ब्रिटेन ने PM मोदी को दिया जी-7 समिट का न्योता, जानिए क्या है G-7

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की तरफ से बयान जारी कर कहा गया है कि दुनिया की फार्मेसी के रूप में भारत पहले से ही दुनिया के 50 प्रतिशत से ज्यादा वैक्सीन की आपूर्ति करता है।

Update: 2021-01-17 08:38 GMT
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भारत के पीएम नरेंद्र मोदी को जी-7 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए न्योता दिया है।

नई दिल्ली: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भारत के पीएम नरेंद्र मोदी को जी-7 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए न्योता दिया है। इस शिखर सम्मेलन का कॉर्नवॉल में 11 से 13 जून तक आयोजन किया जाएगा। इस समिट में दुनिया के सात प्रमुख देशों के नेता शामिल होंगे। इस बैठक में कोरोना वायरस संकट और जलवायु परिवर्तन से उबरने की चुनौतियों पर चर्चा की जाएगी। जी-7 के शिखर सम्मेलन में भारत के साथ ही ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया को भी मेहमान के तौर पर निमंत्रण दिया गया है।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की तरफ से बयान जारी कर कहा गया है कि दुनिया की फार्मेसी के रूप में भारत पहले से ही दुनिया के 50 प्रतिशत से ज्यादा वैक्सीन की आपूर्ति करता है। बयान में कहा गया है कि यूनाइटेड किंगडम और भारत ने कोरोना जैसी महामारी के दौरान एक साथ मिलकर काम किया है।

ब्रिटेन की तरफ से कहा गया है कि हमारे प्रधानमंत्री लगातार बातचीत करते रहते हैं। प्रधानमंत्री जॉनसन ने कहा कि जी-7 सम्मेलन से पहले वो भारत का दौरा करेंगे। इस साल के गणतंत्र दिवस समारोह में जॉनसन को चीफ गेस्ट के तौर पर आमंत्रण किया गया था, लेकिन कोरोना के बढ़ते मामलों उनका दौरा रद्द कर दिया गया।

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जी-7 के शिखर सम्मेलन में इन मुद्दों पर चर्चा

दुनिया के प्रमुख लोकतंत्रों के राष्ट्राध्यक्ष साझा चुनौतियों से निपटने के लिए ब्रिटेन में एक साथ आएंगे। सभी बड़े नेता कोरोना वायरस की मार और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए चर्चा करेंगे। इस बैठक में यह भी सुनिश्चित किया जाएगा हर जगह लोग खुले व्यापार, तकनीकी परिवर्तन और वैज्ञानिक खोज से लाभ उठा सके।

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जानिए क्या है G-7?

दुनिया की सात सबसे बड़ी विकसित अर्थव्यवस्था वाले देशों का समूह है जी-7। इसमें कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमरीका शामिल हैं। इसे ग्रुप ऑफ सेवन भी कहा जाता है। शुरुआत में यह छह देशों का समूह था और इसकी पहली बैठक 1975 में हुई थी। एक साल बाद ही यानी 1976 में इस ग्रुप में कनाडा को शामिल किया गया था और यह ग्रुप 7 बन गया। हर देश बारी-बारी से इस ग्रुप की अध्यक्षता करते हैं और सालाना शिखर सम्मेलन की मेजबानी करते हैं।

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