकड़ा पार कर लिया है। जिला कांगड़ा को 2017-18 सत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 452 घर बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसमें धर्मशाला विकास खंड के तहत 15 गरीब परिवारों को योजना के तहत लाभ देने के लिए चयनित किया गया था।
प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने के चलते प्रदेश में विकास कार्य देरी से शुरू हुए थे, लेकिन बावजूद इसके विकास खंड धर्मशाला की टीम ने बेहतरीन कार्य करते हुए अव्वल स्थान हासिल किया है। आवास योजना (ग्रामीण) के तहत कांगड़ा जिला देश में अव्वल रहा था। जिले को वर्ष 2016-17 के लिए 776 लोगों को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य मिला था, जिसे समय रहते पूरा कर लिया गया था। इसके लिए 21 अप्रैल को पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डीसी कांगड़ा संदीप कुमार को सम्मानित किया था। इतना ही नहीं, जिला कांगड़ा देश भर में पिछले दो वर्षों में कई उपलब्धियां हासिल कर चुका है। इससे पहले जिला जियो टैगिंग, मनरेगा को अच्छी तरह लागू करने और स्वच्छता दर्पण की रैंकिंग में पूरे देश में अव्वल रहकर राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान भी प्राप्त कर चुका है।