Terror Funding Case: यासीन मलिक को NIA कोर्ट ने सुनाई उम्र कैद की सजा, जम्मू-कश्मीर में हालात बिगड़े

Yasin Malik Case : जम्मू कश्मीर में आतंकी गतिविधियों से जुड़े टेरर फंडिंग मामले को लेकर आरोपी यासीन मलिक कि आज दिल्ली के एनआईए कोर्ट में सुनवाई चल रही है।

Written By :  Bishwajeet Kumar
Newstrack :  aman
Update:2022-05-25 18:15 IST

यासीन मलिक (तस्वीर साभार : सोशल मीडिया)

Yasin Malik News : टेरर फंडिंग मामले (Terror Funding Case) में आरोपी रहे 'जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट' (Jammu Kashmir Liberation Front) के अध्यक्ष यासीन मलिक (Yasin Malik) को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। दिल्ली की एनआईए कोर्ट (NIA Court) ने बुधवार को सुनवाई के बाद यासीन मलिक को उम्र कैद की सजा सुनाई। यासीन मलिक को दो मामलों में उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। साथ ही, यासीन मलिक पर 10 लाख का जुर्माना भी लगाया है।

बता दें, हाल ही में टेरर फंडिंग से जुड़े केस की सुनवाई के दौरान गुरुवार को प्रतिष्ठित संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के अध्यक्ष यासीन मलिक (JKLF Chief Yasin Malik) ने यह कबूल किया था कि कश्मीर (Yasin Malik Kashmir) में चल रही आतंकी गतिविधियों में उसका हाथ शामिल है। वहीं, यासीन मलिक को सजा सुनाए जाने से पहले जम्मू-कश्मीर में उनके घर पर ड्रोन से नजर रखी गई। इस फैसले को लेकर घाटी में पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी। यासीन मलिक को सजा सुनाए जाने से पहले जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों पर पत्थरबाजी हुई।   

यासीन मलिक ने कोर्ट में कहा था, कि वह यूएपीए की धारा-16 (आतंकवादी गतिविधि), 17 (आतंकवादी गतिवधि के लिए धन जुटाने), 18 (आतंकवादी कृत्य की साजिश रचने) और 20 (आतंकवादी समूह या संगठन का सदस्य होने) तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) व 124-ए (देशद्रोह) के तहत खुद पर लगे आरोपों को चुनौती नहीं देना चाहता।

बता दें, कि एनआईए ने यासीन मलिक को सजा ए मौत देने की मांग की थी सजा के ऐलान से पहले पटियाला हाउस कोर्ट रूम के बाहर सुरक्षा-व्यवस्था बढ़ा दी गई थी। सुरक्षाकर्मियों के अलावा सादे कपड़ों में भी सुरक्षाकर्मी तैनात रहे। कोर्टरूम में डॉग स्क्वॉड के जरिए आने वालों की जांच की गई। 

आतंकी गतिविधियों के लिए कोर्ट ने माना दोषी

जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक को जम्मू कश्मीर में आतंकी गतिविधियों समेत कई अन्य गैर कानूनी कार्रवाई को अंजाम देने के लिए फंडिंग में मददगार तथा दुनिया भर में टेरर फंडिंग से जुड़े नेटवर्क में हिस्सेदारी देने के लिए दिल्ली की लड़ाई है कोर्ट ने दोषी माना है। बता दें जम्मू कश्मीर में 13 फंडिंग के कारण तेजी से बढ़ रही आतंकी गतिविधियों को देखते हुए साल 2017 में एनआईए ने 30 मई को यासीन मलिक समेत कई अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।

इस मामले को लेकर एनआईए की ओर से साल 2018 में 18 जनवरी को करीब 12 लोगों से अधिक के खिलाफ आरोपों का चार्ट शीट फ़ाइल किया गया था। इस मामले की जांच के दौरान राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency) की ओर से कोर्ट में बयान दिया गया था कि हिज्बुल मुजाहिदीन (Hizbul Mujahideen), जैश-ए मोहम्मद (Jaish-e Mohammad) लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) और जेकेएलएफ जैसे कई आतंकी संगठन पाकिस्तान का समर्थन कर जम्मू-कश्मीर में नागरिकों तथा सुरक्षा बलों के खिलाफ हिंसा फैला रहे हैं।

यासीन ने मान लिया अपना गुनाह

पिछले हफ्ते गुरुवार को एनआईए कोर्ट में सुनवाई के दौरान जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक ने कोर्ट में यह कुबूल कर लिया की जम्मू कश्मीर में कई आतंकी गतिविधियों में उसने फंडिंग का काम किया है। साथ ही यासीन ने यह भी कबूला कि आतंकवाद तथा आतंकी गतिविधियों और सदस्यों के साथ उसके रिश्ते रहे हैं। बता दें कोर्ट में यासीन की ओर से कहा गया कि वह यूएपीए की धारा 16, 17, 18 तथा 20 के तहत लगे आरोपों को कहीं और चुनौती नहीं देना चाहता इसके साथ ही यासीन ने यह भी कहा कि वह आईपीसी की धारा 120 बी तथा 124 ए के तहत लगे आरोपों को भी किसी कोर्ट में चुनौती नहीं देना चाहता।

गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर में बढ़ती आतंकी गतिविधियों में यासीन मलिक के तार जुड़े होने की जानकारी मिलने पर एनआईए की ओर से उसके खिलाफ यूएपीए एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया जिसमें धारा-16 (आतंकी गतिविधि में शामिल होना) धारा-17 (आतंकी गतिविधियों के लिए धन इकट्ठा करना), धारा-18 (आतंकी कृत्य की साजिश रचने में साथ देना) तथा धारा-20 (आतंकवादी संगठन या समूह का सदस्य होना) इसके साथ ही एनआईए की ओर से यासीन मलिक के खिलाफ आईपीसी की धारा-120 बी (आपराधिक साजिश रचने) तथा धारा-124ए (देशद्रोह) के तहत भी मुकदमा दर्ज किया गया है। आज इन्हीं मामलों को लेकर दिल्ली के NIA कोर्ट में सुनवाई होनी है जिसमें यह तय होगा कि यासीन मलिक को फांसी की सजा सुनाई जाएगी या उम्र कैद की सजा दी जाएगी।

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