बड़ी खबर: सेना के जवानों को देने के लिए गृह मंत्रालय के पास नहीं है पैसे 

देश की सीमाओं की सुरक्षा में तैनात जवानों की आर्थिक स्थिति खराब होने की कगार पर आ गयी है। जवानों की दो महीने की सैलेरी पर रोक लगा दी गयी है।

Update: 2020-01-29 07:43 GMT

दिल्ली: एक ओर कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल केंद्र सरकार पर खराब आर्थिक व्यवस्था का ठिकरा फोड़ रहे हैं तो वहीं सीमा की सुरक्षा में तैनात सशस्त्र सीमा बल (SSB) के जवानों पर इसका असर भी देखने को मिलने लगा है। दो महीनों के लिए जवानों की सैलरी रोक दी गयी है। ऐसे में जवानों पर इसका काफी असर पड़ेगा।

दो महीने नहीं मिलेगी जवानों को सैलरी :

देश की सीमाओं की सुरक्षा में तैनात जवानों की आर्थिक स्थिति खराब होने की कगार पर आ गयी है। जानकारी के मुताबिक, एसएसबी जवानों को दो महीने तक सैलरी नहीं दी जायेगी। इस बारे में एसएसबी मुख्यालय ने देश भर में अपनी यूनिटों को यह जानकारी दे दी है।

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इस दौरान कोई लीव इनकैशमेंट भी नहीं मिलेगा। एसएसबी मुख्यालय ने देशभर में तैनात अपने जवानों को जनवरी और फरवरी के दौरान एरियरों और अन्य वेतन भत्तों का भुगतान रोकने का फैसला किया।

SSB के पास जवानों को देने के लिए वेतन नहीं:

दरअसल, एसएसबी मुख्यालय के पास जवानों को देने भर के पैसे नहीं है। मुख्यालय ने देश भर में अपनी यूनिटों को बताया है कि उनके पास फंड की कमी हो गई है। वहीं इस बात जब एसएसबी के अधिकारियों से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि इस महीने और अगले महीने जवानों की सैलरी प्रभावित नहीं होगी, लेकिन बकाया एरियर का मार्च में भुगतान कर दिया जाएगा।

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फंड की कमी को लेकर उन्होंने कहा कि कभी-कभी फंड की दिक्कत हो जाती है, पहले भी ऐसा किया जा चुका है।

90 हजार जवान बिना वेतन भत्ते:

ऐसे में 90 हजार जवानों वाली इस फोर्स को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।हालांकि दो महीने के भत्ते रोकने के बाद मार्च में सभी तरह के एरियर का भुगतान कर दिया जाएगा। गौरतलब है कि एसएसबी के जवान बड़ी संख्या में बिहार और झारखंड में नक्सल विरोधी ऑपरेशन में लगे हैं। वहीं नेपाल बॉर्डर पर करीब 1751 किलोमीटर और भूटान सीमा पर करीब 699 किलोमीटर की निगरानी का जिम्मा एसएसबी जवानों के कन्धों पर ही है।

बता दें कि एसएसबी केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले पांच केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल में से एक है।

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