Supreme Court: सुप्रीमकोर्ट में पूरी महिला बेंच, इतिहास में तीसरा मौका

Women Judge in Supreme Court: शीर्ष अदालत में वर्तमान में केवल तीन महिला न्यायाधीश हैं : जस्टिस कोहली, बी वी नागरत्ना और त्रिवेदी।

Written By :  Neel Mani Lal
Update: 2022-12-01 04:21 GMT

सुप्रीम कोर्ट  (photo: social media )

Women Judge in Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में तीसरी बार आज एक महिला बेंच केस देखेगी। प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने बुधवार को न्यायमूर्ति हिमा कोहली और बेला एम त्रिवेदी की पीठ गठित की। पहली बार सुप्रीम कोर्ट में 2013 में एक महिला बेंच थी, जब जस्टिस ज्ञान सुधा मिश्रा और रंजना प्रकाश देसाई एक साथ बैठे थे।

दूसरा मौका 2018 में आया, जब जस्टिस आर भानुमति और इंदिरा बनर्जी ने 5 सितंबर को एक बेंच साझा की। जस्टिस कोहली और त्रिवेदी की पीठ के पास 32 मामले सूचीबद्ध हैं, जिसमें वैवाहिक विवादों से जुड़ी 10 स्थानांतरण याचिकाएं और 10 जमानत मामले शामिल हैं।

शीर्ष अदालत में वर्तमान में केवल तीन महिला न्यायाधीश हैं : जस्टिस कोहली, बी वी नागरत्ना और त्रिवेदी। जस्टिस कोहली का कार्यकाल सितंबर 2024 तक है, जस्टिस त्रिवेदी जून 2025 तक पद संभालेंगी। जस्टिस नागरत्ना 2027 में देश की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश बनने वाली हैं।

सुप्रीम कोर्ट में अब 34 की स्वीकृत शक्ति के मुकाबले 27 न्यायाधीशों की कार्य क्षमता है। अगले महीने यह रिक्ति बढ़कर आठ हो जाएगी, न्यायमूर्ति एस अब्दुल नज़ीर 4 जनवरी, 2023 को सेवानिवृत्त होने वाले हैं। अगले साल सात और न्यायमूर्ति नज़ीर के अलावा, अपना कार्यकाल पूरा कर रहे हैं।

पहली महिला न्यायाधीश

शीर्ष अदालत में 1989 में पहली महिला न्यायाधीश थीं न्यायमूर्ति एम फातिमा बीवी जिनको केरल उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में रिटायरमेंट के बाद सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किया गया था। उनके बाद जस्टिस सुजाता मनोहर, रूमा पाल, ज्ञान सुधा मिश्रा, रंजना प्रकाश देसाई, आर भानुमति, इंदु मल्होत्रा, इंदिरा बनर्जी, कोहली, नागरत्न और त्रिवेदी सुप्रीम कोर्ट की जज बनीं। इनमें से अंतिम तीन को एक ही दिन – 2 सितंबर, 2021 – भारत के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना के कार्यकाल के दौरान शपथ दिलाई गई थी, जिसमें न्यायमूर्ति बनर्जी सहित महिला न्यायाधीशों की संख्या बढ़ कर चार हो गई थी। जस्टिस बनर्जी इसी साल 23 सितंबर को सेवानिवृत्त हुई थीं।

न्यायमूर्ति कोहली शीर्ष अदालत में पदोन्नति से पहले तेलंगाना उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश थीं। जस्टिस त्रिवेदी सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नति से पहले गुजरात हाईकोर्ट की जज थीं।

बता दें कि लातिनी अमेरिकी देशों के सुप्रीम कोर्टों में 60 फीसदी तक महिला न्यायाधीश हैं।

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