सोनिया गांधी ने PM मोदी को लिखी चिट्ठी, उद्योगों को सुधारने के लिए दी ये सलाह
कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने पीएम मोदी को कोरोना काल में चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में उन्होंने देश की आर्थिक स्थितियों पर अपनी चिंता दर्शाई है। उन्होंने सूक्ष्म...
नई दिल्ली: पूरी दुनिया इस समय कोरोना महामारी से जूझ रही है। इस महामारी के प्रसार को रोकने के लिए सरकार ने देशव्यापी लॉकडाउन भी लागू कर रखा है। अब इस लॉकडाउन को एक महीना भी पूरा हो गया है, जिसकी वजह से तमाम उद्योग-धंधे और आर्थिक गतिविधियां भी ठप पड़ गए हैं। इसी से चिंतित होकर कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने पीएम मोदी को एक चिट्ठी लिखी है।
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कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने पीएम मोदी को कोरोना काल में चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में उन्होंने देश की आर्थिक स्थितियों पर अपनी चिंता दर्शाई है। उन्होंने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों की बेकार स्थितियों के बारे में चिंता व्यक्त की है।
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सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों की सहायता की बात
सोनिया गांधी ने चिट्ठी में सभी उद्योगों के साथ एमएएसएमई सेक्टर की सुरक्षा के लिए कुछ उपाय भी सुझाए हैं। पत्र के अनुसार, एमएसएमई के लिए 1 लाख करोड़ रुपये के एक पैकेज की घोषणा की जाय, जिससे मजदूरी संरक्षण के लिए काम किया जा सके। साथ ही 1 लाख करोड़ रुपये की क्रेडिट गारंटी फंड की स्थापना करने का सुझाव भी दिया है।
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नहीं तो 11 करोड़ से ज्यादा लोग हो जाएंगे बेरोजगार
सोनिया गांधी ने बताया है कि जीडीपी में एक तिहाई योगदान छोटे उद्योग ही देते हैं। देश के कुल निर्यात में 50 प्रतिशत हिस्सा इसी सेक्टर का है। इस सेक्टर की 6.3 करोड़ इकाईयों में 11 करोड़ से ज्यादा लोग रोजगार पाते हैं। उन्होंने लिखा कि आर्थिक संकट के ऐसे समय में बगैर मदद के यह सेक्टर बर्बादी की कगार पर आ गया है।
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रोजाना इस सेक्टर को हो रहा भारी नुकसान
सोनिया ने आगे लिखा कि इस समय इस सेक्टर को रोजाना 30 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। इनके सेल्स ऑर्डर रुके हैं और काम पूरी तरह से बंद हो गया है। इससे उनकी आय पर गंभीर व प्रतिकूल असर पड़ा है। सबसे चिंताजनक बात यह है कि इनमें काम करने वाले 11 करोड़ से ज्यादा लोगों की नौकरी छिन जाने का खतरा मंडरा रहा है क्योंकि सेक्टर उनके वेतन देने की स्थिति में नहीं हैं।
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ये पांच उपाय सुझाए
कांग्रेस अध्यक्षा ने चिट्ठी में आगे लिखा कि मैं कुछ सुझाव देना चाहती हूं, जिससे उन पर काम हो तो हमें कम दुर्दिन देखने पड़ेंगे। वो उपाय इस तरह हैं-
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- एक लाख करोड़ रुपये के 'एमएसएमई सेक्टर वेज प्रोटेक्शन' पैकेज की घोषणा की जाए ताकि नौकरियों को बचाने, मनोबल बढ़ाने और मंडराते आर्थिक संकट को दूर करने में मदद मिले।
- एक लाख करोड़ रुपये के 'क्रेडिट गारंटी फंड' का गठन किया जाए ताकि इस सेक्टर में तत्काल प्रवाहता आएगी और जरूरत पड़ने पर पर्याप्त धन उपलब्ध हो सके।
- आरबीआई द्वारा उठाए गए कदम से एमएसएमई इकाईयों को पर्याप्त धन आसान दरों पर जल्द ही मिल सके। इसके अलावा, आरबीआई के मौद्रिक निर्णयों को सरकार की वित्तीय मदद मिले, जिससे इन इकाईयों को लाभ पहुंच सके। मंत्रालय में एक 24x7 हेल्पलाइन चालू हो, जिससे एमएसएमई को मार्गदर्शन मिल सके।
- लोन के लिए आरबीआई से घोषित लोन का लाभ एमएसएमई इकाईयों के लिए 3 महीने से ज्यादा किया जाय। साथ ही सरकार को एमएसएमई के लिए टैक्स में छूट या कटौती तथा अन्य सेक्टर विशेष समाधान भी तलाशने चाहिए।
- अत्यधिक कोलेटरल सिक्योरिटी के चलते एमएसएमई इकाईयों को कर्ज नहीं मिल पाता है। एमएसएमई इकाईयों के लिए मार्जिन मनी की सीमा कम की जाय। इसके ज्यादा होने के कारण कर्ज की उपलब्धता कम है। इस समस्या का तुरंत समाधान करना भी बहुत जरूरी है।
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