सबसे खूंखार बदमाश: जिसका चलता था दुनिया में सिक्का, जानें इनके बारे में
कानपुर से आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर फरार कुख्यात अपराधी विकास दुबे की तलाश में पुलिस जुटी हुई है। गैंगस्टर विकास दुबे के खिलाफ 60 आपराधिक मामले दर्ज हैं।
नई दिल्ली: कानपुर से आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर फरार कुख्यात अपराधी विकास दुबे की तलाश में पुलिस जुटी हुई है। गैंगस्टर विकास दुबे के खिलाफ 60 आपराधिक मामले दर्ज थे, लेकिन अब तक उसके खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हो पाई है। जिसके चलते पुलिस और प्रशासन दोनों पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। इसके अलावा इस मामले में राजनेताओं और विकास दुबे के गठजोड़ को लेकर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं। बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब किसी अपराधी को राजनीतिक शरण मिली हो।
हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की खोज जोरो शोरो पर
हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की खोज जोरो शोरो पर है। पुलिस ने विकास दुबे की धरपकड़ के लिए हर कोशिशें तेज कर दी हैं। इस बीच हम आपको कुछ ऐसे डॉन, हिस्ट्रीशीटर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका क्राइम की दुनिया में सिक्का चलता था।
यह भी पढ़ें: 10 से ज़्यादा बकरी होने पर मिलेगा लाभ, सरकार मनरेगा मज़दूरों से कराएगी ये काम
ये हैं वो चार डॉन, हिस्ट्रीशीटर
दाऊद इब्राहिम
दाऊद इब्राहिम, क्राइम की दुनिया में बड़ा नाम। महाराष्ट्र के रत्नागिरी में जन्मे दाऊद का बॉलीवुड में भी काफी दबदबा चलता था। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि दाऊद इब्राहिम के पिता मुंबई पुलिस में हवलदार थे। लेकिन दाऊद की स्कूल के दिनों से ही बुरी संगती लग गई, जिस वजह से वह चोरी, डकैती और तस्करी जैसे कामों में लग गया। आगे चलकर उसे साथ मिला डॉन बाशू दादा का। दाऊद धीरे-धीरे कर के अपराध की दुनिया में आगे बढ़ता चला गया।
उसके बाद दाऊद इब्राहिम को छोटा राजन का भी साथ मिला। जिसके बाद दोनों ने मिलकर भारत के बाहर भी काम करना शुरू कर दिया। हालांकि आगे चलकर ये साथी एक-दूसरे के जानी दुश्मन बन गए। बता दें कि दाऊद 1993 बम ब्लास्ट का मुख्य आरोपी है। वह भारत का मोस्ट वांटेड क्रिमिनल है, लेकिन अब तक वह भारत के पकड़ में नहीं आया है। ऐसा कहा जाता है कि वह पाकिस्तान में शरण लिए हुए है।
यह भी पढ़ें: चीन का दावा: अमेरिका बड़े-बड़े देशों को उकसा रहा, भुगतना होगा खामियाजा
छोटा राजन
छोटा राजन एक समय में दाऊद इब्राहिम का दाहिना हाथा यानी राइट हैंड था, लेकिन आगे चलकर ये दोनों एक-दूसरे के जानी दुश्मन बन गए। दुश्मनी इतनी बढ़ी कि एक बार साल 2000 में दाऊद के गैंग ने छोटा राजन पर हमला भी करवाया था। हमले में गोलियां लगने के बावजूद राजन बचने में कामयाब हो गया।
मुंबई पुलिस को बीते लंबे अरसे से छोटा राजन की तलाश थी। इसलिए पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए एक जाल बिछाया लेकिन शातिर छोटा राजन सिंगापुर भाग निकला। इसके बाद 25 अक्टूबर 2015 को राजन बाली में इंडोनेशिया की पुलिस के हाथ आ गया। इसी साल छह नवंबर को वह भारत लाया गया। उसके बाद दो मई 2018 को छोटा राजन को एक पत्रकार की हत्या में उम्रकैद की सजा सुना दी गई।
यह भी पढ़ें: कोविड 19 से निपटने के लिए नोडल अधिकारी ने परखी व्यवस्थाएं, दिए ये निर्देश
वीरप्पन
वीरप्पन का पूरा नाम कूज मुनिस्वामी वीरप्पन था। वह गोपीनाथम नामक गांव में 1952 में एक चरवाहा परिवार में पैदा हुआ था। उसका राज कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल के जंगलों में था। तीनों ही राज्यों की पुलिस उसे पकड़ना चाहती थी। उसे पकड़ने के लिए अभियान भी चलाए गए। 1986 में वीरप्पन को एक बार पकड़ लिया गया था लेकिन वह भाग निकलने में सफल रहा।
वीरप्पन के खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज थे। उस पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और वन अधिकारियों समेत 184 लोगों की हत्या के अलावा 200 हाथियों के शिकार, 26 लाख डॉलर के हाथी के दांतों की तस्करी के मामले दर्ज थे। इसके अलावा दस हजार टन चंदन की लकड़ी, जिसकी कीमत दो करोड़ 20 लाख डॉलर थी, की तस्करी से जुड़े मामलों में भी पुलिस को वीरप्पन की तलाश थी।
यह भी पढ़ें: शिवसेना का दावा: गठबंधन में नहीं है कोई अनबन, मतभेद के दावे को किया खारिज
छोटा शकील
छोटा शकील दाऊद इब्राहिम की डी कंपनी में दूसरे नंबर का आदमी है। ऐसा माना जाता है कि छोटा शकील ही दाऊद का पैसा बॉलीवुड की फिल्मों में लगाता था। ऐसा भी कहा जाता है कि छोटा राजन ने छोटा शकील के डर से ही खुद को गिरफ्तार करवाया था। शकील 1993 मुंबई ब्लास्ट और 2001 में बैंकॉक में छोटा राजन पर हमले का आरोपी है।
कहा जाता है कि इस वक्त छोटा शकील पाकिस्तान में है और भारतीय खुफिया एजेंसी को उसकी तलाश है। पुलिस ने फरवरी 1992 में उसके प्रमुख सहयोगी गुरुनाथन को पकड़ लिया। 18 अक्टूबर 2004 को उसे मार गिराया गया।
यह भी पढ़ें: विकास ने यहां खड़ी की थी करोड़ों की सम्पत्ति, जांच के डर से परिवार वालों की उड़ी नींद
देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।