क्या होता है जागर, कौन हैं जागर सम्राट पद्म प्रीतम भरतवाण

केंद्र सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर से धारा 370 व 35अ हटाने के सम्बंध में भाजपा द्वारा पूरे देश में चलाए जा रहे जन सम्पर्क व जन जागरण अभियान के अंतर्गत भाजपा राष्ट्रीय सह महामंत्री (संगठन ) शिव प्रकाश व प्रदेश अध्यक्ष व सांसद अजय भट्ट ने आज जागर सम्राट पद्मश्री प्रीतम भरतवाण से भेंट की ।

Update:2023-05-01 20:21 IST

देहरादून: केंद्र सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर से धारा-370 और 35अ हटाने को लेकर भाजपा के देश व्यापी जन सम्पर्क व जन जागरण अभियान के अंतर्गत भाजपा राष्ट्रीय सह महामंत्री (संगठन) शिव प्रकाश व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने जागर सम्राट पद्म प्रीतम भरतवाण से भेंट की व उन्हें इन धाराओं को हटाने के महत्व की विस्तृत जानकारी देते हुए उन्हें साहित्य भी उपलब्ध कराया ।

केंद्र सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर से धारा 370 व 35अ हटाने के सम्बंध में भाजपा द्वारा पूरे देश में चलाए जा रहे जन सम्पर्क व जन जागरण अभियान के अंतर्गत भाजपा राष्ट्रीय सह महामंत्री (संगठन ) शिव प्रकाश व प्रदेश अध्यक्ष व सांसद अजय भट्ट ने आज जागर सम्राट पद्मश्री प्रीतम भरतवाण से भेंट की । शिव प्रकाश व अजय भट्ट आज भरतवाण के आवास पर पहुंचे और उन्हें पुष्पगुच्छ भेंट कर व मिष्ठान खिला कर उन्हें सम्मानित किया। भरतवाण ने शिव प्रकाश व भट्ट को शाल पहना कर उनका स्वागत किया।

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भेंट के दौरान शिव प्रकाश व भट्ट ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 व 35 अ की राजनीतिक पृष्ठभूमि का उल्लेख करते हुए इसके जम्मू कश्मीर व देश पर पड़ रहे दुष्प्रभावों का उल्लेख किया और इन्हें हटाए जाने की ज़रूरत की जानकारी दी । साथ ही केंद्र द्वारा जम्मू कश्मीर व लद्धाख के विकास के लिए उठाए जा रहे क़दमों का भी विवरण बताया । उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह की दृढ़ इच्छाशक्ति कि प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने इतिहास की रचना की है।

क्या होता है जागर?

जागर का मतलब होता है जगाना। उत्तराखण्ड तथा नेपाल के पश्चिमी क्षेत्रों में कुछ ग्राम देवताओं की पूजा कि जाती है, जैसे गंगनाथ, गोलु, भनरीया, काल्सण आदि। बहुत देवताओं को स्थानीय भाषा में 'ग्राम देवता' कहा जाता है। ग्राम देवता का अर्थ गांव का देवता है। अत: उत्तराखण्ड और डोटी के लोग देवताओँ को जगाने हेतु जागर लगाते हैं ।

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जागर में "जगरीया" मुख्य पात्र होता है

जागर मन्दिर अथवा घर में कहीं भी किया जाता है। जागर "बाइसी" तथा "चौरास" दो प्रकार के होते हैं। बाइसी बाईस दिनों तक जागर किया जाता है। कहीं-कहीं दो दिन का जागर को भी बाईसी कहा जाता है। चौरास मुख्यतया चौधह दिन तक चलता है। पर कहीं-कहीं चौरास को चार दिनों में ही समाप्त किया जाता है। जागर में "जगरीया" मुख्य पात्र होता है। जो रामायण, महाभारत आदी धार्मीक ग्रंथों की कहानीयों के साथ ही जीस देवता को जगाया जाना है उस देवता का चरित्र को स्थानीय भाषा में वर्णन करता है। जगरीया हुड्का (हुडुक), ढोल तथा दमाउ बजाते हुए कहानी लगाता है। जगरीया के साथ में दो तीन जने और रहते हैं। जो जगरीया के साथ जागर गाते हैँ और कांसे की थाली को नगाड़े की तरह बजाते हैं ।

जागर का दुसरा पात्र होता है "डंगरीया"

जागर का दुसरा पात्र होता है "डंगरीया" (डग मगाने वाला) डंगरीया के शरीर में देवता चढता है। जगरीया के जगाने पर डंगरीया कांपता है और जगरीया के गीतों की ताल में नाचता है। डंगरीया के आगे चावल के दाने रखे जाते हैं जिसे हाथ में लेकर डंगरीया और लोगों से पुछा गया प्रश्न का जवाब देता है। कोई-कोई डंगरीया आदमी का भुत भविष्य तथा वर्तमान सटिक बताते हैं । जागर का तीसरा पात्र होता है स्योंकार (सेवाकार) स्योंकार उसे कहा जाता है जो अपने घर अथवा मन्दिर में जागर कराता है और जगरीया, डगरीया लगायत अन्य लोगोँ के लिए भोजन पानी का पुरा व्यवस्था करता है। जागर कराने से स्योंकार को इच्छित फल प्राप्ति का विश्वास किया जाता है।

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धारा 370 व 35 अ हटाने का समाचार आया तो प्रफुल्लित होकर उन्होंने जागर गाया

भरतवाण ने शिव प्रकाश व अजय भट्ट के आगमन पर हार्दिक आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि जिस समय धारा 370 व 35 अ हटाने का समाचार आया तो वे उस समय बर्मिघम में थे और समाचार सुनते ही उनकी आंखों में आंसू आ गये। वे इस समाचार से इतने प्रफुल्लित हुए कि उन्होंने वहां जागर गाया। भरतवाण ने इस अवसर पर जागर भी गाया।

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