इन सेक्टर्स पर पड़ी कोरोना की मार, ठप हो गए ये बड़े कारोबार

कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को तबाह कर दिया है। देश हो या विदेश हर जगह की अर्थव्यवस्था डांवाडोल हो गई है।  हर साल दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं को करीब 37 लाख करोड़ की चपत लगती है। लोगों की जान लेने के साथ ही ये महामारी बिजनेस और नौकरियों को भी बड़ा नुकसान पहुंचाती

Update: 2020-04-09 16:59 GMT

नई दिल्ली :कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को तबाह कर दिया है। देश हो या विदेश हर जगह की अर्थव्यवस्था डांवाडोल हो गई है। हर साल दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं को करीब 37 लाख करोड़ की चपत लगती है। लोगों की जान लेने के साथ ही ये महामारी बिजनेस और नौकरियों को भी बड़ा नुकसान पहुंचाती हैं। कोरोना महामारी की वजह से काम-धंधा चौपट पड़ा है। छोटे से लेकर बड़े उद्योग तक तबाह है। खासकर 5 ऐसे सेक्टर्स हैं, जो कोरोना की वजह से अर्श से फर्श पर पहुंच गए हैं।

 

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टूरिज्म और होटल इंडस्ट्री: कोरोना वायरस की वजह से पिछले करीब दो महीने से टूरिज्म सेक्टर में हाहाकार मचा है। टूरिज्म पर ब्रेक से होटल इंडस्ट्री पर भी ताला लटक गया है। भारत में कोरोना के मामले सामने आते ही सरकार ने सभी विदेशी पर्यटकों के वीजा को 15 अप्रैल तक के लिए रद्द कर दिया है। लेकिन ये बैन जल्द हटने वाला नहीं है टूरिज्म ठप पड़ने से होटल इंडस्ट्री भी संकट में है। टूरिज्म से होटल इंडस्ट्री को 40 परसेंट कारोबार आता है। यही नहीं, इने दोनों सेक्टर में कारोबार के ठप होने से नौकरियों के जाने की आशंका तेज हो गई है। हर महीने भारत में करीब 10 लाख विदेशी पर्यटक आते हैं। इसमें से कुल 60 से 65 फीसदी विदेशी पर्यटक अक्टूबर से मार्च के दरम्यान आते हैं जो इस बार कोरोना के चलते फ्लॉप सीजन साबित हो रहा है। भारत को विदेशी पर्यटकों के आने से हर साल करीब 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की आमदनी होती है।

 

ऑटो इंडस्ट्री और रियल एस्टेट: सबसे पहले कोरोना का मामला चीन में सामने आया, और जैसे ही इस वायरस से पैर फैलाना शुरू किया चीन के कारोबार पर असर पड़ा। कोरोना वायरस की वजह से ऑटो सेक्टर पर गहरा संकट आ गया है। क्योंकि कच्चा माल चीन से आता है, वो बंद है। इसके अलावा लॉकडाउन की वजह से प्रोडक्शन से लेकर शोरूम तक बंद हैं। मार्च में वाहनों की बिक्री में बड़ी गिरावट देखने मिली है और अप्रैल में संकट और बढ़ सकता है। पहले से बदहाल रियल एस्टेट सेक्टर को कोरोना ने तबाह कर दिया है। हर तरह का कंस्ट्रक्शन बंद है। घर जो बनकर तैयार हैं, उसके खरीदार नहीं है। हर महीने करोड़ों का नुकसान हो रहा है. इसके अलावा मॉल्स-दुकानें-मूवीज बंद होने से रियल एस्टेट के लीजिंग मॉडल को सीधे चोट पहुंच रही है।लोगों के घरों से ना निकलने की वजह से पहले ही मंदी से परेशान रियल एस्टेट को बड़ा नुकसान होने की आशंका है।

 

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एविएशन सेक्टर और टेक्सटाइल- - मेडिकल साइंस के इतना तरक्की करने के बावजूद अभी तक भी कोरोना वायरस से निपटने का कोई ठोस विकल्प नहीं तलाशा जा सका है। कोरोना की वजह से पूरी दुनिया परेशान है।एविएशन सेक्टर संकट में है, क्योंकि जब तक कोरोना संकट खत्म नहीं हो जाता, सरकार हवाई उड़ानों को शुरू करने की स्थिति में नहीं है। फिलहाल 30 अप्रैल तक सभी तरह की उड़ानें रद्द है। नुकसान का आंकड़ा लगाना आसान नहीं है। पिछले 15 दिनों से उड़ानें स्थगित है और आगे कब शुरू होगी ये कहना मुश्किल है। भारत में टेक्सटाइल इंडस्ट्री रोजगार देने में सबसे आगे है, गुजरात में समेत देश के तमाम हिस्सों में कोरोना वायरस की वजह से फैक्ट्रियों में ताला लटक गया है. सबसे ज्यादा बेरोजगारी की संख्या इस सेक्टर में आने वाले दिनों में दिखेगी। गारमेंट एक्सपोर्ट भी ठप पड़ा है।

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