Sunanda Pushkar Death Case: सुनंदा पुष्कर मौत मामले शशि थरुर की बढेंगी मुश्किलें, दिल्ली हाईकोर्ट ने भेजा नोटिस

Sunanda Pushkar Death Case: दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की अपील पर पटियाला हाउस कोर्ट के फैसले खिलाफ सांसद शशि थरुर को नोटिस जारी किया है।

Report :  Jugul Kishor
Update:2022-12-01 13:57 IST

सुनंदा पुष्कर मौत मामले में कांग्रेस सांसद शशि थरूर हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस (Pic: Social Media)

Sunanda Pushkar Death Case: दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस नेता शशि थरुर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। पुलिस ने निचली अदालत के 2021 के आदेश को चुनौती देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की अपील पर पटियाला हाउस कोर्ट के फैसले खिलाफ सांसद शशि थरुर को नोटिस जारी किया है। अब इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट अगली सुनवाई 7 फरवरी 2023 को करेगी। शशि थरुर को पटियाला हाउस कोर्ट ने 18 अगस्त 2021 को सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में आरोप मुक्त कर दिया था।

सांसद शशि थरुर के वकील ने जताई आपत्ति 

हाईकोर्ट में थरुर की ओर से पेश हुए वकील विकास पाहवा ने आपत्ति जताते हुए कहा कि 15 महीने की देरी के बाद में पुनर्विचार याचिका क्यों दायर की गई। क्योंकि निचली अदालत का आदेश 2021 में सुनाया गया था। याचिका की एक प्रति उनको भी नहीं दी गई थी। विकास पाहवा ने हाईकोर्ट में सत्र न्यायाधीश के साथ साथ अन्य ट्रायल कोर्ट के जजों के पारित विभिन्न आदेशों को पेश किया। जिनमें कहा गया था कि मामले के दस्तावेजों को पार्टियों के अलावा किसी और साथ साझा नहीं किया जाना चाहिए। पाहवा ने कहा मामले की फाइलें मामले में शामिल पक्षों के अलावा किसी और नहीं दी जानी चाहिए। होईकोर्ट ने कहा यह सब कैसे किया जा सकता है। ये सभी दस्तावेज सार्वजनिक हैं।

17 जनवरी 2014 को सुनंदा पुष्कर की हुई थी मौत

गौरतलब है कि शशि थरुर की पत्नी सुनंदा पुष्कर 17 जनवरी 2014 की रात को दिल्ली के एक होटल के एक कमरे में मृत पायी गई थी। दंपति होटल में रह रहे थे क्योंकि थरूर के आधिकारिक बंगले का नवीनीकरण किया जा रहा था। थरूर पर क्रूरता और आत्महत्या के लिए उकसाने से संबंधित आईपीसी के प्रावधानों के तहत आरोप लगाए गए थे, लेकिन अगस्त 2021 में पटियाला हाउस कोर्ट ने थरूर को अपनी पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपों से मुक्त कर दिया था। पटियाला हाउस कोर्ट ने कहा था कि सांसद के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले हैं।    

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