दिशा रवि पर सुनवाई: कोर्ट 23 जनवरी को सुनाएगा फैसला, टूलकिट केस में ये हैं आरोप
दिशा की ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि किसी भी प्लेटफॉर्म पर अपनी बात रखना अपराध नहीं है। उन्होंने कहा कि हम किसी भी आंदोलन पसंद या नापसंद कर सकते हैं। लेकिन नापसंद करने का ये मतलब नहीं कि हम देशद्रोही हो गए।
नई दिल्ली: टूलकिस केस (Toolkit case) में गिरफ्तार बेंगलूरू की पर्यावरण कार्यकर्ता 22 वर्षीय दिशा रवि (Disha Ravi) की जमानत के मामले में आज यानी शनिवार को पटियाला हाउस कोर्ट (Patiala House Court) में सुनवाई हुई। कोर्ट में चली 3 घंटे की बहस के बाद अब अदालत 23 फरवरी को दिशा रवि की जमानत पर फैसला सुनाएगा।
सरकारी वकील ने किया जमानत अर्जी का विरोध
बता दें कि बीते हफ्ते दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद कोर्ट ने दिशा को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। 22 साल की एक्टिविस्ट ने बेल के लिए शुक्रवार को अर्जी दायर की थी। वहीं सुनवाई के दौरान सरकारी वकील द्वारा जमानत अर्जी का विरोध किया गया।
वहीं, दिल्ली पुलिस ने बताया कि एम.ओ. धालीवाल ने सोशल मीडिया पर खालिस्तान समर्थन में पेज बनाया। पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन द्वारा किसान आंदोलन का इस्तेमाल किया गया और भारत की छवि खराब करने की कोशिश की गई।
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किसी प्लेटफॉर्म पर अपनी बात रखना अपराध नहीं
दिशा की ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि किसी भी प्लेटफॉर्म पर अपनी बात रखना अपराध नहीं है। उन्होंने कहा कि हम किसी भी आंदोलन पसंद या नापसंद कर सकते हैं। लेकिन नापसंद करने का ये मतलब नहीं कि हम देशद्रोही हो गए। वकील ने सवाल किया कि क्या किसी देश विरोधी व्यक्ति के बातचीत करने से हम देश विरोध हो जाएंगे? सवाल ये है कि क्या टूलकिट अफेंसिव है?
हमें क्यों मिले सजा?
उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति से किसी महत्वपूर्ण मामले में बात करना अपराध नहीं। किसी देश विरोधी व्यक्ति से बात करने से उनकी सजा हमें क्यों मिले? वकील ने कहा कि पांच दिन की पुलिस रिमांड (Police Remand) में एक बार भी आप बेंगलुरु लेकर नहीं गए। कहीं छापा नहीं मारा गया, कुछ बरामद नहीं किया गया। जबकि पुलिस का कहना है कि सब कुछ बेंगलुरु में किया गया।
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संयुक्त किसान मोर्चा पर क्या लगाया गया राजद्रोह?
दिशा के वकील ने कहा जांच में दिल्ली पुलिस का पूरा सहयोग किया जाएगा। मैं जांच पूरी होने तक दिल्ली नहीं छोडूंगा, इसके लिए मैं शपथ पत्र देने के लिए भी तैयार हूं। उन्होंने आगे कहा कि ट्रैक्टर परेड का ऑर्गनाइजर कौन है वो तो संयुक्त किसान मोर्चा है। क्या उन पर राजद्रोह लगाया?
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