राफेल डीलः केंद्र सरकार को सुप्रीम झटका, जारी रहेगी सुनवाई

राफेल डील मामले में केंद्र की बीजेपी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से तगड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने केंद्र सरकार की उस आपत्ति को खारिज कर दिया है, जिसमें उसने गोपनीय दस्तावेजों के आधार पर पुनर्विचार खारिज करने की मांग की थी।

Update:2019-04-10 11:15 IST

नई दिल्लीः राफेल डील मामले में केंद्र की बीजेपी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से तगड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने केंद्र सरकार की उस आपत्ति को खारिज कर दिया है, जिसमें उसने गोपनीय दस्तावेजों के आधार पर पुनर्विचार खारिज करने की मांग की थी। अब गोपनीय दस्तावेज के आधार पर पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई जारी रहेगी।

आपको बता दें, पिछली सुनवाई में सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देते हुए कहा था कि राफेल डील पर उसके फैसले पर पुनर्विचार के लिये याचिकाकर्ताओं द्वारा दाखिल दस्तावेज ‘राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये संवेदनशील’ हैं और जिन लोगों ने इन दस्तावेजों की फोटोकॉपी बनाने की साजिश की, उन्होंने इसकी चोरी की और इन्हें लीक करके सुरक्षा को खतरे में डाला है।

राफेल की सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि जो सीएजी की रिपोर्ट कोर्ट में पेश की गई थी उसमें कुछ गलती थी। उन्होंने बताया कि इस रिपोर्ट में तीन पन्ने गायब थे।

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क्या कहा था याचिकाकर्ता ने

सुप्रीम कोर्ट में राफेल मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता अरुण शौरी ने कहा, मैं अटॉर्नी जनरल को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने अपने हलफनामे में कहा है कि असली दस्तावेजों की फोटोकॉपी हुई है। ऐसा कहकर उन्होंने यह साबित कर दिया है कि दस्तावेज असली हैं।

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हलफनामे में क्या कहा था

रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि फ्रांस और दूसरों के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों के संबंध में हुए केंद्र के विभिन्न समझौतों में गोपनीयता की शर्त थी। इसमें कहा गया है कि अगर ये दस्तावेज सार्वजनिक होते हैं, तो ये समझौते की शर्तों का हनन है।

हलफनामे में रक्षा मंत्रालय ने कहा है, यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और प्रशांत भूषण गोपनीय दस्तावेजों को आधार बना रहे हैं और वे संवेदनशील जानकारी लीक करने के दोषी हैं।

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केंद्र ने कहा, वे जिन्होंने इस लीक की साजिश की वे अनधिकृत तरीके से फोटोकॉपी करने और राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करने वाले संवेदनशील सरकारी दस्तावेजों को लीक करने के अपराध सहित भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत दंडनीय अपराधों के दोषी हैं।

 

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