विकास दुबे एनकाउंटर: SC में कल सुनवाई, इस दिग्गज वकील ने दायर की है याचिका
कानपुर शूटआउट के आरोपी विकास दुबे को पुलिस ने एनकाउन्टर में मार गिराया था। हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे और उसके साथियों के एनकाउंटर की जांच सीबीआई, एनआईए या कोर्ट की निगरानी में करवाए जाने की मांग वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में अब कल मंगलवार को सुनवाई होगी।
नई दिल्ली: कानपुर शूटआउट के आरोपी विकास दुबे को पुलिस ने एनकाउन्टर में मार गिराया था। हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे और उसके साथियों के एनकाउंटर की जांच सीबीआई, एनआईए या कोर्ट की निगरानी में करवाए जाने की मांग वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में अब कल मंगलवार को सुनवाई होगी।
चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच इस मामले की देखेगी।
बताया जा रहा है कि करीब 12 बजे कोर्ट लगेगी और करीब 1 बजे के बाद सुनवाई होगी। अनूप अवस्थी, सुप्रीम कोर्ट के वकील है, तीन याचिकाओं में एक याचिका उनके तरफ से कोर्ट में दायर की गई है।
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उनका कहना है कि पुलिस, राजनेता और अपराधियों के गठजोड़ की तह तक पहुंचना जरूरी है। 2 जुलाई को 8 पुलिस वालों की हत्या के मामले की भी जांच सीबीआई या एसआईटी से कराने की मांग की गई है।
उन्होंने अंदेशा जताया है कि विकास दुबे जैसा एनकाउंटर बाकियों का भी हो सकता है। दूसरी याचिका एनजीओ पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (पीयूसीएल) ने दायर की है।
पीयूसीएल ने इस एनकाउंटर की न्यायिक जांच की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि त्वरित न्याय के नाम पर पुलिस इस तरह कानून अपने हाथ में नहीं ले सकती है। इसी तरह की मांग को लेकर तीसरी याचिका मुंबई के वकील घनश्याम उपाध्याय ने दायर की है।
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एनकाउंटर पर ये कहती है पुलिस
एनकाउंटर पर पुलिस के अनुसार, आरोपी विकास दुबे को एसटीएफ यूपी लखनऊ टीम द्वारा पुलिस उपाधीक्षक तेजबहादुर सिंह के नेतृत्व में सरकारी गाड़ी से लाया जा रहा था। इस यात्रा के दौरान कानपुर नगर के सचेण्डी थाना क्षेत्र के कन्हैया लाल अस्पताल के सामने पहुंचे थे कि अचानक गाय-भैंसों का झुंड भागता हुआ रास्ते पर आ गया।
सरकारी पिस्टल को झटके से खींच लिया
ऐसे में लंबी यात्रा से थके ड्राइवर ने इन जानवरों से दुर्घटना को बचाने के लिए अपनी गाड़ी को अचानक मोड़ने की कोशिश की। जिसके बाद ये गाड़ी अनियंत्रित होकर पलट गई।
यूपीएसटीएफ की इस गाड़ी में बैठे पुलिस अधिकारियों को गंभीर चोटें आईं। इसी बीच विकास दुबे अचानक हालात का फायदा उठाते हुए घायल निरीक्षक रमाकांत पचौरी की सरकारी पिस्टल को झटके से खींच लिया और दुर्घटना ग्रस्त सरकारी वाहन से निकलकर कच्चे रास्ते पर भागने लगा। जिसके बाद जबरन मजबूर होकर पुलिस को विकास दुबे पर गोली चलानी पड़ी।
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