भारत को बड़ा झटका, अमेरिका से तरजीही राष्ट्र का दर्जा खत्म

अमेरिका के साथ तरजीही भारत का तरजीही दर्जा खत्म हो गया। जीएसपी दर्जे पर प्रतिबंध लागू होने के अंतिम दिन 25 अमेरिकी सांसदों ने व्यापार प्रतिनिधि को पत्र लिखकर फैसला टालने की अपील की। इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलने के बाद शुक्रवार 3 मई से भारत का तरजीही दर्जा समाप्त हो गया।

Update: 2019-05-04 07:41 GMT

नई दिल्ली: अमेरिका के साथ तरजीही भारत का तरजीही दर्जा खत्म हो गया। जीएसपी दर्जे पर प्रतिबंध लागू होने के अंतिम दिन 25 अमेरिकी सांसदों ने व्यापार प्रतिनिधि को पत्र लिखकर फैसला टालने की अपील की। इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलने के बाद शुक्रवार 3 मई से भारत का तरजीही दर्जा समाप्त हो गया।

डेमोक्रेटिक पार्टी के 21 सांसदों के साथ राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी के चार सांसदों ने अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि रॉबर्ट लाइटहाइजर को पत्र लिखकर भारत का जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफ्रेंस (जीएसपी) का दर्जा खत्म नहीं करने का आग्रह किया था।

उन्होंने कहा कि अमेरिका ऐसे सौदों पर बातचीत जारी रखे जो भारत के साथ आयात-निर्यात बढ़ाने और नौकरियां पैदा करने में मददगार है। भारत में होने वाले चुनावों को देखते हुए इस फैसले को अभी टाल दिया जाना चाहिए। ताकि, नई सरकार बनने के बाद सीमा शुल्क के मुद्दे पर मोलभाव किया जा सके। वर्तमान परिस्थितियों में यह फैसला अमेरिका के हित में नहीं होगा।

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सांसदों ने कहा है कि इस फैसले से अमेरिकी कंपनियों द्वारा भारत में अपने निर्यात को बढ़ाने की कोशिश नाकाम हो सकती है। जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रीफरेंस (GSP) व्यापार में तरजीह देने वाली अमेरिका की सबसे व्यापक और पुरानी योजना है और इसका उद्देश्य मनोनित लाभार्थी देशों के हजारों उत्पादों को शुल्क मुक्त एंट्री प्रदान कर आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है।

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क्‍या है ट्रंप का फैसला

दरअसल, बीते मार्च में अमेरिकी राष्‍ट्रपति ट्रंप ने भारत के साथ जीएसपी समाप्‍त करने का ऐलान किया। भारत के केमिकल्स और इंजीनियरिंग जैसे सेक्टरों के करीब 1900 छोटे-बड़े प्रोडक्‍ट पर जीएसपी का फायदा मिलता है। इसका मतलब यह हुआ कि भारतीय बाजार से ये प्रोडक्‍ट अमेरिकी बाजार में बिना किसी टैक्‍स या मामूली ड्यूटी चार्ज के पहुंचते हैं। वहीं भारत जीएसपी के तहत अमेरिका को 5.6 अरब डॉलर (करीब 40 हजार करोड़ रुपये) के सामानों का निर्यात करता है।

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