CJI चंद्रचूड़ के घर गणेश पूजा में PM मोदी की मौजूदगी पर भड़की उद्धव सेना, शिवसेना से जुड़े मामलों से अलग होने का अनुरोध
PM Modi Ganpati Pooja CJI House: शिवसेना उद्धव गुट के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ को शिवसेना से जुड़े मामलों से अलग हो जाना चाहिए।
PM Modi Ganpati Pooja CJI House: देश के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ के आवास पर आयोजित गणेश पूजा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी पर सियासत गरमा गई है। शिवसेना (यूबीटी) ने मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं। शिवसेना उद्धव गुट के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने तो यहां तक कह दिया है कि मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ को शिवसेना से जुड़े मामलों से अलग हो जाना चाहिए।
जस्टिस चंद्रचूड़ के साथ प्रधानमंत्री मोदी की पूजा की तस्वीरें सामने आने के बाद कई वकीलों ने भी सवाल उठाए हैं। दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी की ओर से दलील दी गई है कि प्रधानमंत्री मोदी सिर्फ गणेश पूजा में शामिल होने के लिए मुख्य न्यायाधीश के आवास पर पहुंचे थे और इसे लेकर कोई सियासत नहीं की जानी चाहिए।
पीएम मोदी ने खुद दी थी जानकारी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद जस्टिस चंद्रचूड़ के आवास पर आयोजित गणेश पूजा की तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की है। प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर यह तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि सीजेआई न्यायमूर्ति डिबाई चंद्रचूड़ जी के आवास पर आयोजित गणेश पूजा में शामिल हुआ।
भगवान श्री गणेश हम सभी को सुख, समृद्धि और अद्भुत स्वास्थ्य प्रदान करें। यह तस्वीर सामने आने के बाद सोशल मीडिया और सियासी गलियारों में इसकी खूब चर्चा शुरू हो गई।
प्रधानमंत्री गणेश पूजा पर कितने लोगों के घर गए
शिवसेना के उद्धव गुट ने प्रधानमंत्री के सीजेआई के घर जाने पर सवाल उठाए हैं। उद्धव गुट के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा कि यह गणपति जी का त्योहार है। मुझे इस बात की जानकारी नहीं है कि त्योहार के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी कितने लोगों के घरों पर गए हैं।
राजधानी दिल्ली में कई स्थानों पर भगवान गणेश का यह त्योहार मनाया जाता है मगर प्रधानमंत्री मोदी मुख्य न्यायाधीश के घर पर आयोजित गणेश पूजा में शामिल होने के लिए पहुंचे। उन्होंने वहां पर मुख्य न्यायाधीश के साथ भगवान गणेश की आरती की।
शिवसेना और एनसीपी को तोड़े जाने पर उठाए सवाल
राउत ने पीएम मोदी के इस पूजा में शामिल होने पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब संविधान के रक्षक इस तरह राजनेताओं से मिलेंगे तो लोगों के भीतर शक पैदा होगा। उन्होंने कहा कि एक केस में पार्टी प्रधानमंत्री को मुख्य न्यायाधीश के साथ ऐसे करीबी होकर बात नहीं करनी चाहिए।
उन्होंने महाराष्ट्र की शिंदे सरकार की ओर इशारा करते हुए कहा कि यहां एक अवैध सरकार चल रही है। पिछले तीन वर्षों से एक के बाद एक सिर्फ तारीख देने का काम किया जा रहा है। उन्होंने शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को तोड़े जाने को लेकर भी सवाल उठाए।
जस्टिस चंद्रचूड़ को केस से अलग होने की नसीहत
राउत ने सलाह देते हुए कहा कि जस्टिस चंद्रचूड़ को महाराष्ट्र से जुड़े केस से खुद अलग हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसी परंपरा रही है कि अगर जज और पार्टी के बीच कोई संबंध होता है तो जज खुद को केस से अलग कर लेते हैं। ऐसे में मेरा मानना है कि जस्टिस चंद्रचूड़ को खुद इस केस से अलग हो जाना चाहिए।
शिवसेना यूबीटी के नेता सुनील प्रभु ने विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर के फैसले को चुनौती दे रखी है और इससे जुड़ा केस सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। उद्धव गुट के नेता राउत ने इसी की ओर इशारा किया है। शिवसेना उद्धव गुट की प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने भी इसे लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव की आड़ में इस मामले की सुनवाई स्थगित की जा सकती है।
प्रशांत भूषण ने भी खड़े किए सवाल
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने भी मुख्य न्यायाधीश के घर प्रधानमंत्री मोदी के जाने पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि इस बात को लेकर हैरानी होती है कि सीजेआई चंद्रचूड़ ने निजी मुलाकात के लिए पीएम मोदी को अपने घर आने दिया। इससे न्यायपालिका के लिए बुरे संकेत मिलते हैं।
उन्होंने कहा कि न्यायपालिका के ऊपर यह बड़ा दायित्व है कि वह यह सुनिश्चित करे कि सरकार संविधान के दायरे में रहकर काम करे। इसके साथ ही नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी न्यायपालिका पर ही है। ऐसे में न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच दूरी होनी चाहिए।
भाजपा बोली-पूजा में शामिल होना अपराध नहीं
दूसरी ओर भाजपा ने जवाब देते हुए कहा है कि गणेश पूजा में शामिल होना अपराध नहीं है। भाजपा के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि विभिन्न शादियों, शुभ समारोहों और अन्य कार्यक्रमों में न्यायपालिका और राजनेता मंच साझा करते रहे हैं। जब प्रधानमंत्री सीजेआई के घर आयोजित गणेश पूजा में शामिल होते हैं तो उद्धव गुट की ओर से सीजेआई और सुप्रीम कोर्ट की अखंडता पर सवाल उठाया जाता है। उन्होंने इसे न्यायपालिका का अपमान बताया।
भाजपा के वरिष्ठ नेता बीएल संतोष ने जवाब देते हुए कहा कि फिर रोना शुरू हो गया। उन्होंने कहा कि इन वामपंथी उदारवादियों के लिए शिष्टाचार, सौहार्द और एकजुटता सबकुछ अभिशाप है। उनके लिए गणपति पूजा को भी पचा पाना मुश्किल हो रहा है।