बेहद दुखद खबर : नहीं रहे पूर्व मुख्यमंत्री, शोक में डूबा पूरा देश
बिहार के पूर्व सीएम डॉक्टर जगन्नाथ मिश्रा का लंबी बीमारी के बाद नई दिल्ली में निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। 82 वर्षीय जगन्नाथ मिश्रा तीन बार बिहार के सीएम रह चुके थे। वह केंद्रीय मंत्री भी रहे थे।
नई दिल्ली : बिहार के पूर्व सीएम डॉक्टर जगन्नाथ मिश्रा का लंबी बीमारी के बाद नई दिल्ली में निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। 82 वर्षीय जगन्नाथ मिश्रा तीन बार बिहार के सीएम रह चुके थे। वह केंद्रीय मंत्री भी रहे थे। उनके निधन की खबर से पूरे बिहार में शोक की लहर व्याप्त है।
बिहार के तीन बार बने सीएम
डॉक्टर जगन्नाथ मिश्र भारतीय राजनेता और बिहार के तीन पार मुख्यमंत्री रह चुके थे। उन्होंने कॉलेज के प्रोफेसर के रूप में अपना करियर शुरू किया था और बाद में बिहार विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर बने थे। बचपन से ही उनकी रूचि राजनीति में थी, क्योंकि उनके बड़े भाई, ललित नारायण मिश्र राजनीति में थे और देश के रेल मंत्री थे।
आपको बता दें, कि जगन्नाथ मिश्रा पहली बार 1975 में राज्य के सीएम बने और अप्रैल 1977 तक इस पद पर रहे थे। उसके बाद 1980 उन्होंने तीन साल के लिए सीएम की कमान संभाली। 1989 में मिश्रा तीन महीने के लिए सीएम बने थे।
यह भी देखें... बड़ी खुशखबरी! पेट्रोल-डीजल के दामों में फिर आई गिरावट, यहाँ देखें दाम
सीएम नीतीश ने जताया शोक
सीएम नीतीश कुमार ने डॉक्टर जगन्नाथ मिश्र के निधन पर गहरा शोक जताया है। उनके साथ ही बिहार के विभिन्न दलों के नेताओं ने भी डॉक्टर मिश्र के निधन पर अपनी संवेदना व्यक्त की है। सबने कहा है कि दिवंगत नेता के इस तरह चले जाने से बिहार की राजनीति को गहरा आघात लगा है। बिहार में तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की गई है।
विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी, मंत्री नीरज कुमार, बेनीपुर विधायक सुनील चौधरी, मंत्री अशोक चौधरी, कांग्रेस विधायक अशोक राम, जदयू नेता रंजीत झा ने भी शोक जताया। पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉक्टर रघुवंश प्रसाद सिंह ने भी शोक जताया। जदयू सांसद डॉ आलोक कुमार सुमन, एमएलसी आदित्य नारायण पाण्डेय ने भी शोक जताया।
यह भी देखें... महाराष्ट्र: धुले में ट्रक और बस की भिड़ंत से बड़ा हादसा, 11 की मौत, 15 घायल
बिहार में डॉक्टर मिश्र का नाम बड़े नेताओं के तौर पर जाना जाता है । कांग्रेस छोड़ने के बाद, वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए और फिर जनता दल (यूनाइटेड) में भी शामिल हुए।
30 सितंबर 2013 को रांची में एक विशेष केंद्रीय जांच ब्यूरो ने चारा घोटाला मामले में 44 अन्य लोगों के साथ उन्हें भी दोषी ठहराया। उन्हें चार साल की कारावास और 200,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया था। बाद में उन्हें जमानत पर बरी कर दिया गया था।
यह भी देखें... लालू प्रसाद यादव को हुई गंभीर बीमारी, अब चलने में हो रही परेशानी