बाढ़ से नार्थईस्ट में तबाही: अभी और ज्यादा बारिश होगी, सप्लाई ठप

Weather Update: मौसम विभाग ने प्री-मानसून प्रलय कुछ और दिनों तक जारी रहने का अनुमान लगाया है।

Report :  Neel Mani Lal
Published By :  Ragini Sinha
Update: 2022-05-20 05:58 GMT

बाढ़ से नार्थईस्ट में तबाही (Social media)

Weather Update: पूर्वोत्तर भारत में बाढ़ और भूस्खलन से अभी कोई राहत नहीं है। बारिश का सिलसिला लगातार जारी है। मौसम विभाग ने प्री-मानसून प्रलय कुछ और दिनों तक जारी रहने का अनुमान लगाया है और ब्रह्मपुत्र के साथ जल स्तर और बढ़ने की संभावना है। अनुमान है कि अभी कुछ दिन अत्यधिक तीव्र बारिश होगी।

सड़कें टूट जाने से असम, त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर में खाद्य पदार्थों और ईंधन की आपूर्ति बाधित हुई है। सप्लाई बनाये रखने के लिए सेना की मदद ली जा रही है और पड़ोसी देश बांग्लादेश से सप्लाई मंगवाने के इंतजाम किए जा रहे हैं। 

1,500 गांव जलमग्न 

असम में प्री-मानसून बारिश के कारण हुई भारी बाढ़ से बचने के लिए सात लाख से अधिक लोग अपने घरों को छोड़कर भाग गए हैं, जबकि अरुणाचल प्रदेश में भी व्यापक तबाही हुई है। असम में अब तक दस लोगों की जान जा चुकी है। ब्रह्मपुत्र ने पिछले तीन दिनों में असम में अपने तटों को तोड़ दिया है, जिससे लगभग 1,500 गांव जलमग्न हो गए। 

भूस्खलन से सड़कें और पुल टूट जाने के कारण पूर्वोत्तर राज्यों में आवागमन बाधित हो गया है। पेट्रोल डीजल की किल्लत न हो जाये, इसके लिए राशनिंग लागू कर दी गई है। असम में बाढ़ से घिरे गांव कस्बों में हेलीकॉप्टर से भोजन पैकेट गिराए जा रहे हैं। स्कूलों को बंद कर दिया गया है और अधिक बारिश की स्थिति के लिए तैयारी की गई है क्योंकि बारिश का मौसम तो अब शुरू होने वाला है।

असम से त्रिपुरा की कनेक्टिविटी टूटी 

असम हाल के वर्षों में अपनी सबसे भीषण बाढ़ से जूझ रहा है, और राज्य के 33 में से 29 जिले प्री-मानसून बारिश की चपेट में हैं। दीमा हसाओ और कछार सबसे ज्यादा प्रभावित जिले हैं। कछार में बराक नदी के बाढ़ के पानी ने एनएच 306 (सिलचर को आइजोल से जोड़ने वाले) के एक बड़े हिस्से को अपनी चपेट में ले लिया है। इसलिए पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर सभी वाहनों की आवाजाही को रद्द कर दिया। इसने मिजोरम को असम के सिलचर से काट दिया है। ये हाईवे मिजोरम के लिए जीवन रेखा है।

त्रिपुरा के अगरतला शहर के बड़े हिस्से में गुरुवार दोपहर एक घंटे से अधिक समय तक हुई 157 मिमी बारिश हुई, जिससे बाजार, घर, वाहन पानी में डूब गए। असम से त्रिपुरा की कनेक्टिविटी टूट जाने से राज्य में आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई बाधित हो गई है। ऐसे में त्रिपुरा ने कहा है कि वह बांग्लादेश के चटगांव बंदरगाह से ईंधन और आवश्यक वस्तुओं के स्रोत की योजना बना रहा है क्योंकि सड़कें और संचार बाधित है।

शहर के कम से कम 30 इलाकों में पानी भर गया 

बाढ़ का कहर बांग्लादेश में भी है। उत्तर पूर्वी जिलों में बारिश और बाढ़ से बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। सबसे खराब स्थिति सिलहट जिले की है। प्रशासन के मुताबिक सिलहट शहर के कम से कम 30 इलाकों में पानी भर गया है। जिले के कम्पानीगंज, गोवेनघाट, कनैघाट, जकीगंज, जैंतपुर और सिलहट सदर उपजिला में भी बाढ़ की स्थिति खराब हो गई है। सिलहट जिले और शहर में बाढ़ से 20 लाख लोग प्रभावित हुए हैं।।इस बीच, बाढ़ ने विभिन्न उपजिलों और सिलहट शहर में बिजली कटौती शुरू कर दी है, जिससे 11.5 लाख उपभोक्ता प्रभावित हुए हैं। बाढ़ का पानी बढ़ने के कारण विकास बोर्ड के दो सब-स्टेशन और पल्ली विद्युत समिति के दो सब-स्टेशन बंद कर दिए गए हैं।

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