लॉकडाउन में बैंकों के ब्याज वसूलने पर कोर्ट सख्त, केंद्र और RBI को भेजा नोटिस

सर्वोच्च अदालत ने केंद्र और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को नोटिस जारी किया है। उक्त कार्रवाई लॉकडाउन के दौरान बैंकों की ओर से कर्ज पर वसूले जा रहे ब्याज के मामले में की गई है।

Update:2020-05-26 16:16 IST

नई दिल्ली: सर्वोच्च अदालत ने केंद्र और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को नोटिस जारी किया है। उक्त कार्रवाई लॉकडाउन के दौरान बैंकों की ओर से कर्ज पर वसूले जा रहे ब्याज के मामले में की गई है।

दरअसल इस मामले में पहले ही सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया था। जिसके बाद आज सर्वोच्च अदालत को ये कदम उठाना पड़ा है।

कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि अभी ब्याज वसूलने से बैंकों ने कुछ वक्त के लिए छूट दी है, पहले ये छूट 31 मई तक थी जिसे अब बढ़ाकर 31 अगस्त तक पहुंचाया गया है।

लेकिन जब ये खत्म होगा तो बैंकों की ओर से बकाया ब्याज वसूला जाएगा, जो गलत है। याचिका में ये भी दावा किया गया कि है जब लॉकडाउन के दौरान किसी तरह की कमाई नहीं हो रही है, तो फिर लोग कैसे बैंकों को ब्याज चुकता कर पाएंगे।

कोर्ट में सुनवाई के बाद अदालत की ओर से केंद्र और रिजर्व बैंक ऑफ़ इण्डिया को नोटिस थमाया गया है। इस मामले में जवाब देने के लिए उन्हें एक सप्ताह का मोहलत दी है। अब अगले हफ्ते में इस मामले की सुनवाई होगी।

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वरिष्ठ वकील राजीव दत्ता ने कोर्ट में कही ये बात

वरिष्ठ वकील राजीव दत्ता की ओर से कोर्ट में बताया गया कि बैंक अभी तो मुझे राहत दे रहा है, लेकिन आगे जाकर सजा देने की बात भी कह रहा है। अभी ब्याज चुकाने के लिए समय को 3 महीने से बढ़ाकर 6 महीने किया गया।

अगर अदालत इसपर कुछ फैसला करता है, तो राहत की ओर कदम बढ़ सकता है। बता दें कि रिजर्व बैंक ने कोरोना महामारी और लॉकडाउन के मद्देनजर टर्म लोन लेने वाले ग्राहकों को राहत देते हुए अगले तीन महीनों तक उन्हें अपनी किस्त नहीं चुकाने की छूट दी थी।

उसके बाद अधिकतर बैंकों ने मार्च की ईएमआई को जून में लेने की बात कही थी, अब इसे बढ़ाकर अगस्त तक पहुंचा दिया गया है। मालूम हो कि लॉकडाउन के कारण केंद्र सरकार की ओर से कई रियायत दी जा रही हैं। इसके अलावा रिजर्व बैंक ने भी छूट दी हैं।

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